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आज आ सकता है फैसला, Gyanvapi Masjid पर अखिलेश-ओवैसी द्वारा भड़काऊ बयान देने का है आरोप

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Gyanvapi Masjid

Gyanvapi Masjid से जुड़े एक मामले में कोर्ट आज अहम फैसला सुना सकता है । पिछले दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा ज्ञानवापी और शिवलिंग पर भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी जिसकी सुनवाई पूरी हो चुकी है । वाराणसी की एसीजेएम पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट द्वारा इस मामले में मंगलवार को फैसला आ सकता है ।

बता दें कि बनारस के एक अधिवक्ता द्वारा दोनों नेताओं के खिलाफ हिन्दू धर्म की छवि खराब करने और माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए वाद दाखिल किया गया था जिसकी सुनवाई चल रही थी । सूत्रों के अनुसार इस मामले में दोनों पक्षों द्वारा सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब फैसले का इंतजार है । उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार को इसका फैसला आ सकता है ।

अखिलेश-ओवैसी पर केस चलेगा या नहीं, आज आ सकता फैसला

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अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय द्वारा अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी सहित शहर काजी एंव अन्य के खिलाफ हिन्दू धर्म को बदनाम करने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा दायर किया गया था जिसकी कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है । यदि इस मामले में आज फैसला आता है तो इससे तय होगा कि दोनों नेताओं पर मुकदमा चलेगा या नहीं ।

बता दें कि सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत बीती तीन डेट से फैसला सुरक्षित रखे हुए है । इस बात की संभावना जताई जा रही है कि कोर्ट आज फैसला सुना सकता है कि दोनों नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए या नहीं ।

दोनों नेताओं पर भड़काऊ भाषण देने का है आरोप

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वाराणसी के सिविल कोर्ट के एडवोकेट और रामेश्वर निवासी हरिशंकर पांडेय ने पिछले दिनों एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया था जिसके अनुसार समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर Gyanvapi Masjid पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया गया था । प्रार्थना पत्र में धारा 156(3) के तहत एडवोकेट ने दोनो नेताओं के खिलाफ़ वाद दर्ज करने की अपील की थी । एडवोकेट ने आरोप लगाया था कि ज्ञानवापी में जहां शिवलिंग मिला है वहां हाथ-पैर धोए जाने,थूकने से करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंची है ।

वहीं आरोपियों ने एक साजिश के तहत शिवलिंग को फव्वारा कहकर सनातन धर्म का मजाक उड़ाया है और धार्मिक विद्वेष फैलाने का काम किया है । प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई लगातार हिंदुओं के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं । वहीं प्रार्थना पत्र में एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने अखिलेश यादव के उस बयान का भी जिक्र किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख दो और भगवा झंडा लगा दो वहीं भगवान और शिवलिंग हो जाते हैं ।

बता दें कि इस पूरे मामले में ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और शहर काजी मौलाना सहित कई लोगों पर आरोप लगाए गए हैं ।

बनी हुई है गहमागहमी

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मंगलवार को इस मामले में फैसला आने की उम्मीद के बाद शहर में गहमागहमी बनी हुई है । उम्मीद की जा रही है कि एसीजेएम पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट इस मामले में आज फैसला सुना देगी । यदि फैसला वादी के पक्ष में जाता है तो अखिलेश और असदुद्दीन ओवैसी पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और विद्वेष फैलाने का मुकदमा दायर किया जा सकता है ।

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