Arun Kushwah का जन्म 29 नवंबर 1990 को Madhya Pradesh के ग्वालियर शहर में एक मध्यम वर्गीय कुशवाहा परिवार में हुआ था। इनके परिवार में माता-पिता के अलावा भी एक बड़ा भाई और एक बड़ी बहन हैं। परिवार में सबसे छोटे होने की वजह से इन्हें डांट प्यार से पाला गया और इन्हें घर में ही ‘श्यामू’ के नाम से पुकारा जाता है। बचपन से अरुण को कंप्यूटर से बड़ा ही लगाव था और वीडियो एडिटिंग का काफी शौक था। अरुण अक्सर ही किसी के जन्मदिन पर फोटो संकलन करके video बना दिया करते थे। जिसे लोग काफी पसंद किया करते थे।
बता दें कि इनकी स्कूली शिक्षा इनके होमटाउन में ही हुई। 12वीं पास करने के बाद से उन्होंने ग्वालियर में ही बीसीए में एडमिशन लिया। लेकिन भाग्य इनके लिए कुछ अलग ही प्लान कर रही थी। अरुण ने बीसीए की पढ़ाई शुरू की थी कि उनके एक मित्र ने उन्हें दिल्ली में स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के बारे में बताया।
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हालांकि अरुण के दोस्त ने उन्हें बताया कि जेएनयू एक वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी है। प्रवेश परीक्षा कठिन होने की वजह से यहां सभी का एडमिशन नहीं हो पाता साथ में इसकी फीस भी काफी कम है। इन सभी बातों से अरुण काफी ज्यादा प्रभावित हुए और उन्होंने जेएनयू एंट्रेंस एग्जाम देने का फैसला किया। जहां उनका रशियन भाषा में स्नातक कोर्स के लिए चयन हो गया। दिल्ली जैसा बड़ा शहर, जेएनयू का अनुकूल एवं सकारात्मक माहौल ने उनको न केवल अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका दिया बल्कि उनके सपनों को पंख देने का भी काम किया।
अरुण के मुताबिक रशियन भाषा में ग्रेजुएशन करना उनके लिए कठिन था। इसीलिए उन्होंने आगे रशियन भाषा में एमए करने का विचार त्याग दिया। जैसा कि भारत के आम मध्यमवर्गीय परिवारों में सरकारी नौकरी का क्रेज होता है उनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। अरुण ने सोचा क्यों ना सरकारी नौकरी की तैयारी की जाए और उन्होंने घर पर ही रह कर 6 महीने तक सरकारी नौकरी की तैयारी की। एसबीआई बैंक पीओ का एग्जाम दिया, लेकिन फेल हो गए।
बैंक पीओ एग्जाम में असफलता के बाद से अरुण के जीवन में कंफ्यूजन का एक और दौर शुरू हो गया। वो डायरेक्शन में जाना चाहते थे। लेकिन कोई रास्ता सूझ नहीं रहा था। जिसके बाद से उन्होंने जॉब करने की सोची ताकि कुछ पैसे मिल सके जिससे लैपटॉप और एक कैमरा खरीदा जा सके।
आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि उनकी पहली जॉब विप्रो में लगी थी और पहली सैलरी से मिले पैसे से उन्होंने लैपटॉप खरीदा। वो भी एप्पल का..। दूसरे महीने की सैलरी से उन्होंने डीएसएलआर कैमरा खरीदा और वीडियो बनाना शुरू कर दिया। जब अरुण ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो डालना शुरू किया तो उनके प्लेटफार्म बढ़ने लगा और लोगों के कमेंट से उनका हौसला और बढ़ गया।
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बता दें कि Arun Kushwah को तलाश थी एक ऐसे ही मंच और मौके की जहां वह अपनी प्रतिभा को दुनिया को दिखा सकें। यह प्लेटफॉर्म उन्हें जल्द ही TVF के रूप में मिला। जहां पर अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर उन्होंने बहुत ही कम समय में नाम, पैसा एवं शोहरत कमा कर लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए।
आज भले ही अरुण सफलता के शिखर पर है। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें संघर्ष के कठिन दौर से भी गुजरना पड़ा है। कम हाइट होने की वजह से लोग अक्सर उनका मजाक उड़ाया करते थे और तंग किया करते थे। इससे उनका विश्वास डगमगा जाता था और वो डिप्रैस हो जाते थे। इन सब बातों को पार करने में अरुण का सरल-सहज व्यक्तित्व और Positiveositive attitude बहुत काम आया।