Sweden: अब शांत स्वीडन में ऐसा क्या हो गया कि दंगे रुकने का नाम नहीं ले रहे, जानिए वजह

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Sweden: करीब सवा करोड़ की आबादी वाला यूरोपीय देश स्वीडन दुनिया के सबसे शांत और सुखी देशों में गिना जाता है । पर आजकल वहां कुछ ऐसा हो रहा है जिससे उसकी इस पहचान पर बट्टा लगता दिख रहा है । दक्षिण एशियाई मुल्कों की तरह वहां भी साम्प्रदायिक तनाव और दंगे फैलने लगे हैं । प्रायः धार्मिक मुद्दों पर दंगे-फसाद, हिंसा हम यूरोपीय देशों के मुकाबले एशियन देशों में देखने के अधिक आदी रहे हैं । पर अब यह आग चारों ओर फैल रही है जहां पिछले वर्ष इसकी जद में फ्रांस जैसा मुल्क था वहीं अब स्वीडन भी इसी कतार में शामिल हो चुका है ।

यद्यपि वहां अशांति पैदा करने वाले तत्व बहुत नहीं हैं फिर भी वह इतने तो हैं ही कि एक शांत मुल्क को दुनिया के सामने अशांत का तमगा दिलवा दें,भले ही कुछ घण्टों या कुछ दिनों के लिए ही सही।

ऐसा क्या हुआ कि जलने लगा Sweden

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स्वीडन पिछले 4 दिनों से जल रहा है । दंगे,आगजनी और हिंसा जारी है। कल यानी रविवार को स्वीडन के नार्कोपिंग शहर में दंगाइयों को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस ने हवाई फायरिंग कर दी जिससे 3 लोग घायल हो गए। हालांकि तब तक दंगाइयों ने जगह जगह खड़े कई वाहनों को आग लगा दी थी। पुलिस ने अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया है । इतना ही नहीं कई शहरों में हिंसक झड़पें हुई हैं।

आखिर Sweden के जलने की वजह क्या है

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Sweden के जलने की वजह वही है जो आजकल पूरी दुनिया मे फैली हुई है । मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है। दरअसल एक धुर दक्षिणपंथी और अप्रवासी समूह के नेता द्वारा मुसलमानों की पवित्र पुस्तक कुरान को जलाने की वजह से यह हिंसा फैली । स्वीडन का यह समूह मुस्लिम विरोधी है और पहले से ही वह कुरान जलाने और उस पर सुवर का मांस डालने की धमकियां देता रहा है । गुरुवार को शहर के एक चौराहे पर इस समूह के संचालक ने सरेआम कुरान को आग के हवाले कर दिया जिसके बाद स्वीडन में रहने वाली मुस्लिम आबादी भड़क गई और जगह जगह पर दंगे,तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा शुरू हो गयी।

कौन है कुरान जलाने वाला

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धुर दक्षिणपंथी समूह स्ट्रम कुर्स का संयोजक रसमुस पालुदान जल रहे स्वीडन के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है । बताते हैं कि रसमुस पालु दान स्वीडन का नहीं बल्कि डेनमार्क का रहने वाला है जिसने डेनमार्क में ही 2017 में इस्लाम विरोधी और धुर दक्षिणपंथी समूह स्ट्रम कुर्स की स्थापना की । स्वीडन के जलने की वजह पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार किया जाना है । दरअसल 4 रोज पहले वह डेनमार्क से स्वीडन एक मीटिंग में शामिल होने आने वाला था।

मीटिंग का विषय था- स्कैंडिनेवियाई देशों में इस्लामीकरण। जैसा कि मीटिंग के विषय से स्पष्ट है स्वीडन पुलिस को पहले से आभास था कि स्ट्रम कुर्स का संस्थापक यह व्यक्ति मीटिंग में शामिल होकर देश मे तनाव बढ़ाएगा। दरअसल उत्तरी यूरोप के अंतर्गत आने वाले देशों को स्कैंडिनेवियाई देश कहते हैं । स्ट्रम कुर्स का संस्थापक रसमुस पालुदान इसी विषय पर अपने विचार रखने स्वीडन में आने वाला था लेकिन पुलिस ने उसे सीमारेखा पर ही गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही यह खबर रसमुस पालूदान के समर्थकों तक पहुंची उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी ।

यही नहीं कथित तौर पर उन्होंने कुरान की प्रति भी जलाई । और उसका वीडियो भी वायरल कर दिया। जैसे ही वायरल वीडियो मुसलमानों तक पहुंचा देश मे दंगे,तोड़फोड़, आगजनी की घटनाएं शुरू हो गईं । मुस्लिम समुदाय ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया,तोड़फोड़ की । देखते ही माल्मो शहर में आगजनी और हिंसा की घटनाएं चारों ओर फैलने लगीं।

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ईरान-ईराक के बाद सऊदी अरब ने भी नाराजगी जताई

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Sweden में कुरान जलाए जाने को लेकर मुस्लिम देशों से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं हैं । पहले ईरान और इराक़ ने स्वीडन में कुरान जलाए जाने को लेकर भारी नाराजगी व्यक्त की और इसे बेअदबी माना । अब सऊदी अरब से भी इस मामले में बयान आया है । आज सोमवार को सुबह ही सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा,” सऊदी अरब मुसलमानों के खिलाफ हिंसा, धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ और पवित्र कुरान की बेअदबी के खिलाफ बयान दर्ज करवा रहा है । सऊदी अरब हमेशा ही सारे धर्मों और उनके अनुयायियों की भावनाओं का सम्मान करता है । और हर तरह की नफरत, असहिष्णुता को त्यागने की हिमायत करता है ।”

बता दें कि अब तक हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 3 लोग घायल हैं। वहीं स्ट्रम कुर्स के नेता रसमुस पालुदान को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दक्षिणपंथी नेता पर स्वीडन में घुसने पर 2 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है ।

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