Categories: विवाद

AIMPLB: सूर्यनमस्कार पर हुआ विवाद, All India Muslim Personal Law Board ने कहा- इसकी इजाजत नहीं देता इस्लाम

Published by

सूर्य नमस्कार पर हुआ विवाद AIMPLB

AIMPLB: स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने सूर्य नमस्कार का कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्देश का विरोध किया है। AIMPLB के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने यह बयान जारी कर कहा है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। यहां बहुसंख्यक समुदाय के नीति रिवाज तथा पूजा पद्धति को सभी धर्मों के ऊपर नहीं थोपा जा सकता है। मौलाना ने सूर्य नमस्कार कार्यक्रम से मुस्लिम छात्र छात्राओं को दूर रहने की भी हिदायत दी है।

संविधान के खिलाफ आदेश को मौलाना ने बताया

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के जरिए सारे राज्यों को जारी किए गए आदेश को मौलाना ने ही संविधान के खिलाफ बताया है। हालांकि AIMPLB भारत सरकार की तरफ से सारे राज्यों को 1 जनवरी से 7 जनवरी तक अपने स्कूलों में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्देश दे दिया गया है। AIMPLB ने यह कहा कि भारतीय संविधान में सभी धर्मों के लोगों को अपने अपने धर्म के मुताबिक पूजा प्रार्थना आदि करने की छूट दी गई है। इसी वजह से किसी भी धर्म विशेष की पूजा पद्धति को सारे धर्मों के लोगों पर थोपा नहीं जा सकता। उनका यह भी कहना है कि सरकार संविधान में धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का सम्मान करते हुए इस तरह के आदेश को वापस से ले लें। सरकार अगर वाकई में देश से मोहब्बत का इजहार करना चाहती है तो उसे देश की वास्तविक समस्याओं पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

जब एक चाचा ने बोल दिया की ब्राह्मण होकर ये सब्जिओ बेच सकता है तो कोई और क्यों नहीं

विदेश में भी “बादशाह” का बज रहा डंका, सिर्फ नाम पर ही बिना पैसा दिए महिला का हो गया काम


किसी भी विशेष धर्म की पूजा पद्धति को कराने की अनुमति दी ही नहीं जानी चाहिए

AIMPLB के मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमान ने यह कहा कि स्कूलों में सारे धर्मों के बच्चे पढ़ते हैं। इस वजह से भी स्कूलों में किसी विशेष धर्म की पूजा पद्धति को कराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि अगर स्वतंत्रता दिवस पर सरकार को स्कूलों में कोई कार्यक्रम आयोजित कराना है तो उन्हें देश प्रेम से जुड़े हुए गीत संगीत आदि का कार्यक्रम आयोजित कराना चाहिए। ताकि सारे धर्मों के लोग उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले सकें। इस तरह का प्रोग्राम स्कूलों में बिल्कुल भी आयोजित नहीं किया जाना चाहिए। जिससे कि किसी अन्य धर्मों के लोगों को उसे करने में परेशानी पेश आए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को हमेशा राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर ही प्रोग्राम तथा योजनाएं बनाना चाहिए। मुस्लिम छात्र छात्राओं से उन्होंने आह्वान किया है कि वो स्कूलों में आयोजित होने वाले सूर्यनमस्कार के कार्यक्रम का बहिष्कार करें तथा उसमें बिल्कुल भी शामिल ना हो। उन्हें ऐसे कार्यक्रम में शामिल होने से बचना चाहिए क्योंकि इस तरह के कार्यक्रम में इस्लाम उन्हें भाग लेने की इजाजत नहीं देता है।


Recent Posts