Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश में चाचा-भतीजा का नाम जब भी लोगों की जुबान पर आता है तब अनायास ही जहन में शिवपाल यादव और उनके साथ अखिलेश यादव चले आते हैं । हो भी क्यों न ,आखिर 2017 विधानसभा चुनावों से पहले शुरू हुई अहम की लड़ाई ने राजनीतिक गलियारों में चाचा- भतीजे की इस जोड़ी को फेमस कर दिया है । जब से शिवपाल-अखिलेश के बीच मनमुटाव शुरू हुआ तब से लोगों के पास हर महीने-15 दिन में इनसे जुड़ी कोई न कोई खबर पहुंच जाती है ।
हाल ही में सम्पन्न हुए 2022 के विधानसभा चुनावों में जब चाचा शिवपाल यादव फिर से सपा में आये और सपा के चुनाव निशान पर जसवंतनगर सीट से लड़े तो एकबारगी लगा कि उत्तर प्रदेश के इस सियासी रसूख वाले परिवार में एका होने लगी है परंतु जैसे ही चुनाव बीते और परिणाम में बीजेपी बहुमत पाकर फिर से सत्ता में लौटी तब यह धीरे धीरे पटती दिख रही खाई फिर से गहरी हो गयी ।
कारण कुछ भी रहा हो किंतु सच तो ये है कि चाचा- भतीजे के बीच दूरियां इतनी बढ़ गईं हैं कि उसके लिए अब किसी बहाने की भी जरूरत नहीं पड़ती बल्कि अब तो खुलेआम मीडिया में बयान दिए जा रहे हैं कि शिवपाल यादव बीजेपी में जाना चाहते हैं तो जा क्यों नहीं रहे।
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हाल ही में यह बयान सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav ने अपने चाचा और पूर्व कबीना मंत्री शिवपाल यादव के लिए दिया है। अखिलेश से जब एक मीडिया कर्मी ने शिवपाल के बीजेपी में जाने को लेकर सवाल पूछा तो अखिलेश अपने आपे से बाहर जाते हुए दिखे । अमूमन वह मीडिया के सामने UP की एक बड़ी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते सोच समझकर ही मुंह खोलते हैं पर जब बात चाचा शिवपाल पर आई तो उनके लहजे में तल्खी साफ दिखी।
उन्होंने मीडिया वालों से ही पूछते हुए कहा,” यदि शिवपाल यादव बीजेपी में जाना चाहते हैं तो शौक से जाएं। बीजेपी उन्हें क्यों नहीं ले रही ? बीजेपी इतनी देर क्यों कर रही। बीजेपी के नेता चाचा को लेने में इतना देर क्यों कर रहे हैं । बाद में उन्होंने लहजे को थोड़ा नरम रखते हुए चाचा शिवपाल की बजाय बीजेपी को घेरते हुए यह भी जोड़ा,उन्होंने कहा,” मुझे चाचा से नाराजगी नहीं है मगर बीजेपी उन्हें लेने में देर क्यों कर रही और बीजेपी वाले इतना खुश क्यों हैं ।”
समाजवादी पार्टी को बड़े भाई मुलायम सिंह यादव संग खड़ा करने और मजबूत बनाने में रात-दिन एक करने वाले शिवपाल यादव से जब पत्रकारों ने अखिलेश के दिये बयान के बारे में जानना चाहा तो इधर भी तल्खी साफ दिखी । शिवपाल यादव ने भतीजे अखिलेश यादव को घेरते हुए ही पूछ लिया कि यदि हमें पार्टी से निकालना ही है तो निकाल दें, ये बीजेपी में जाने को लेकर क्यों बार बार कह रहे हैं ।
प्रसपा अध्यक्ष और पूर्व कबीना मंत्री शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के उनपर दिए बयान को बचकाना करार देते हुए कहा,” यदि उन्हें हमको पार्टी से निकालना ही है तो साफ कहते हुए क्यों नहीं निकाल देते । रही बात बीजेपी में जाने या न जाने की तो इसका निर्णय समय आने पर लिया जाएगा और आप सबको( मीडिया कर्मियों को) अवगत भी करा दिया जाएगा । ” बता दें कि उक्त बातें शिवपाल यादव ने अपने ग्रह जनपद इटावा में कहीं।
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ऊपर दी गयी तस्वीर हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों से ठीक पहले की है जब पार्टियों का गठबंधन चल रहा था । इसी क्रम में Akhilesh Yadav ने चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव के साथ न सिर्फ गठबंधन किया बल्कि फ़ोटो भी खिंचाई । हालांकि यह अलग बात थी कि फ़ोटो तक मे दूरी साफ दिखी और दोनो व्यक्तियों में से कोई भी सहज नहीं था ,चेहरे में खिंचाव साफ दिख रहा था । खैर, चुनाव हुए लेकिन सपा गठबंधन 111 सीटों पर सिमटकर सत्ता में आने का मौका गंवा बैठा ।
यहीं से चाचा भतीजे के करीब आने की जो उम्मीद दिख रही थी वह भी मद्धिम पड़ गयी । इसका असर तब दिखा जब सपा के विधायक दल की बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया जबकि वह लखनऊ में ही थे और बमुश्किल आधे घण्टे में मीटिंग में पहुंच जाते । शिवपाल ने नाराजगी तो जाहिर की ही साथ ही यह सन्देश भी दे दिया कि अब वह निर्णायक कदम उठाएंगे ।
यद्यपि सपा ने शिवपाल यादव को बैठक में न बुलाये जाने पर यह कहते हुए सफाई देने की कोशिश की थी कि बैठक सिर्फ उन विधायकों की थी जो समाजवादी पार्टी से थे । हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों से यह छुपा नहीं रहा कि रिश्ते फिर से बिगड़ रहे हैं । और इसकी बानगी बैठक के ठीक बाद ही मिली जब शिवपाल यादव अगला कार्यकाल सम्भालने जा रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी ।
कहने को तो यह शिष्टाचार मुलाकात थी और शिवपाल यादव योगीजी को जीत की बधाई देने पहुंचे थे किंतु राजनीतिक हलकों में यह चर्चा सरेआम हो गयी कि शिवपाल यादव बीजेपी जॉइन करने वाले हैं । हालांकि अभी तक उन्होंने इसकी घोषणा नहीं की है ।