Aliens: किसी दूसरी दुनिया के बाशिंदों जिन्हें हम एलियन्स कहते हैं उनके होने या न होने को लेकर अक्सर पूरी दुनिया मे चर्चा होती रहती है । हालांकि आज तक किसी ने एलियन्स को अपनी आंखों से नहीं देखा लेकिन माना जाता है कि एलियन्स यानी इस पृथ्वी से करोड़ो किमी दूर किसी गृह से हम मनुष्यों जैसे ही लोग रहते होंगे ।
वैसे तो इस विषय पर पूरी दुनिया मे खूब शोध होते रहते हैं लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एलियन्स से सम्पर्क करने का तरीका ईजाद किया है । यही नहीं वैज्ञानिकों के बताए इस तरीके से आप एलियन्स से बात भी कर सकते हैं । हाल ही में यूनाइटेड किंगडम के दो वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में खुलासा किया है । वैज्ञानिकों ने बताया है कि इसी तरीके से एलियन्स भी आपस मे सम्पर्क स्थापित करते होंगे ।
इस पोस्ट में
ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने Aliens से संपर्क करने का गणितीय मॉडल तैयार किया है । इसके अनुसार हम क्वांटम कम्युनिकेशन के माध्यम से Aliens से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं । शोधकर्ताओं ने अपने गणितीय मॉडल से यह दिखाने की कोशिश की है कि एलियन्स शायद क्वांटम भौतिकी के माध्यम से अंतरिक्ष मे एक दूसरे से सम्पर्क करते हों । यदि ऐसा सच मे है तो क्वांटम कम्युनिकेशन के जरिये पृथ्वी से भी लाखों किलोमीटर दूर एलियन्स से बात की जा सकती है ।
क्वांटम फिजिक्स के आधार पर हम सूचनाओं को किसी भी अन्य माध्यम से अधिक तेजी से संचारित कर सकते हैं । क्वाण्टम नेटवर्क बेहद नाजुक और संवेदनशील होता है । इसके माध्यम से हम अंतरिक्ष मे ज्यादा तेजी से सूचनाएं प्रसारित कर सकते हैं । बता दें कि पृथ्वी पर क्वांटम कम्युनिकेशन पर अभी काम हो रहा है और इससे जुड़ी टेक्नोलॉजी आने में सालों लग सकते हैं । अभी जिस माध्यम से सूचनाएं एक से दूसरे तक जाती हैं उसकी तुलना में क्वांटम कम्युनिकेशन के आने से संचार पूरी तरह से बदल जायेगा ।
हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा किये गए शोध के अनुसार क्वांटम कम्युनिकेशन से बना नेटवर्क नाजुक होने के कारण बिना टूटे अंतरिक्ष मे काम कर सकते हैं । शोधकर्ता मानते हैं कि यदि प्रकाश कणों को जिन्हें हम फोटान के नाम से जानते हैं उनका इस्तेमाल हम क्वांटम कणों के रूप में करते हैं तो उन्हें हजारों प्रकाश वर्ष की दूरी तक कम्युनिकेट किया जा सकता है ।
दरअसल पदार्थ का औसत घनत्व जितना पृथ्वी में होता है उसकी तुलना में अंतरिक्ष मे बहुत ही कम होता है । यही नहीं पृथ्वी की तुलना में वहां साफ वातावरण होने के चलते नेटवर्क बाधित होने की सम्भावना भी नहीं होती । जबकि गुरुत्वाकर्षण बल भी क्वांटम कम्युनिकेशन को प्रभावित नहीं कर सकता । इस आधार पर हम कह सकते हैं कि एलियन्स सम्भवतः इसी तकनीक का इस्तेमाल एक दूसरे से सम्पर्क करने के लिए करते होंगे ।
कहाँ सिलेंडर पानी में फेक रहे लोग, मूत्र पिने वाला दरोगा, और ये है पूरे देश की सास
हैरान कर देगी ये पति पत्नी और वो की कहानी, परेशान पति पहूंचा थाने..
ब्रिटेन स्थित एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के भौतिक विज्ञानी और शोधकर्ता अर्जुन बेरेरा और उनके साथ जैम कालडेरोन- फिगुएरोआ ने मिलकर यह शोध पत्र तैयार किया है । इस शोध के अंतर्गत इन वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष मे एक्सरे गति की गणना की । Aliens से सम्बंधित संचार की संभावनाओं को टटोलते हुए इस शोध को फिजिकल रिव्यू डी. में प्रकाशित किया गया है ।
शोधकर्ताओं का मानना है कि एलियन दूसरे लोगों से सम्पर्क स्थापित करने के लिये या बात करने के लिए क्वांटम नेटवर्क का इस्तेमाल करते होंगे । उन्होंने यह भी कहा कि यह भी हो सकता है कि एलियन इसी नेटवर्क के जरिये पृथ्वी पर मौजूद लोगों से सम्पर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हों । हालांकि इसके अभी पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं तो भी इससे उनके जीवन को समझने में मदद तो मिलती है ।
शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि Aliens क्वाण्टम सिग्नल भेजते हैं तो उसे डिकोड करने के लिए अच्छे क्वांटम कम्प्यूटर की जरूरत पड़ेगी । बता दें कि अभी भी प्रकाश की गति कहीं अधिक तेज है और सूचना उससे अधिक तेज नहीं चल सकती । यही कारण है कि अंतरिक्ष मे सूचना या प्रसारण को पहुंचने में काफी समय लग सकता है ।