इस पोस्ट में
Startup Sector: भारतीय स्टार्टअप सेक्टर का संकट गहराता जा रहा है। शानदार सफलताओं वाली 2021 के बाद 2022 में इस सेक्टर के हाथ हताशा और निराशा लग रही है।
फंडिंग (Funding) कम होने से इस सेक्टर के सामने विस्तार करने के रास्ते कम होते जा रहे हैं। ऐसे में कंपनी खर्च घटाने के तरीके खोज रही है और कर्मचारियों की छुट्टी कर रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अभी तक भारतीय स्टार्टअप्स में काम कर रहे हैं साढ़े 10 हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों को निकाला जा चुका है। इस साल 25 से ज्यादा स्टार्टअप्स फंडिंग की कमी और बिज़नेस मॉडल (Business Model) में बदलाव का हवाला देकर छंटनी कर चूके हैं।
इस लिस्ट में सबसे नया नाम गुरुग्राम स्थित सोशल कॉमर्स स्टार्टअप सिटी मॉल का है। जिसने रविवार को 191 लोगों को निकाला है, जबकि इसी साल मार्च में सिटी मॉल को साढ़े 7 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिली थी।
इसमें एक्सेल, नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स, एलिवेशन कैपिटल, जनरल कैटलिस्ट जैसे निवेशकों ने निवेश किया था। इसके पहले मीशो, कार्स, ओला और ब्लिंकिट जैसे स्टार्टअप्स भी छटनी कर चूके हैं। छटनी का सबसे ज्यादा असर एजुकेशन स्टार्टअप्स पर पड़ा है। क्योंकि कोरोना काल में स्कूल कॉलेज ज्यादातर समय बंद रहने से ऑनलाइन इन्स्टिट्यूट को फायदा मिला था। लेकिन अब ऑफलाइन पढ़ाई शुरू होने से इन्हें नुकसान हो रहा है। ऐसे में अनएकेडमी, वेदांतु, लीडो और लर्निंग के करीब 4 हज़ार लोगों को निकाला है। जो स्टार्टअप इकोसिस्टम में हुई छंटनी का करीब 30 फीसदी है।
एक बार फिर से दादा बने Amitabh Bachchan परिवार में आय एक नन्हा मेहमान,परिवार में खुशियों की लहर…
जब एक लड़की दूसरे लड़की से प्यार करने लगीे, देखिए कैसे सारा जमाना दुश्मन बन गया प्यार का
2022 के बुरे दिन देखने से पहले 2021 में स्टार्टअप ने अच्छे दिनों का स्वाद चखा था। बीते साल स्टार्टअप्स को कई फंडिंग राउंड का फायदा मिला था। स्टार्टअप्स के बीच बेहतरीन टैलंट को हायर करने की होड़ मची थी, जिससे कर्मचारियों को न केवल नौकरियां मिलीं थीं, बल्कि उनकी सैलरी में भी खासी बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि अभी तक छटनी का दायरा केवल सेल्स और मार्केटिंग तक सिमटा हुआ है। इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट्स से जुड़ी पोस्ट पर अभी तक छंटनी के वार का खास असर नहीं हुआ है।