First Sologamy in India: गुजरात की 24 वर्षीय क्षमा बिंदु ने 11 जून को खुद से शादी करने का फैसला किया है। अपने इस फैसले को लेकर इस 24 साल की लड़की का कहना है कि ऐसा करके वह अन्य लोगों को प्रेरणा देना चाहती है जो सच्चे प्यार की तलाश में थक चुके हैं।
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गुजरात के वडोदरा शहर की एक 24 वर्षीय युवती ने कुछ दिनों बाद 11 जून को पारंपारिक हिंदू रीति-रिवाज से खुद से शादी करने का फैसला किया है। इन सभी रीति-रिवाजों में फेरे आदि रस्मों को भी शामिल किया है। इस प्रकार के विवाह को सोलोगैम कहा जाता है और इस 24 वर्षीय लड़की क्षमा बिंदु का यह दावा है कि खुद से शादी करके वह भारत की पहली सोलोगैमी बनेगी। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार हमारे देश में ‘सोलोगैमी’ या स्व-विवाह की कानूनी रूप से कोई मान्यता ही नहीं है।
गुजरात की इस युवती का नाम क्षमा बिंदु है और उसका कहना है कि वह समाज की रूढ़ियों को तोड़ना चाहती है और उन सभी लोगों को प्रेरित करना चाहती है जो सच्चे प्यार की तलाश में परेशान होकर तक चुके हैं। वैसे, क्षमा बिंदु को महिला और पुरुष दोनों की तरफ आकर्षण भी है। क्षमा ने यह दावा भी किया कि उनकी शादी भारत में एकल विवाह का सबसे पहला उदाहरण होगी।
क्षमा ने बताया कि, “मेरे जीवन में ऐसा पड़ाव आया, जब मुझे यह एहसास हुआ कि मेरे जिवन में किसी भी प्रिंस चार्मिंग की आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि मैं खुद ही अपनी रानी हूं। इसलिए मैंने अपने जीवन का सबसे बड़ा फैसला लेते हुए 11 जून को खुद से शादी करने का फैसला किया है। मैं दुल्हन की जैसे ही तैयार होकर सभी रस्में पूरी करुंगी। , मेरे सभी दोस्त भी मेरी शादी में शामिल होंगे और फिर मैं दूल्हे के साथ विदा होने के बजाय अपने ह घर वापस आ जाऊंगी।”
क्षमा ने कहा कि, “मैं सिर्फ और सिर्फ समाज की रूढ़ियों को तोड़ना चाहती हूं और लोगों को अपने आप से प्यार करने के लिए प्रेरित करना चाहती हूं। हमारे आसपास की ऐसे लोग होते हैं जो सच्चे प्यार की तलाश में और तलाक से थक चुके हैं। एक हकीकत यह भी है कि बाईसेक्सुअल होने के नाते, मुझे भी एक पुरुष और एक महिला से प्यार हुआ था, लेकिन अब, मैं सारा प्यार अपने आप को ही देना चाहती हूं।”
इस सिलसिले में हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णकांत वखारिया कहते, “भारतीय कानूनों के मुताबिक, आप अपने से शादी कर ही नहीं सकते। किसी भी शादी में दो व्यक्ति का होना जरूरी है। हमारे देश में Sologamy कानूनी नहीं है।”
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वहीं, एक अन्य वकील चंद्रकांत गुप्ता ने भी कहा कि, “हिंदू विवाह अधिनियम ‘पति या पत्नी दोनों में से किसी भ एक’ शब्दावली का इस्तेमाल करता है, जिसका सीधा सा अर्थ तो यह है कि शादी को पूरा करने के लिए दो व्यक्ति का होना आवश्यक है।”
तकरीबन दो दशक पहले पश्चिमी देशों में सोलोगैमी यानी सेल्फ मैरिज ट्रेंड शुरू हुआ था। साल 2000 में एक जानेमाने प्रोटागोनिस्ट Carrie Bradshaw द्वारा खुद से शादी की घोषणा करने के बाद सोलोगैमी चलन में आया था। कानून के मुताबिक इस प्रकार की शादियों को मान्यता नहीं दी गई है। सोलोगैमी किसी भी व्यक्ति को तलाक, बच्चों के लिए पति-पत्नी के बीच झगड़े और बच्चों की कस्टडी की परेशानी के बिना शादी की अनुमति देता है।