salt making process
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salt making process: ऐसा कोई नहीं है जो नमक को नहीं जानता। नमक हमारे जीवन की अति आवश्यक जरूरत बन गया है। खाना चाहे जितना अच्छा बना हो लेकिन उसमें नमक नहीं मिलाया गया तो उसे स्वादहीन ही कहा जाएगा। जब कस्तूरबा गांधी बीमार हो गई थी, तब डॉक्टर ने नमक ना खाने को कहा था तो कस्तूरबा गांधी ने साफ मना कर दिया था कि बिना नमक का खाना तो बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता मैं नहीं छोड़ सकती नमक। नमक हमारे स्वास्थ्य के लिए भी कुछ हद तक औषधि है। नमक हमें समुद्र से प्राप्त होता है लेकिन पानी से नमक निकालने की एक प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया से समुद्र के पानी से नमक को प्राप्त किया जाता है।
समुद्र के पानी की सबसे प्राचीन विधि सोलर सॉल्ट प्रोडक्शन है । इस विधि में समुद्र के खारे पानी को एक तालाब में भर लिया जाता है जिसे गंजेरू कहते हैं। इस तालाब में ज्यादातर पानी भाप बनकर उड़ जाता है। 6 – 7 दिनों में यह पानी दूसरे तालाब में डाला जाता है। इसी तालाब में नमक बनता है और इस तालाब को ही फसल वाला तालाब कहते हैं। अधिकतर पानी पानी बनकर उड़ जाता है और नमक की क्रिस्टल रह जाते हैं। इस प्रक्रिया में लगभग 40 दिन का समय लगता है। 1 एकड़ के तालाबों में लगभग 20 लोगों को रोजगार मिल जाता है। जब यह नमक प्राप्त कर लिया जाता है तो इसे बोरियों में भरकर सफाई करने के लिए भेजा जाता है salt making process और जो नमक आप खाते हैं। वह नमक, समुद्री नमक में कई तरह के केमिकल्स मिलाकर बनाया जाता है।
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भारत में गुजरात में सबसे ज्यादा नमक का उत्पादन होता है यहां पर कच्छ के रण में 75% तक नमक तैयार किया जाता है इसके बाद महाराष्ट्र राजस्थान आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में भी नमक का उत्पादन किया जाता है। भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा नमक उत्पादक देश है। जब देश आजाद हुआ था तब नमक की कमी को पूरा करने के लिए हम भारतीयों को विदेशों से नमक आयात करना पड़ा था लेकिन आज हम नमक उत्पादन में तीसरे स्थान पर आते हैं। भारत से पहले अमेरिका और चीन का नमक उत्पादन में पहला और दूसरा स्थान है।