Rajasthan Unique House : राजस्थान-हरियाणा सीमा पर एक ऐसा घर भी है जो कि दो राज्यों में बंटा हुआ है. इस घर में एक भाई राजस्थानी तो दूसरा भाई हरियाणवी है.
हरियाणा के रेवाड़ी जिले और राजस्थान के अलवर के बॉर्डर पर दायमा परिवार का मकान बहुत से मायनों में अनूठा है. यहां पर मकान के बीचों-बीच से हरियाणा-राजस्थान की सीमा भी गुजरती है. इस घर का आधा हिस्सा हरियाणा में तो आधा हिस्सा राजस्थान में है. इस घर के कमरे हरियाणा में हैं तो वहीं आंगन राजस्थान की सीमा में आता है. मकान का एक दरवाजा हरियाणा में खुलता है तो दूसरे में हवा के झोंके और रोशनी राजस्थान की ओर से आते हैं. और तो और यहां पर एक भाई हरियाणवी तो दूसरा राजस्थानी है.
एक और मजेदार तथ्य यह है कि चाचा हरियाणा तो भतीजा राजस्थान में पार्षद भी रह चुके हैं. दरअसल, कृष्ण दायमा के पिता चौधरी टेकराम दायमा वर्ष 1960 में यहां रहने आए थे. अब उनके 2 बेटे कृष्ण दायमा और ईश्वर दायमा एक ही छत के नीचे और बेटों-पौत्रों और सभी परिवार के साथ एकसाथ रहते हैं. ईश्वर दायमा के सारे सरकारी दस्तावेज, आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर ID समेत सभी दस्तावेज राजस्थान के हैं, तो वहीं उनके भाई कृष्ण के सभी दस्तावेज हरियाणा के हैं. भले ही घर दो राज्यों में बंटा हो मगर परिवार के लोगों के दिलों की दूरियां कम नहीं हुई हैं.
जयपुर. घर में मनमुटाव होने के बाद बंटवारे के बारे में तो अक्सर सुना होगा, मगर हम आपको एक ऐसे मकान के बारे में बता रहे हैं जो 2 राज्यों में बंटा है. दो राज्यों की जमीन पर एक घर! सुनने में शायद थोड़ा अजीब लगेगा मगर है सच. एक ऐसा मकान हरियाणा (Haryana) के रेवाड़ी (Rewari) जिले और राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar) जिले के बॉर्डर पर स्थित है. इस घर में रहने वाला दायमा परिवार सीमाओं का फासला भी खत्म करते हैं.
उनके घर की खास बात यह है कि इसके बीचों-बीच हरियाणा-राजस्थान (Haryana-Rajasthan Border) की सीमा भी गुजरती है. इसके घर में रहने वाले चाचा हरियाणा में तो वहीं भतीजा राजस्थान में रहते हैं. दोनों अपने इलाके के पार्षद भी रह चुके हैं.
अलवर बाईपास पर यह एक बहुत ही अनोखा घर है जिसके कमरे हरियाणा में है तो आंगन रास्थान में. एक दरवाजा हरियाणा में खुलता है तो दूसरा राजस्थान में खुलता है.
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Rajasthan Unique House, घर के सदस्यों का बताना है कि यहां रहते रहते आदत हो गई है तो उतना ज्यादा अजीब नहीं लगता, मगर जब उनका कोई रिश्तेदार या कोई बाहरी व्यक्ति उनसे मिलने आता है और जब उसे पता चलता है कि घर के बीचों बीच राजस्थान और हरियाणा की सीमा भी है तो हैरान रह जाता है. भिवाड़ी नगर परिषद के पार्षद हवा सिंह का कहना है कि कुछ वर्ष पहले उनके घर में एक तेंदुआ भी घुस आया था. उस समय राजस्थान हरियाणा सीमा कहकर कोई तेंदुए को पकड़ नहीं रहा था. काफी ज्यादा मशक्कत के बाद राजस्थान से टीम आई और फिर जाकर तेंदुए को रेस्क्यू किया गया.
Rajasthan Unique House, बताया जाता है कि कृष्ण दायमा के पिता चौधरी टेकराम दायमा साल 1960 में यहां रहने के लिए आए थे. इस दौरान उनकी आधी जमीन हरियाणा में थी तो आधी जमीन राजस्थान में थी. फिर उन्होंने यहां पर अपना घर भी बनाया. अब उनके 2 बेटे कृष्ण दायमा और ईश्वर दायमा एक ही छत के नीचे और बेटों-पौत्रों और पूरे परिवार वालो के साथ एक साथ ही रहते हैं.
Rajasthan Unique House, इस परिवार के सदस्य ईश्वर दायमा के सभी सरकारी दस्तावेज, आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर ID समेत सभी दस्तावेज राजस्थान के ही हैं, तो वहीं उनके भाई कृष्ण के सभा दस्तावेज हरियाणा के बने हैं. कृष्ण खुद धारूहेड़ा नगर पालिका से 2 बार से पार्षद थे और भतीजा हवा सिंह भिवाड़ी से पार्षद बने थे. कृष्ण दायमा का बताना है कि कुछ वर्ष पहले उनकी भैंस चोरी हो गई थी. तब सीमा विवाद के वजह से कभी उन्हें राजस्थान पुलिस के पास जाना पड़ा तो कभी हरियाणा पुलिस के पास भटकना भी पड़ा था. यहां पर मोबाइल नेटवर्क भी कभी हरियाणा का दिखाता है तो कभी राजस्थान का.