Sanskrit Club: दुनिया के आश्चर्य आप हमेशा पढ़ते रहते होंगे ऐसे ही आश्चर्य में से एक आश्चर्य एक नाइटक्लब भी है जो अपने यहां सिर्फ और सिर्फ संस्कृत के गाने बताता है,आज के समय में जब लोग इंग्लिश गाने सुनना पसंद करते हैं और इंग्लिश गानों पर ही डांस करना उन्हें अच्छा लगता है ऐसे में कोई नाइट क्लब संस्कृत के गाने बजाता हो ऐसी बात किसी आश्चर्य से कम नहीं हो सकती, और शायद आपने इससे पहले आप सुना भी ना हो।
आज हम आपको एक ऐसे ही नाइट क्लब ले चलते हैं जहां पर सारे गाने संस्कृत में बजाये जाते हैं और संस्कृत के गानों पर यहां सैकड़ों लोग डांस करते हैं,आपके मन में इस क्लब को जानने की जिज्ञासा जरूर होगी, इसलिए आप हमारे साथ अंत तक बने रहे हम आपको इस क्लब के बारे में विस्तार से बताएंगे।
इस पोस्ट में
सबसे पहले हम आपको इस क्लब की लोकेशन के बारे में बता देना चाहते हैं ताकि अगर आप इस क्लब में जाना चाहे तो आपको इसका पता मालूम रहे, संस्कृत में गाने बजाने वाला यह क्लब अर्जेंटीना में स्थित है और अर्जेंटीना में इस क्लब को ग्रोव नाइट क्लब के नाम से जाना जाता है, अर्जेंटीना का यह क्लब एक ऐसा क्लब है जहां पर सिर्फ और सिर्फ संस्कृत के गाने बजाए जाते हैं, इसके अलावा किसी भी भाषा के गाने यहां पर नहीं बजाया जाता है और आश्चर्य की बात यह है कि इन गानों पर लोग काफी मस्ती से डांस करते हैं और खुशी-खुशी अपने घर जाते हैं।
अगर आपके मन में ऐसे संकल्पना है कि यह कोई छोटा मोटा क्लब होगा जहां पर दो-चार लोग आया करते होंगे तो आप गलत है आपको बता दें कि ग्रुप नाइट क्लब अर्जेंटीना का एक बहुत बड़ा क्लब है और इसकी क्षमता 800 लोगों की है अर्थात इस क्लब में एक साथ लगभग 800 लोग संस्कृत के गानों पर नृत्य करते हैं उम्मीद है कि यह जानकारियां आपको किसी आश्चर्य से कम नहीं लग रही होंगी।
आपको यह बताना भी बहुत जरूरी है कि आखिर इस क्लब में किस तरीके के गाने बजते हैं ताकि आप यह अनुभव कर सके कि आखिर क्लब का दृश्य क्या रहता होगा आपको बता दें कि इस क्लब में गणेश शरणम, गोविंदा, गोविंदा, जय जय राधा रमण ,हरि बोल, हरे कृष्ण हरे कृष्ण आदि प्रकार के गाने जो हम लोगों के यहां मंदिर में बजा करते हैं वह गाने अर्जेंटीना की नाइटक्लब में पार्टी के दौरान बजते हैं और लोग इन गानों पर काफी धूमधाम से नाचते हैं।
आपको बता दें कि यह क्लब सिर्फ संस्कृत गानों को लेकर खास नहीं है कि यहां पर संस्कृत के गाने बजाए जाते हैं बल्कि यहां के प्रतिबंध भी इसे खास बनाते हैं आपको बता दें कि इस क्लब में मांसाहार वर्जित है ,इसके अलावा यहां पर किसी भी प्रकार की शराब अथवा कोई अन्य नशा लेने पर भी पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है, इस प्रकार यह नाइटक्लब उन नाइटक्लब जैसा नहीं है जैसे भारत में हुआ करते हैं, यह दुनिया में अपनी तरह का एक अनोखा नफरत है जहां पर शुद्ध रूप से संस्कृति निवास करती है।
अब जबकि नाइट क्लब में मांसाहार और शराब तथा अन्य नशीले पदार्थ प्रतिबंधित है तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर Sanskrit Club में जाने वाले लोगों को खाने के लिए क्या दिया जाता है,आपको बता दें कि यहां पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को खाने के लिए सिर्फ और सिर्फ शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलता है इसके अलावा अगर बात पेय पदार्थों की करें तो उन्हें सॉफ्ट ड्रिंक के साथ-साथ ताजे और मौसमी फलों का जूस पीने को दिया जाता है, इस प्रकार आप देख सकते हैं कि यह क्लब स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
इस गांव के मिट्टी में बिखरे पड़े हैं सोने के कण एक मुट्ठी मिट्टी उठाएंगे तो निकलेगा इतना सोना
Sanskrit Club, आप देख रहे होंगे कि इस क्लब का हर नियम अपने आप में अन्य क्लब से अलग है ऐसे में हर व्यक्ति यह विचार अवश्य करेगा कि आखिर इस क्लब को बनाने का उद्देश्य क्या था आपकी इस जिज्ञासा को शांत करते हुए हम आपको बता देना चाहते हैं कि इस ग्रुप के निर्माताओं ने इस क्लब को मानसिक रूप से विक्षिप्त हो रहे युवाओं की मनोदशा को ठीक करने और उन्हें तनाव मुक्त रखने के लिए किया गया था और अपने उद्देश्य में यह काफी ज्यादा सफल हो रहा है
एक ओर जब संस्कृत के गाने उनके मनोवैज्ञानिकता को मजबूत करते हैं तो वहीं दूसरी ओर क्लब में मिलने वाला शाकाहारी भोजन और फलों के जूस से निर्मित पदार्थ उनको शारीरिक रूप से मजबूत करते हैं, इस प्रकार यह दुनिया का एक अनोखा क्लब है जिसे आश्चर्य कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।