Pushpa The Rise: फिल्म में लाल चंदन की लकड़ी के बारे में जान लीजिए।

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लाल चंदन की लकड़ी आपके पास एक गठरी है तो आप हैं लखपति :-

Pushpa The Rise फिल्म में लाल चंदन की तस्करी बताई गई है।

अभी हाल ही में Pushpa The Rise: एक फिल्म रिलीज हुई है। इस फिल्म को 4 भाषाओं में रिलीज किया गया है जो लोगों द्वारा बहुत ही पसंद की जा रही है । इस फिल्म में लकड़ी की तस्करी की जाती है और यह लकड़ी लाल चंदन होती है जो बहुत ही कीमती होती है। यह समझ लीजिए कि अगर आपके पास लाल चंदन की एक भी गठरी है तो आप मालामाल हैं। चंदन के जंगलों को बचाने के लिए यहां सुरक्षा बल भी तैनात होते हैं लेकिन यह लकड़ी इतनी कीमती होती है कि लोग इस लकड़ी को चुराने के लिए कोई ना कोई योजना बनाते रहते हैं। फिल्म की स्टोरी तो लाजवाब है लेकिन अभी हम फिल्म की बात नहीं करेगें। अभी बात करेंगे कीमती लकड़ी की, जिसे लाल चंदन कहते हैं। इसे लाल सोना भी कहा जाता है।

रक्त चंदन में नहीं होती है खुशबू :-

लाल चंदन की लकड़ी लाल रंग की होती है इसलिए इसे रक्तचंदन भी कहते हैं।

लाल चंदन का वैज्ञानिक नाम pterocarpus Santalinus है । चंदन तो कई प्रकार के होते हैं लेकिन लाल चंदन इतना कीमती होता है कि इसकी तस्करी अधिकतर की जाती है । विदेशों में भी इसकी बहुत डिमांड है लेकिन इसमें खुशबू नहीं होती है। सफेद और पीले चंदन में खुशबू होती है, इसलिए उनसे परफ्यूम आदि प्रोडक्ट बनाए जाते हैं । लेकिन लाल चंदन जिसे रक्त चंदन भी कहते हैं, उससे फर्नीचर बनाए जाते हैं जो कि बहुत ही महंगे बिकते हैं। लाल चंदन को बहुत ही गुणकारी माना जाता है। इसकी बहुत औषधीय गुण हैं। और इतने औषधीय गुण होने के कारण इसकी बहुत मांग है। लाल चंदन का उपयोग सुंदरता वाले प्रोडक्ट के रूप में भी किया जाता है और इसके अलावा यह सजावट और अन्य इस्तेमाल में भी प्रयोग किया जाता है। चंदन की लकड़ी से पारंपरिक वाद्य यंत्र भी बनाए जाते हैं।

लाल चंदन की लकड़ी की सुरक्षा के लिए एसटीएफ के जवानों को किया गया है तैनात :-

लकड़ी आसानी से सुरक्षाबलों द्वारा पकड़ ली जाती है इसलिए तस्कर लाल चंदन का पाउडर बनाकर तस्करी करते है।

चंदन की लकड़ी के पेड़ पिछले कुछ वर्षों में कम हुए हैं क्योंकि इसकी तस्करी की जाती है। जल मार्ग, वायु मार्ग और थल मार्ग से चंदन की चोरी के मामले सामने आते रहे हैं। इसलिए इसकी कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। चंदन के जंगलों की लकड़ियों की तस्करी ना हो इसलिए इसकी सुरक्षा में एसटीएफ के जवानों को तैनात किया जाता है और यदि कोई चोरी करते हुए पकड़ा जाता है तो उसके लिए कठोर कानून बनाए गए व लागू किए गए हैं। इसकी जगह जगह चेकिंग होती है कि कोई कहीं लकड़ी चुराकर तो नहीं ले जा रहा है । कोई चंदन की लकड़ी की तस्करी तो नहीं कर रहा है। इससे बचने के लिए तस्कर चंदन की लकड़ी का पाउडर बनाकर ले जाते हैं। इतनी कड़ी सुरक्षा होने के बाद भी तस्कर किसी ना किसी तरह चंदन की लकड़ियों की तस्करी करते रहते हैं इसलिए पिछले कुछ सालों में चंदन के वृक्ष कम हुए हैं।

लाल चंदन सिर्फ और सिर्फ भारत में ही पाया जाता है, विदेशों में है भारी मांग :-

रक्त चंदन की लकड़ियां

चंदन की लकड़ी के जंगल पूरी दुनिया में कहीं नहीं सिर्फ और सिर्फ भारत में वह भी आंध्र प्रदेश के कुछ जिलों में ही विस्तृत है। आंध्र प्रदेश की शेषाचलम पहाड़ियों में चंदन के वृक्ष पाए जाते हैं यह पहाड़ियां तमिल नाडु की सीमा से लगने वाले आंध्र प्रदेश के 4 जिलों नेल्लोर कुरनूल चित्तूर कटप्पा में पड़ती हैं ।लाल चंदन के पेड़ और सन 8 से लेकर 11 मीटर तक ऊंचे होते हैं। लाल चंदन की एक 2 किलो लकड़ी की कीमत लाखों में होती है और इस बेशकीमती लकड़ी कि विदेशों में भारी मांग है। लाल चंदन की सबसे ज्यादा मांग चीन में है और इसके अलावा सिंगापुर जापान यूएई समेत कई देशों में इस लकड़ी की बहुत मांग है।

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