The Great Khali: WWE की रिंग में जब ‘द ग्रेट खली’ खली पहली बार उतरे थे तब सब उन्हें देखते ही रह गए थे, उनके 7 फिट और 1 इंच के भीमकाय शरीर को देख पूरी ही दुनिया स्तब्ध रह गई थी, आज दुनिया जिसे ‘द ग्रेट खली’ के नाम से जानती है, दरअसल इस ग्रेट रेसलर का नाम दिलीप सिंह राणा है। ग्रेट खली उर्फ दिलीप सिंह राणा का जन्म Aug 27, 1972 में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के सिवाना गांव में गरीब पंजाबी राजपूत फैमिली में हुआ था। दिलीप सिंह के पिता ज्वाला राम एक किसान थे और मां तंदी देवी एक सामान्य गृहिणी थी जो खेती में अपने पति की सहायता करती थी।
दिलीप सिंह राणा यानी The Great Khali की आर्थिक स्थिति भी कुछ ज्यादा अच्छी नहीं थी। अपनी आर्थिक स्थिति और गरीबी के कारण अपने अन्य भाइयों की तरह ही दिलीप सिंह राणा भी पढ़ाई नहीं कर पाए और मेहनत मजदूरी करने लगे थे।
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ऊंची कद काठी के कारण किसी भी प्रकार का वजन उठाना दिलीप सिंह राणा के लिए बाएं हाथ का खेल था। जैसे-जैसे दिलीप सी बड़े होते गए उनके नाप के जूते और चप्पल मिलना भी मुश्किल हो गया। आखिरकार वह दौर आया कि शिमला में एक मोची से उनके नाप के जूते और चप्पल बनवाने पढ़ते थे। दिलीप जब भी कहीं जाते थे तो उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो जाती थी। लोग उनसे पत्थर तोड़ने और मरे हुए जानवरों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने जैसे काम करवाते थे।
एक बार हुआ यूं कि एक पंजाबी पुलिस ऑफिसर हिमाचल प्रदेश घूमने आए और द ग्रेट खली को देखकर वह दंग रह गए। उन्होंने दिलीप सिंह को पंजाब आकर पुलिस ज्वाइन करने का ऑफर किया साथ ही पंजाब आने के लिए पैसे भी दिए। उन्होंने अपने छोटे भाई के साथ पुलिस को ज्वाइन कर लिया और पंजाब पुलिस ने ही उन्हें रेसलिंग की ट्रेनिंग भी दिलाई थी।
साल 2000 में अमेरिका में डब्ल्यूडब्ल्यूई की एक मैच में महज 10 मिनट में ही अंडरटेकर को हराकर खली ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी थी। उस बाद “द ग्रेट खली” ने “मार्क हेनरी, बिग शो, बतिस्ता” जैसे दिग्गज पहन वालों को कुश्ती में हराकर डब्ल्यूडब्ल्यूई का खिताब भी जीत लिया। इस प्रकार करीब 14 सालों तक डब्ल्यूडब्ल्यूई में द ग्रेट खली का दबदबा बरकरार रहा। द ग्रेट खली ने 2014 में रेसलिंग की दुनिया से संन्यास ले लिया और उन्होंने फैसला किया कि अब वह डब्ल्यूडब्ल्यूई इंडिया के लिए “स्टार फाइटर” की फौज तैयार करेंगे इसके लिए उन्होंने भारत में कई सारे ब्रांच भी खोल रखे हैं।
दरअसल बचपन में ही ग्रेट खली गाइगैंटिजम बीमारी से पीड़ित थे। इसी बीमारी के कारण उनका शरीर बढ़ता ही जा रहा था। अब दिलीप जी राणा ग्रेट खली कैसे बने यह कहानी भी काफी दिलचस्प है। दरअसल दिलीप सिंह राणा जब डब्ल्यूडब्ल्यूई की रिंग में पहली बार उतरे तो शो के स्पॉन्सर को उनका यह नाम पसंद नहीं आया। तभी से लोग उन्हें “जायंट्स सिंह, भीम” आदि जैसे नाम से पुकारने लगे। दिलीप सिंह उर्फ ग्रेट खली मां काली के भी बहुत बड़े भक्त थे। उनकी इसी भक्ति के कारण लोगों ने अपना नाम “भगवान शिव” रखने की सलाह भी दी थी।
टीटू देशवासियों की धार्मिक भावनाओं को केंद्र में रखते हुए दिलीप सिंह राणा ने लोगों के इस प्रस्ताव को अनसुना कर दिया। उसी दरमियान उनके कुछ चाहने वालों ने उन्हें “मां काली” की शक्ति के बारे में बताते हुए मां काली नाम रखने का सुझाव भी दे दिया। दिलीप खुद भी मां काली के एक बहुत बड़े भक्त थे। इसलिए उन्हें भी नाम बहुत पसंद आया, इस प्रकार आगे चलकर उनका नाम द ग्रेट खली हो गया। इसलिए उन्होंने अपना नाम काली रख लिया लेकिन अंग्रेज उन्हें खली बुलाने लगे धीरे-धीरे करके लोग दिलीप सिंह नाम को भूल गई और तब से लेकर आज तक दिलीप सिंह राणा को दुनिया “द ग्रेट खली” के नाम से ही पहचानती है।
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रेसलिंग करते समय ही कई बार ग्रेट खली ने हॉलीवुड और बॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया है। इसके अलावा साल 2010 में टीवी के सबसे जाने-माने रियलिटी शो “बिग बॉस” में भी द ग्रेट खली काम कर चुके हैं इस शो में ग्रेट खली “फर्स्ट रनर” अप रहे थे।