Zimbabwe में कम उम्र में लड़कियों के गर्भवती होने तथा स्कूल छोड़ने पर रोक लगाने के लिए देश के Supreme Court ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने सहमति से सेक्स करने की कानूनी उम्र की सीमा 16 से बढ़ाकर 18 वर्ष कर दी है। हालांकि लोगों ने भी कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। जबकि एक्टिविस्टों का यह कहना है कि इससे किशोर लड़कियों के यौन उत्पीड़न की घटनाएं तथा स्कूल ड्रॉपआउट पर रोक लगेगी।
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आपको बता दें कि जिम्बाब्वे की क्रिमिनल लॉ के मुताबिक लड़की यदि 16 वर्ष की है तो वह सहमति से सेक्स कर सकती हैं। लेकिन अभी देश के सबसे बड़े कोर्ट ने असंवैधानिक प्रावधानों के रूप में इस नियम को खत्म कर दिया है। रिपोर्टों के मुताबिक शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद से संसद तथा न्याय मंत्रालय को संविधान के प्रावधानों के अनुरूप ही 1 वर्ष के अंदर सभी बच्चों को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा देने के लिए एक कानून बनाना पड़ेगा। असल में 2 महिलाएं जिनकी शादी बचपन में हो गई थी। उन्होंने कोर्ट में अर्जी दायर की थी कि उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
लोगों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए यह कहा है कि इससे देश में यौन उत्पीड़न की घटनाएं तथा किशोर लड़कियों के गर्भवती होने के मामलों में कमी आएगी। अधिकारियों और मानवाधिकार समूह का यह कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से किशोर लड़कियां बड़ी संख्या में गर्भवती हुई। जिसके बाद से उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा।
एपी की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट में लड़कियों के केस की पैरवी करने वाले वकील टेंडाई सिटी ने यह कहा है कि ये फैसला है कि हम बच्चों खासकर लड़कियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर करें। अदालत का ये फैसला बच्चों की प्रताड़ना पर एकदम से रोक नहीं लगाएगा। लेकिन ऐसे मामले को कम जरूर करेगा। ये फैसला एक प्रकार से किशोर लड़कियों को सुरक्षित माहौल देगा।
गौर करें तो सहमति से सेक्स की उम्र की सीमा पर अफ्रीकी देश में लंबे वक्त से विवाद हो रहा है। एक्टिविस्टों का यह कहना है कि 16 वर्ष की उम्र में सहमति से सेक्स करने की छूट मिलने से किशोर लड़कियों का उत्पीड़न हुआ है। चूंकि बीते वर्ष न्याय मंत्री जियाम्बी ने संसद में दलील दी कि “ज्यादातर बच्चे परिपक्व है तथा वह पहले से अपने सेक्स को लेकर एक्टिव है।” उन्होंने यह कहा कि उम्र की सीमा 18 करने से अपराधिक मामलों में वृद्धि ही होगी।
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खबरों के अनुसार Zimbabwe में करीब एक तिहाई लड़कियों की शादी 18 वर्ष की उम्र से पहले हो जाती हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि यहां उन्हें तालीम से दूर रखा जाता है। यौन हिंसा की संभावना भी अधिक रहती है। जिंबाब्वे में बाल विवाह के पीछे एक बड़ा कारण गरीबी भी हैं। यहां पर मां-बाप अक्सर लड़कियों की शादी कम उम्र में ही कर देते हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा खिलाना ना पड़े।