Russia-Ukraine conflict: आप सभी को रूस और यूक्रेन के बीच जारी आक्रामक और रक्षात्मक जंग के बारे में जानकारी होगी, इस बीच आप सभी को यह जान लेना भी बेहद जरूरी हो जाता है कि इस स्थिति में दुनिया के अन्य देश क्या कर रहे हैं क्या वह रूस पर किसी तरह का एक्शन लेंगे अथवा शांति से विध्वंश देखते रहेंगे,तो मैं आपको बताने वाला हूँ कि दुनिया के अन्य देश इस समय क्या एक्शन ले रहे हैं अथवा लेने वाले हैं,आप सब ध्यान से पढ़ें।
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दुनिया भर Russia-Ukraine conflict में शांति बनाये रखने के लिये बने तमाम संगठनो में एक संगठन यूरोपीय यूनियन भी है जिसमे वर्तमान में कुल 27 देश हैं ,रूस पर सबसे ज्यादा आक्रामक तेवर इसी संगठन के हैं और इसने घोषणा की है कि यह रूस के राष्ट्रपति और उनके विदेश मंत्री की सम्पत्ति को जब्त करेगा,ब्रिटेन ने भी इस पर अपनी सहमति दी है इस प्रकार यूरोपीय यूनियन एक तरह से रूस पर आर्थिक प्रहार कर रहा है।
ऑस्ट्रेलिया के रुख से ऐसा लग रहा है कि वह रूस और उसके नजदीकी रईसों ,बेलारूस व अन्य संघटनो पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है और इसी के साथ उसने यूक्रेन को सैन्य उपकरण व मेडिकल सामान की मदद देने की घोषणा की है।
जापान की बात करें तो जापान ने भी इस मुद्दे पर कठोर कदम उठाये हैं,जापान ने रूसी सरकार के बांड पर रोंक लगा दी है और सेमीकंडक्टर की आपूर्ति को रोंक दिया है इसके अतिरिक्त रूस व उसके समर्थकों की सम्पत्ति को फ्रीज करते हुये बीजा भी रोंक दिया गया है।
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ताइवान,जो स्वयं हर वक्त संकट में घिरा रहता है उसने भी रूस पर कार्यवाही के लिये कमर कस ली है ताइवान दुनिया का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर निर्माता देश है उसने कहा है कि वह रूस के साथ निर्यात सम्बन्धी प्रतिबन्ध लागू करेगा।
जर्मनी ने पूर्वी यूरोप में 150 सैनिक,एक दर्जन बख्तरबंद वाहन ,पैट्रियाट एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ,एक कार्वेट और एक फ्रिगेट भेजेगा इस प्रकार जर्मनी का रुख भी आक्रामक नजर आ रहा है।
इस प्रकार आप देख सकते हैं कि भले ही कोई देश इस प्रत्यक्ष रूप से आगे आकर युद्ध मे हिस्सा न ले रहा हो परंतु अप्रत्यक्ष रूप से सभी राष्ट्र अलग अलग कदम उठा रहे है।