S Jaishankar: आप अगर नौकरी करने के लिए विदेश जाना चाहते हैं तो आपके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। अब सरकार आपको बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। असल में केंद्र सरकार सामाजिक सुरक्षा समझौता यानी कि एसएसए पर अमेरिका एवं ब्रिटेन के साथ बातचीत कर रही है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसी की जानकारी दी है। दोनों देशों के बीच अगर यह करार (Agreement) होता है। तो अमेरिका एवं ब्रिटेन में भारतीय कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के लिए दोहरा योगदान नहीं करना पड़ेगा।
विदेश मंत्री S Jaishankar ने गुरुवार को यह बताया कि रोजगार के लिए विदेश जाने वाले भारतीय नागरिकों को फर्जी एजेंटों के धोखाधड़ी से बचाने के लिए सरकार जल्द ही एक नया विधेयक लाएगी। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय में मौजूद इमीग्रेशन एक्ट 1983 के दायरे को बढ़ावा देने के लिए एक नया कानून ‘इमीग्रेशन एक्ट 2022’ लाने की प्रक्रिया में है। उन्होंने यह बताया कि कानून इच्छुक युवाओं के सुरक्षित एवं लीगल स्टे को बढ़ावा देने तथा उन्हें अवैध भर्ती एजेंटों की धोखाधड़ी से बचाने में मदद करेगा।
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आपको बता दें कि देशों के बीच अगर सहमति बनती है तो अमेरिका एवं ब्रिटेन में भारतीय कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के लिए दोहरा योगदान नहीं करना पड़ेगा। हालांकि नियोक्ता सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत कर्मचारियों के लिए दोहरे सामाजिक सुरक्षा योगदान से बच सकेंगे। यानी कि रोजगार के लिए विदेश जाने वाले लोगों को बड़ा फायदा होगा।
बता दें कि भारत किन देशों से बातचीत कर रहा है। भारत का बेल्जियम, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड, हंगरी, फिनलैंड, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, स्वीडन, चेक गणराज्य, नॉर्वे, ऑस्ट्रिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, पुर्तगाल और जापान के साथ सामाजिक सुरक्षा करार हैं। यानी कि इन देशों में नौकरी के लिए जाने वालोें को सरकार बड़ा लाभ देने की तैयारी में है।
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ये एक समझौता है जिसके अंतर्गत सहमति होने पर रोजगार के लिए विदेश जाने वाले भारतीयों को एसएसए देशों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में योगदान करने की जरूरत नहीं होती है। इस सहमति के बाद से वह और उनके नियोक्ता विदेश में सेवा करते हुए भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को जारी रख सकते हैं। यानी कि कुल मिलाकर सरकार के इस योजना से विदेश जाने वाले कर्मचारियों को जबरदस्त फायदा होने वाला है।
S Jaishankar ने बताया कि फ्रांस एवं ब्रिटेन के साथ भी प्रवासन और आवाजाही समझौते हुए हैं। जो कि प्रवासन और आवाजाही संबंधी मुद्दों पर सहयोग के लिए व्यापक और संरचना प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय कामगारों की भर्ती के लिए पुर्तगाल के साथ सितंबर 2021 में एक करार पर हस्ताक्षर किए गए। इसके साथ ही साथ जर्मनी, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के साथ प्रवासन और आवाजाही करारों पर हस्ताक्षर के लिए विचार-विमर्श हेतु आशय पत्र पेश कर दिए गए हैं।