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मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का है। जहां एक बच्चे ने Online game के लिए ₹40000 गंवाने के बाद आत्महत्या कर ली। वर्तमान में ऑनलाइन गेम बच्चों के भविष्य और वर्तमान के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। बच्चों में ऑनलाइन गेम की लत खतरनाक से खतरनाक काम करने के लिए मजबूर कर देते हैं।
पुलिस के अनुसार बच्चे की मां काम पर गई हुई थी तब उनको एक संदेश प्राप्त हुआ कि उनके अकाउंट से ₹40000 निकाले गए हैं तब उसकी मां ने फोन लगाकर बच्चे को डांट लगाई और नतीजतन बच्चे ने घर के एक कमरे में लगे पंखे पर फांसी पर लटक कर अपनी जान दे दी। यह बहुत ही चिंताजनक बात है की ऑनलाइन गेम्स बच्चों के दिमाग पर बहुत बुरा तरह डाल रहे हैं लेकिन इस सच्चाई को जानते हुए भी अभिभावक और उनसे अधिक खास तौर पर बच्चे अपने इस लत से बाज नहीं आ रहे हैं।
कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण सभी लोग अपने घर पर रहे और समय बिताने के लिए लोगों ने ऑनलाइन गेम को खेलना उचित समझा। लोग केवल समय बिताने के लिए ऑनलाइन गेम खेल रहे थे। लेकिन गेम खेलते खेलते उन्हें गेम की लत लग गई। खासतौर पर बच्चों को मोबाइल Online game की बहुत लत लग गई। ऑनलाइन गेम की लत बच्चों को ऐसी लगी कि हुआ है गेम के लिए खाना, पीना, सोना आदि आवश्यक काम भी नहीं करते हैं जो कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। लेकिन ऑनलाइन गेम्स का खतरनाक प्रभाव बच्चों पर इतना बढ़ता जा रहा है कि अब बच्चे किसी की सांस रोकने में और अपनी सांस रोकने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं।
यह पहला मामला नहीं है जब Online game ने किसी घर की खुशियां छीनी है । ऐसे बहुत से केस है जिसमें कई घरों की खुशियां ऑनलाइन गेम के कारण उजड़ गई।
इसका तात्पर्य Online game के लिए बच्चे किसी की जान लेने में और अपनी जान देने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं ऐसा ही एक केस इंडोनेशिया में हुआ था । एक मां अपने बच्चे की इस लत को देखकर बहुत ही चिंतित थी। वह हमेशा अपने बच्चे को गेम खेलने से मना करती रहती थी। और यह बात बच्चे को बिल्कुल भी पसंद नहीं आती थी । उस बच्चे ने अपनी मां के लिए अंदर ही अंदर बहुत नफरत पाल रखी थी। एक दिन जब उसकी मां ने बच्चे को ऑनलाइन गेम खेलने के लिए मना किया तो बच्चे ने चाकू मारकर अपनी मां की हत्या कर दी।
ऐसा ही एक वाकया भारत देश के कर्नाटक राज्य में हुआ था। लड़के को गेम खेलने की इतनी लत लग गई थी कि उसका प्रभाव लड़के की पढ़ाई पर भी पड़ने लगा था। जब लड़के के पिता ने लड़के को गेम खेलने से मना किया तो लड़के ने अपने पिता का पैर काट दिया और फिर अपने पिता का सिर धड़ से अलग कर दिया।
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ऑनलाइन गेम्स के कारण बच्चे अब अपराधिक गतिविधि करने में भी नहीं हिचक रहे हैं और उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। वर्तमान समय की यह बहुत बड़ी चुनौती है। ऑनलाइन गेम्स के लिए बच्चे मरने मारने के लिए भी तैयार हैं। और प्रत्येक बच्चे अपने पढ़ने-लिखने की उम्र में अपना ऐसा समय बर्बाद कर रहे हैं कि बस यही मान लो कि देश का भविष्य संकट में है।
जब किसी बच्चे को ऑनलाइन गेम की बहुत ज्यादा लत लग गई हो तो उस बच्चे को गेम से एकदम से अलग नहीं किया जाए। बच्चे को एकदम से गेम से अलग करने में बच्चे को बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती है। ऑनलाइन गेम की लत लगे हुए बच्चे को तुरंत ही मनोचिकित्सक को दिखाना चाहिए।
और भारत सरकार को भी चाहिए कि इस प्रकार के ऑनलाइन गेम अपने देश से बैन कराएं। इससे अच्छा खेल का मैदान बनवाएं जहां खेलने से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होगा।