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जनसंख्या नियंत्रण कानून में चीन के बाद दूसरा स्थान है। और भारत में बढ़ती जनसंख्या कई परेशानियों का कारण बनी हुई है। 2011 की जनगणना में भारत के राज्य उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 19.98 करोड़ के लगभग की और उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर था जिसकी जनसंख्या 11.23 करोड़ थी। और इन 10 सालों में यह जनसंख्या बड़ी तीव्र गति से बड़ी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि 11 जून को नई जनसंख्या नियंत्रण कानून की घोषणा की जाएगी । यह नई जनसंख्या नीति 2030 तक प्रभावी रहेगी। राज्य विधि आयोग जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा तैयार कर रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि भारत जनसंख्या 2021 अब जिसके दो बच्चों से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें सरकारी सेवाओं से वंचित रखा जाएगा और उनसे मतदान का अधिकार छीन लिया जाएगा। भारत जनसंख्या 2021 दो बच्चों से ज्यादा बच्चे करने वालों को गवर्नमेंट सब्सिडी नहीं दी जाएगी। और कई प्रकार के सुख सुविधाओं से ऐसे परिवारों को, ऐसे माता-पिता को वंचित रखा जाएगा और उन्हें सरकारी नौकरियों से भी वंचित रखा जाएगा।
लेकिन इस कानून के दायरे से SC और ST को बाहर रखा जाएगा। इस घोषणा का यह आलोचनात्मक बिंदु है । जनसंख्या नियंत्रण के दायरे में संपूर्ण भारत की जनसंख्या को आना चाहिए।
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ऐसा नहीं है कि यह कानून केवल उत्तर प्रदेश में ही पहली बार लागू हो रहा है यह कानून असम में भी लागू हो चुका है और कुछ ऐसे राज्य हैं जहां ” टू चाइल्ड पॉलिसी ” लागू करके और फिर हटा भी दी गई है । भारत जनसंख्या 2021 टू चाइल्ड पॉलिसी हटाने वाले राज्य मध्य प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश हैं। टू चाइल्ड पॉलिसी को हटाने के पक्ष में तर्क दिया गया कि इससे औरतो पर बुरा प्रभाव पड़ता है यदि किसी नेता को चुनाव लड़ना है और उसकी बीवी को दो बच्चों के बाद तीसरा बच्चा भी हो गया तो इससे उस औरत को परेशानी झेलनी पड़ सकती है और हो सकता है कि उसे तलाक लेकर तीन बच्चों के साथ अकेला रहना पड़ जाए । भारत जनसंख्या 2021 इसलिए टू चाइल्ड पॉलिसी को इन राज्यों ने हटा दिया। क्योंकि टू चाइल्ड पॉलिसी में नियम है कि 3 बच्चे वालों के माता-पिता को किसी भी सरकारी सुविधा लेने और चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है।
1. सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून करने के लिए कानून व्यवस्था को अच्छा करना चाहिए और जो जनसंख्या नियंत्रण कानून है उन्हें ठीक से पालन कराने के लिए कानून व्यवस्था कठोरता से कदम उठाने चाहिए। कानून द्वारा लड़कियों की शादी 18 वर्ष और लड़कों की शादी की उम्र 21 रखी गई है लेकिन इस नियम का पालन कठोरता से नहीं हो रहा है। कम उम्र की लड़कियों की शादी भी कर दी जा रही है जिससे जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहन मिल रहा है।
2. जनसंख्या नियंत्रण कानून कम करने के लिए लोगों का शिक्षित होना अति आवश्यक है। जनसंख्या के शिक्षित होने से जनसंख्या को पता रहता है कि सीमित परिवार का क्या महत्व है। जनसंख्या नियंत्रण कानून वृद्धि हो रही है तो किस प्रकार जनसंख्या का नियंत्रण संभव है उस पर एक शिक्षित व्यक्ति अच्छे से विचार कर सकता है।
3. सरकार को स्कूल कॉलेजों में स्वास्थ्य और यौन शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे बच्चों को ज्ञान हो कि जनसंख्या किस प्रकार बढ़ती है और इसे नियंत्रण कैसे किया जाता है और जनसंख्या को नियंत्रण करना क्यों जरूरी है।
4 . सरकार को रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे भारत जनसंख्या 2021 पर नियंत्रण किया जा सके और लड़कों के साथ साथ यदि लड़कियों को भी रोजगार मिलेगा तो समाज की मानसिकता से धीरे-धीरे यह बात निकल जाएगी कि केवल लड़के ही पैदा होने चाहिए क्योंकि लड़कियों को तो दूसरे घर जाना है और उन्हें दहेज भी देना पड़ेगा इसलिए लड़कियां पैदा ही ना हो और यदि लड़की अपने पैरों पर खड़े होगे रोजगार कर रही होगी तो समाज के इस सोच को भी खत्म किया जा सकता है। और लोग लड़के पैदा करने के लिए बहुत सारे बच्चे पैदा नहीं करेंगे।
5. सरकार को जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए प्रलोभन देने की भी आवश्यकता है। जिसके 2 बच्चे होंगे उन्हें सरकारी सेवाएं दी जाएंगी और जिनके एक बच्चा होगा उन्हें उच्च गुणवत्ता की सेवा दी जाएगी और जिनके बच्चे नहीं होंगे उनके बुढ़ापे के गुजर-बसर के लिए सरकार को व्यवस्था करनी पड़ेगी।
भारत जनसंख्या 2021 नियंत्रण करना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है जनता की ही जनसंख्या नियंत्रण करने में महत्वपूर्ण भागीदारी होनी चाहिए।
1. जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए लोगों को चाहिए कि वह भी अपने बच्चों की कम उम्र में शादी ना करें क्योंकि कम उम्र में शादी हो जाने से लड़की जल्दी गर्भवती हो जाती है और जनसंख्या वृद्धि का कारण बनती है।
2. और लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए अपने दोनों बच्चों के बीच 3 साल का अंतर रखना चाहिए।
3. लोगों को जागरूक होना चाहिए और जो जागरूक नहीं है उन्हें जागरूक करना चाहिए कि बच्चे पैदा होना भगवान के हाथ में नहीं है। बच्चों को पैदा करने और कितने बच्चे पैदा होने चाहिए इंसानों के हाथ में है।
4. हमारा समाज पुरुष प्रधान है जहां किसी का लड़का नहीं है तो वह दबा हुआ महसूस करता है। और हमेशा दुखी रहता है। पुत्र की चाह में लोग एक के बाद एक लड़कियों को पैदा करते जाते है और जब तक लड़का पैदा नहीं होता है तब तक संतान पैदा करते रहते हैं और जनसंख्या बढ़ाते हैं। यह हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि का बड़ा कारण है।