

बुधवार को उत्तर प्रदेश में चौथे चरण का चुनाव है। मतदान के कुछ घंटे पहले यूपी की सियासत में एक बड़ी तस्वीर सामने आई। प्रयागराज से भाजपा सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने सपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। मुलाकात की तस्वीर खुद अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर पर पोस्ट कर जानकारी दी। हालांकि उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट बताया लेकिन सियासी गलियारों में इस भेंट के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। बहुत समय से मयंक के सपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी।
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हालांकि अभी उन्होंने सपा में शामिल होने का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। बुधवार 23 फरवरी को लखनऊ समेत 9 जिलों में वोटिंग है। इसका सीधा असर लखनऊ कैंट विधानसभा सीट पर पड़ना तय माना जा रहा है।
लखनऊ कैंट सीट से भाजपा ने प्रदेश सरकार के विधि और न्याय मंत्री बृजेश पाठक को अपना उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं सपा बसपा कांग्रेस ने स्थानीय व्यापारियों को उम्मीदवार बनाया है। सपा ने 49 साल के राजू गांधी को मैदान में उतारा है, जबकि बसपा ने ब्राह्मण व्यवसायी अनिल पांडेय ने 49 को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने 36 वर्षीय सिख व्यवसायी दिलप्रीत सिंह विर्क को मैदान में उतारा है।
सूत्रों की माने तो मयंक ने भाजपा आलाकमान के सामने एक शर्त रखी थी कि अगर उन्हें लखनऊ कैंट से टिकट नहीं मिलता है तो फिर किसी भी नए कार्यकर्ता और पदाधिकारी को यहां से उम्मीदवार ना बनाया जाए। यह सीट काबीना मंत्री बृजेश पाठक को दे दी जाए। अगर पाठक यहां से उम्मीदवार बनेंगे तो वह भाजपा में ही रहेंगे वरना वह पार्टी छोड़ सपा में शामिल हो जाएंगे। आलाकमान ने मयंक की शर्त को मान भी लिया था।
प्रयागराज से सांसद डॉक्टर जोशी ने सांसदी छोड़ने तक का ऑफर पार्टी आलाकमान के सामने रख दिया था। करीब 1 माह पहले दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए डॉ जोशी ने कहा था “मेरा बेटा 12 साल से बीजेपी में काम कर रहा है। ऐसे में उसने टिकट मांगा है। यह उसका अधिकार भी है। इतना ही नहीं उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर यह कहा कि “अगर पार्टी उनके बेटे को लखनऊ कैंट से टिकट देती है,तो वह सांसद पद से इस्तीफा भी देने के लिए तैयार है। 2024 का लोकसभा चुनाव भी वह नहीं लड़ेंगी।
मयंक जोशी भाजपा सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के बेटे हैं। मयंक ने पढ़ाई पूरी करने के बाद इंटरनेशनल कंपनी में नौकरी भी की थी। वह 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए थे और अपनी मां के लिए प्रचार किया था। 2017 में भी उन्होंने अपनी मां के लिए लखनऊ कैंट में प्रचार किया था।
कैंट से विधायक रह चुके हैं जोशी
लखनऊ कैंट से रीता बहुगुणा जोशी दो बार विधायक रह चुकी हैं। पहली बार वह 2012 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए भाजपा के सुरेश तिवारी को करीब 12000 वोटों से हराकर विधानसभा पहुंची थी।
लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2017 में उन्हें भाजपा ने अपना प्रत्याशी भी बनाया था। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और तब सपा उम्मीदवार अपर्णा यादव को उन्होंने 34 हजार वोटों से पटखानी दी थी। वह योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री थी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें प्रयागराज से सांसदी लडाया और वह जीत करके लोकसभा पहुंची।
बुधवार को 59 सीटों पर है वोटिंग
बुधवार 23 फरवरी को लखनऊ समेत नौ जिलों की 59 सीटों मतदान होना है। इस चरण में कुल 2.13 मतदाता अपने मताधिकार प्रयोग करेंगे। इस चरण में 59 सीटों के लिए 624 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमें 91 महिला प्रत्याशी भी है। इस चरण में 16 सुरक्षित सीटें भी शामिल है। 2017 में इन सीटों पर 62.55 प्रतिशत मतदान हुआ था।