Top 5 Poor Country in the World: हम सबने अपने जीवन में कभी न कभी गरीबी देखी ही होगी जब हमारे पास जरूरत की भी चीजें मयस्सर नहीं थीं। वहीं हममें से कई लोग मेहनत करके गरीबी कम कर लेते हैं और अपना जीवन आसान बना लेते हैं तो वहीं ऐसा करना सबके लिए आसान नहीं होता खासकर दुनिया के ऐसे देशों के रहने वाले लोगों के लिए जहां गरीबी,कुपोषण,अशिक्षा का बोलबाला है।
भारत जैसे विकासशील देशों में कोई भी व्यक्ति श्रम करके गरीबी मिटा सकता है पर दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां गरीबी पीठ पे चिपका वो स्टीकर है जिसे वहां के बाशिंदे चाह कर भी हटा नहीं पाते। आइए जानते हैं इस दुनिया में कौन से ऐसे देश हैं जहां पैदा होते ही गरीबी मुफ्त में मिलती है–
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पूर्वी अफ्रीका के ग्रेट लेक क्षेत्र में स्थित बुरुंडी दुनिया के सबसे गरीब देशों में से अव्वल माना जाता है । इस देश की आबादी करीब 12 मिलियन यानी करीब सवा करोड़ है। यदि इस देश में आजीविका की बात करें तो यहां की रहने वाली करीब 90 % आबादी कृषि कार्यों में लगी हुई है और इसी से उनकी रोजी रोटी चलती है। विकास में फिसड्डी यह देश अपने नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया नहीं करवा पाता है । यहां प्रति व्यक्ति आय 686 डालर यानी करीब 56 हजार 319 रुपए है।
किसी देश की गरीबी मापने के कई तरीकों में से एक वहां की प्रति व्यक्ति आय की गणना करना होता है। मध्य अफ्रीकी गणराज्य यानी सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में प्रति व्यक्ति आय न्यून स्तर पर है । 1960 में फ्रांस से आजाद होने के बाद कई मोर्चों पर संघर्षरत इस देश की आबादी की प्रति व्यक्ति आय 663 डालर है।
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डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो दुनिया के सबसे गरीब देशों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर आता है। गृह युद्ध की बार बार चपेट में आने वाला यह देश प्राकृतिक संसाधनों से लैस है किंतु न तो इस देश के बाशिंदों को और न ही हुक्मरानों को इनका सदुपयोग करना आया। गरीबी और भुखमरी का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस देश के करीब 60 लाख लोग गृहयुद्ध के चलते या तो मारे गए या फिर देश छोड़कर भाग गए।
सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक की ही तरह नाइजर को भी 1960 में फ्रांस से आजादी मिली थी । पर इस देश में भी गरीबी और संसाधनों का अभाव बना हुआ है । आलम ये है कि देश की 80 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है जहां आजतक बिजली या हॉस्पिटल जैसी सुविधाएं नहीं हैं ।
अफ्रीका महाद्वीप का ये देश दुनिया के टॉप 5 गरीब देशों में शामिल है । मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर इस देश की आबादी आज भी मूलभूत संसाधनों के अभाव में जीवन बसर कर रही है । यहां की 70 फीसदी से ज्यादा आबादी रोजाना 170 रुपए से भी कम में जीवन यापन कर रही है ।
अफ्रीका के पश्चिमी तट पर स्थित लाइबेरिया दुनिया के गरीब देशों के मामले में छठवें नंबर पर है। लाइबेरिया भी गरीबी के साथ साथ गृहयुद्ध की चपेट में रहा है । साल 2003 तक यहां गृहयुद्ध चल रहा था । बता दें कि लाइबेरिया अफ्रीका के सबसे पुराने देशों में से एक है। भ्रष्टाचार में डूबे इस देश में भी गरीबी एक बड़ा मसला है।
किसी देश की गरीबी मापने के कई आयाम होते हैं । गरीबी अर्थात किसी व्यक्ति या परिवार को सामान्य जीवन जीने के लिए जरूरी संसाधनों का अभाव होना । समाजशास्त्री हेनरी बर्नस्टीन ने किसी देश के व्यक्तियों की गरीबी के 4 आयाम बताए हैं –
वहीं इसके अलावा किसी देश के नागरिकों का जीवन स्तर कैसा है इसका अंदाजा वहां की प्रति व्यक्ति आय की गणना करके भी लगाया जा सकता है।