Yamuna Bridge : कोई भी निर्माण हमारे हित मे होगा अथवा नहीं यह निर्भर करता है उसके प्रयोग के तरीके पर,कुछ ऐसी ही कहानी है प्रयागराज के यमुना पुल की जो आवागमन के लिये कम और सुसाइड के लिये ज्यादा प्रयोग किया जा रहा है और एक तरह से कभी सेल्फी स्पॉट रहा यमुना पुल अब सुसाइड स्पॉट बनता नजर आ रहा है और प्रशासन इस पर पूरी तरह शांत है जो कि चिंता का विषय बना हुआ है।
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आपको बता दें कि अपनी खूबसूरती के चलते यमुना पुल हमेशा से सेल्फी स्पॉट के तौर पर प्रयोग होता रहा है और इसी वजह से वहाँ हमेशा चहल कदमी भी रहती है परंतु पिछले कुछ समय से यह पुल सेल्फी स्पॉट की जगह सुसाइड स्पॉट बनता जा रहा है,आंकड़ो की बात करें तो आपको बता दें कि पिछले 6 महीने में 50 ऐसी घटनायें हो चुकी हैं जिनमें लोगों ने इस पुल से कूदकर आत्महत्या की है अथवा करने का प्रयास किया है,इस प्रकार अगर देखा जाये तो हर पांचवे दिन ऐसी घटना हो रही है और जिम्मेदार लोग शांत हैं।
50 की संख्या हो सकता है आपको छोटी लग रही हो परंतु यह कोई छोटा आंकड़ा नहीं है पिछले 6 महीने में 50 ऐसी घटनायें हो चुकी हैं और परिणाम की बात करें तो आपको बता दें कि आत्महत्या के इन 50 प्रयासों में 4 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे जबकि 46 लोगों का लक अच्छा था जिसके चलते नाविकों ने उन्हें बचा लिया,पर समस्या यहीं पर सॉल्व नहीं होती है,इसके एक पुख्ता इंतजाम और निराकरण की जरूरत है।
आत्महत्या के प्रयासों की इस तरह बढ़ती घटनाओं को देखते हुये कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की जा चुकी है जिसके पुल के दोनों ओर लोहे का जाल लगाने की मांग की गयी परंतु तकनीकी कारणों के चलते यह सम्भव नहीं हो सका और सुरक्षा के लिये पुल पर गार्ड तैनात किये गये है परंतु इसका कोई सार्थक परिणाम नजर नहीं आ रहा है।
आपको बता दें कि यमुना पुल देश के सबसे लंबे केबल आधारित पुलों में से एक है इसकी सुदरता पर्यटकों को इसकी तरफ खींच लेती है और इसी लिये यह एक पर्यटन केंद्र के रूप में जाना जाता है परंतु पर्यटन के बीच होने वाले आत्महत्या के प्रयास इस पुल को प्रतिबंधों के घेरे में ला रहे हैं और जल्द ही इस पर कोई बड़ा निर्णय हो सकता है।
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अब जब यमुना पुल की बात हो ही रही है तो कुछ इसकी खूबियों की बात भी कर लेते हैं,तो आपको बता दें कि इस पुल के बनने की शुरुवात सन 2000 में हुई थी और यह 2004 में बनकर तैयार हुआ था,इसके अतिरिक्त अगर आंकड़ों की बात करें तो आपको बता दें कि इस पुल की कुल लम्बाई 1.51 किलोमीटर है तथा चौड़ाई 250 मीटर है।
अपने अद्वितीय सौंदर्य से परिपूर्ण यह पुल अब बढ़ती आत्महत्याओं के चलते अपनी गरिमा खो रहा है,प्रशासन को शख्त कदम उठाने की जरूरत है।