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Ratan Tata के यंग मैनेजर ने 18 घण्टे काम करने पर दिया ऐसा जवाब कि लोग हो गए मुरीद

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Ratan Tata की टाटा समूह में यंग मैनेजर के तौर पर काम करने वाले शांतनु नायडू ने एक वीडियो सन्देश दिया है । उन्होंने 18 घण्टे काम करने को लेकर चल रही बहस पर अपनी राय रखी है । लिंक्डइन पर वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने 18 घण्टे काम करने को लेकर कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि लोगों को 18 घण्टे काम करना चाहिए । बता दें कि हाल ही में बॉम्बे शेविंग कम्पनी के चेयरमैन ने कहा था कि फ्रेशर्स को 18 घण्टे काम करना चाहिए जिसपर काफी बवाल मच गया था और उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी ।

लिंक्डइन पर शेयर किया इमोशनल वीडियो

Ratan Tata

टाटा समूह में सबसे यंग मैनेजर के रूप में कार्यरत शांतनु नायडू ने लिंक्डइन पर अपना एक वीडियो साझा किया है । यह वीडियो उस बहस का हिस्सा है जो पिछले दिनों बॉम्बे शेविंग कम्पनी के मैनेजर द्वारा लिंक्डइन पर विचार रखे गए थे । बता दें कि इस कम्पनी के मैनेजर ने हाल ही में लिंक्डइन पर पोस्ट शेयर करके फ्रेशर्स को 18 घण्टे काम करने की सलाह दी थी जिसके बाद सोशल मीडिया में इस बात को लेकर बहस छिड़ गई थी कि 18 घण्टे लगातार काम करना कितना सही है । अब इसी बहस में भाग लेते हुए Ratan Tata की कम्पनी के मैनेजर शांतनु नायडू ने लिंक्डइन पर वीडियो शेयर किया है ।

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वीडियो पोस्ट कर कही यह बात

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Ratan Tata की कम्पनी में यंग मैनेजर के रूप में काम करने वाले शांतनु नायडू ने लिंक्डइन पर वीडियो पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि 18 घण्टे काम और भागदौड़ करने से एक समस्या आती है ऐसा करने से व्यक्ति के मूल्य और उपलब्धियों को महसूस करने का समय नहीं रह जाता । इससे व्यक्ति के मूल्य और उत्पादकता में कमी आती है । उन्होंने वीडियो में आगे कहा कि मुझे लगता है कि लगातार 18 घण्टे काम करने से हमारा व्यक्ति के रूप में मूल्य कम हो जाता है ।

मुझे लगता है कि व्यक्ति के रूप में हम उससे कुछ अधिक हैं । काम कुछ ऐसा है जो हम नहीं है बल्कि जो हम हैं उसके बारे में बताता है । व्यक्ति सिर्फ काम भर नहीं है बल्कि उससे कुछ अधिक है । जो हम वास्तव में हैं मैं उसपर विश्वास करता हूँ ।

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शांतनु के विचार 18 घण्टे भाग दौड़ वाले कल्चर से भी मेल नहीं खाते । उन्होंने कहा कि एक इंसान के रूप में रिश्ते और प्यार हमें बेहतर इंसान बनाते हैं न कि दिन भर किया गया काम । हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग 18 घण्टे काम करना चाहते हैं और सोना नहीं चाहते वो निश्चित रूप से ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं । हालांकि युवाओं और उनके टैलेंट को निखारने के लिए ये एक अच्छा विचार नहीं है क्योंकि यह वह चीज नहीं है जो हमे इंसान बनाती है ।

शांतनु ने आगे कहा कि आखिर में हमारे पास किया हुआ काम नहीं बल्कि रिश्ते और प्यार ही बचते हैं । ऐसे में आपके जीवन मे इस बात का कोई महत्व नहीं है आपने दिनभर कितना काम किया बल्कि ये है कि आप इंसान के रूप में रिश्तों और प्यार को कितना अहमियत देते हैं । उन्होंने कहा कि यह मेरी निजी राय है जैसा कि मैं सोचता हूँ ।

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