मामूली नहीं केरल के Shihab Chittur का कारनामा, 8640 Km पैदल चलकर इन देशों से होकर पहुंचेंगे मक्का

Published by

Shihab Chittur: कई बार आपने हम सुनते हैं की कई लोग साइकल से या पैदल चलकर मीलों का सफर तय कर रिकॉर्ड कायम करते हैं। मगर आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बता रहे हैं जिसके बारे में जानकर आप भी चौंक पड़ेंगे। जी हां, जो इस शख्स ने कर दिखाया वह कोई मामूली काम नहीं है। इसमें उसकी सच्ची आस्था ही काम आई है।

आज के युग में यह एक चमत्कार

हर मुसलमान ये चाहता है कि वह अपने जीवन में एकबार अल्लाह का घर देखने यानी मक्का जरूर जाए फिर चाहे वह गरीब हो या अमीर। अपनी इस तमन्ना के आगे उस अपने जीवन में शायद ही ओर कोई तमन्ना नजर आती हो। ऐसी ही ख्वाहिश केरल के शिहाब छोत्तूर के दिल में थी जिसे उन्होंने साधारण अंदाज में नहीं बल्कि बहुत सी कठिनाइयों का सामना करते हुए पूरा करने की ठान ली है। यकीनन आज के युग में तो खासतौर से इसे चमत्कार ही कह सकते हैं।

चमत्कार इसलिए क्योंकि इतने किलोमीटर पैदल चलकर रब की चौखट पर पहुंचने की घटना को लोग सीधा रब के आशीर्वाद से जोड़कर देखते हैं। कहा जा रहा है कि शिहाब के सिर पर भी जरूर रब की खास नजर होगी तभी वह इस असंभव काम को संभव करने की राह पर निकल चुका है।

जब हमारे इरादे मजबूत हो तो मंजिल भी आसान हो ही जाती है। ऐसा ही नेक और मजबूत इरादा लेकर पैदल हज के लिए निकले है केरल के शिहाब छोत्तूर। अपने जूनून के मुज़ाहिरे की तैयारी कर रहे हैं केरला के रहने वाले ‘शिहाब’, ने अज़्म किया है की वो पैदल है यात्रा कर केरला से मक्का तक जाएंगे।

इन देशों से गुजरेंगे Shihab Chittur

Shihab Chittur

केरला से पैदल हजयात्रा पर निकले शिहाब ने 2023 में हज से पहले मक्का पहुंचने उनका लक्ष्य रखा है। Shihab Chittur केरल से निकल कर भारत के कई राज्यों से गुजरते हुए पाकिस्तान, ईरान, इराक, कुवैत और अंत में सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का पहुंचेंगे।

कई बार लगाए एंबेसी के चक्कर

Shihab Chittur ने अपनी इस अनोखी पैदल है यात्रा के बारे में उनकी तैयारी को लेकर करते हुए कहा कि, उन्हे तैयारी करने में करीब छह महीने का समय लगा क्योंकि अपनी यात्रा की परमीशन लेने के लिए नई दिल्ली में देश के Embassies के चक्कर भी लगाना पड़े थे।

पैदल हज यात्रा पर जाने का फैसला करने के बारे में, शिहाब कहते हैं,

“मैं पैदल ही हज मेरी बचपन की ख्वाहिश थी, अल्हम्दुलिल्लाह अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं। मेरी मां की दुआ से अल्लाह ने मेरी यह तमन्ना पूरी की और मैंने सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया, इंशा अल्लाह मैं जल्द ही अपनी मंजिल तक पहुंच जाऊंगा।”

Shihab Chittur

कौन है Shihab Chittur

देश के आखरी छोर केरल के मलप्पुरम जिले के कोट्टक्कल के पास अठावनाड नामक इलाके के रहने वाले है Shihab Chittur । शिहाब जोखिम और तकलीफों से भरे लेकिन इस रूहानी सफर पर ऐसे दौर में निकले हैं जब सारी दुनिया में चहलपहल मची हुई है।
फिर भी केरल के शिहाब छोत्तूर अल्लाह के घर को देखने के लिए अकेले ही पैदल चलकर 8,600 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेंगे।

8 महीने बाद अगले साल तक मक्का पहुंचेंगे Shihab Chittur

शिहाब केरल से चलकर राजस्थान से पाकिस्तान, ईरान, इराक, कुवैत और सऊदी अरब जैसे देशों का सफर तय करते हुए 8 महीने बाद अगले साल तक मक्का पहुंचेंगे।

एक साल से शिहाब हज पर जाने की तैयारी में जुटे हुए थे। शिहाब कहते हैं कि,

” मेरा सफर रूहानी है और मेरा मक़सद पैदल हज करने का है।

“मुझे सलाह देने वाला भी कोई नहीं था। मैंने सिर्फ लोगों के पैदल मक्का जाने के बारे में सुना था। लेकिन आज हिंदुस्तान में शायद ही कोई जिंदा इंसान मिले जो यहां से पैदल हज करने का अनुभव बता पाएं।”

Shihab Chittur के इरादे देखकर चकराया विदेश मंत्रालय भी

विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी हैरान रह गए जब उन्हें मक्का जाने की इजाजत के लिए शिहाब की दरख्वास्त मिली थी। पहले तो उन्हें यह नहीं पता था कि इस मसले को कैसे संभाला जाएं क्योंकि उन्हें इससे पहले पैदल हज का कोई भी अनुभव नहीं था। आख़िर विदेश मंत्रालय ने भी शिहाब के पैदल सफर को हरी झंडी दे ही दी।

21 वीं सदी में भारत से पैदल हज यात्रा करने वाले पहले इंसान हैं Shihab Chittur

हज के लिए निकले शिहाब का कई जगहों पर हीरो की तरह स्वागत किया गया है। शुक्रवार को जब वह चलियाम पहुंचे तो सैकड़ों लोग उनके इस्तकबाल के लिए जमा हो गए। कई व्लॉगर्स भी उनकी इस यात्रा का प्रचार कर रहे हैं क्योंकि शिहाब 21 वीं सदी में भारत से पैदल हज यात्रा करने वाले पहले ही इंसान हैं।

दिन में कम से कम 25 किमी चलने वाले शिहाब हल्का सामान ले जा रहे हैं ताकि सफर में परेशानी ना हो। शिहाब कहते है कि अंजान इलाकों का सफर तो हिंदुस्तान छोड़ने के बाद ही शुरू होगा। जो बेहद ही मुश्किल , जोखिम और तकलीफों से भरा होगा।

झूम झूम कर पीने पर ये चाचा ऐसा गाना गए, की हाथी भी झूम उठा

Fake IPS Officer बन लोगों से रौब झाड़ रहे दूध सप्लायर को पुलिस ने किया गिरफ्तार, फर्राटेदार अंग्रेजी में करता था बात

मस्जिदों में रातें बिताना पसंद करते हैं शिहाब

Shihab Chittur

“मैं कोई तम्बू नहीं ले जा रहा हूँ क्योंकि मैं दिन के उजाले में ही चलना चाहता हूँ। लेकिन बाद में मुझे एक तम्बू खरीदना होगा।”

रब ने शिहाब को उन लोगों के बीच जाने की हिम्मत दी जहां हर इंसान बराबर होता है। मक्का में कोई भी अमीर गरीब या छोटा-बड़ा नहीं होता। वहां जाने वाला हर एक इंसान बराबरी का हक रखता है।

मेरी भी अल्लाह से दुआ है कि रब ऐसे नेक इरादे वाले लोगों की हिफाजत फरमाएं और उन्हें अपने घर का दीदार नसीब फरमाए।

Recent Posts