तरकार्ली समुंद्र तट सिंधुदुर्ग का एक प्रमुख आकर्षक केंद्र है। सिंधुदुर्ग जिले में एक छोटा सा गांव तरकार्ली है। अगर आप स्कूबा ड्राइविंग व वाटर स्पोर्ट्स का मजा लेना चाहते हैं। तो महाराष्ट्र का एक छोटा सा पर्यटन स्थल तारकर्ली आपके लिए बहुत ही बेहतर है। यहां का समुद्र का पानी इतना साफ है कि आपको तैरती मछलियां साफ-साफ दिखाई देंगी।
समुद्र के किनारे सुकून भरे पल बिताने के लिए लोगों की पहली पसंद होती है। लेकिन गोवा के बीच से सबसे अलग तारकर्ली के बीच शांत व सुंदर है। लोग यहां खास तौर पर स्कूबा ड्राइविंग करने तारकर्ली आते हैं। समुंद्र के अंदर की अनोखी दुनिया देखने का ये अनुभव बेहद खास होता है। तारकर्ली आने पर वाटर स्पोर्ट का मजा जरूर लें। और इन जगहों की सैर जरूर करें।
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तारकर्ली का बीच बहुत ही शांत व साफ है। यहीं पर ही बीच समुंद्र में स्कूबा ड्राइविंग होती है। स्कूबा ड्राइविंग करने जरूर आएं। क्योंकि समुंद्र के अंदर शैलाव और रंग बिरंगी मछलियों को देखने का अनुभव आपके लिए एक यादगार क्या होगा। इसके अलावा भी यहां कई प्रकार के वाटर स्पोर्ट्स का मजा भी लिया जा सकता है। इसलिए ये जगह रोमांच पसंद करने वाले पर्यटकों के बीच बहुत ही लोकप्रिय हैं। यहां के समुद्र का पानी बहुत ही साफ है। परिवार के साथ छुट्टियां मिटान के लिए तारकर्ली सबसे अच्छी जगह है।
आचरा बीच शहर से लगभग 6 किमी की दूरी पर है। इसलिए यहां पर पर्यटक आना पसंद करते हैं। गोवा व मुंबई में भी कई सारे बीच हैं। लेकिन वहां का पानी इतना साफ नहीं रहता है। आप यहां पर भी वाटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकते हैं। इसके साथ ही साथ मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं। क्योंकि इस बीच के आसपास कई सारे मंदिर हैं। जिसमें से 260 साल पुराना भगवान रामेश्वर का मंदिर बहुत ही ज्यादा मशहूर हैं।
बस स्टैंड से करीब 2 किमी दूर स्थित मालवन मिलवा बीच एक अच्छी तरह से गुप्त रहस्य ही है। 1 किमी लंबा मुलायम सफेद रेत का एक खींचा जो एक छोटा ‘सी’ बनाता है। लेखक का सपना है समुंद्र तट एक यात्रा। चिलवा के एक छोर पर नावें स्वयं व सूरजकोट दीप से आगे बढ़ रही हैं। तथा दूसरी तरफ मालवर्न रॉक गार्डन है। दिसंबर के लास्ट दिनों में नए साल तक सिल्वर उत्सव मालवन में गाने व नृत्य प्रदर्शन के साथ आयोजित किया जाता है।
यहां इस समुद्र की सबसे बड़ी खासियत यह है डॉलफिन साइट्स। जैसे और भी बाकी समुद्र तट जो है उसी की तरह यहां पर भी वाटर स्पोर्ट्स का मजा लिया जा सकता है। साथ ही साथ यहां डाॅलिन साइट की सुविधा है। मतलब कि समुद्र में एक हाथ से लिया में आपको डॉलफिन दिखाई देगी। यहां पर समुद्र तट के खत्म होने पर एक क्रीक आता है। जिसको कोलंब क्रीक कहा जाता है।
समुंद्र के बीचो बीच में बना ये एक ऐतिहासिक किला वास्तुकला का अनूठा नमूना है। किले तक आपको स्मीटर से जाना होता है।ये भी कहां जाता है कि इस किले को शिवाजी महाराज ने बनवाया था। 3 साल में बने इस किले को बनाने में लगभग 100 पुर्तगाली वास्तुकार तथा 1000 मजदूर लगे थे। इस किले में कई मंदिर भी है।