पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव मे पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर की भी बारी आ गई है। कल मणिपुर में पहले चरण का मतदान होगा। मणिपुर की 35 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 19 मार्च को मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है इसलिए इससे पहले चुनाव पूर्ण कराना जरूरी है।
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60 सदस्यी मणिपुर विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 28 फरवरी को होगा। तो वही दूसरे चरण में 5 मार्च को वोट डाले जाएंगे। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।
पहले चरण में 35 सीटों पर वोटिंग होगी। 1-खुंद्रकपम, 2-हिंगांग, 3-खुरई, 4-खेत्रीगाओ, एस-थोंगजू, 6-केइराओ, 7-एंड्रो, 8-लमलाई, 9-थांगमीबंद, लो-उरीपोक, 1एल-सगोलबंद, एल2-कीसमथोंग, एल3- सिंगजामेई, एल4-याइसकुल, 15 वांगखेई, 16-सेकमाई (एससी), 17-लामसंग, 18-कोंथौजम, 19-पटसोई, 2ओ-लंगथाबल, 21- नौरिया पखांगलक्पा, 22-वांगोई, 23-मायंग इंफाल, 24-नंबोल, 25-ओनम, 26-बिशनपुर, 27-मोइरंग, 28-थंगा, 29-कुंबी, 46-सैकुल (एसटी), सो-कांगपोकपी, 51-सैतु (क्रम-), 55- तपैमुख (एसटी), 56-थनलोन ( एसटी), 57-हेंगलेप (एसटी), 58 चुराचांदपुर (एसटी), 59-सैकोट (एसआई), और 60-सिंघाट (एसटी) सीट पर पहले चरण में मतदान होगा।
पहाड़ी राज्य में मतदाताओं की संख्या कम है। चुनाव आयोग के जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कुल 20 लाख 34 लाख 758 मतदाता है। इन 2000000 मतदाताओं के लिए राज्य भर में कुल 2959 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
वर्ष 2017 के चुनाव में जनता ने खंडित जनादेश दिया था। बहुमत के लिए राज्य में 21 सीटें चाहिए होती है जो किसी भी राजनीतिक दल के पास नहीं थी। 60 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटों के साथ कांग्रेस पहले नंबर पर थी। और 21 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर। हालांकि छोटे दलों और कुछ निर्दलीय विधायकों के सहयोग से भाजपा ने एन बीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में पहली बार सरकार बनाई थी।
भाजपा इस बार सरकार में अपने सहयोगी दलो के बिना ही चुनाव मैदान में है। भाजपा ने अकेले 60 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस ने मणिपुर में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए पांच अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर चुनाव पूर्व गठबंधन बनाया है। कांग्रेस गठबंधन ने 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। काकचिंग सीट पर उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है।