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Parveen Kaswan IFS: गांवों में दूध बिना फ्रिज के ऐसे रखा जाता है सुरक्षित, IFS ने शेयर की फोटोज

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Parveen Kaswan IFS: आज की जिंदगी में टेक्नोलॉजी का भरपूर दखल है और उसके बिना हम जीने की सोच भी नहीं सकते । जहां टेक्नोलॉजी ने हर सेक्टर की तरह हमारी आम घरेलू जरूरतों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है । खाने पीने का कोई भी सामान हो आज उसे सुरक्षित रखने के लिए शहरी इलाकों में लगभग हर किसी के यहां रेफ्रिजरेटर होता है पर भारत के तमाम ग्रामीण इलाकों और निम्न वर्ग के लोगों के लिए ये आज भी सपना है ।

गांवों में फ्रिज न होने पर लोग अब भी खाने पीने की चीजों को सेफ रखने के लिए जुगाड़ लगाते हैं। ऐसा आज भी बहुत से गांवों में देखा जा सकता है । अब इसी से जुड़ी एक याद आईएफएस अधिकारी ने ट्विटर पर शेयर करी है । उन्होंने बताया है कि कैसे आज भी उनके गांव में मां दूध को बिना फ्रिज के सुरक्षित रखती है ।

Parveen Kaswan IFS अधिकारी ने किया ट्वीट

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भारतीय वन सेवा में कार्यरत Parveen Kaswan IFS अधिकारी परवीन कस्वां ने हाल ही में एक ट्वीट किया है जो काफी वायरल हो रहा है । इस ट्वीट में आईएफएस अफसर ने बताया है कि कैसे गांवों में आज भी बिना फ्रिज के दूध को सुरक्षित रखा जाता है । उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की है जो उनके ही घर की है जिसमें उनकी मां रसोई में बिना फ्रिज के दूध को सुरक्षित रखती हैं ।

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे घर मे आज भी बिना फ्रिज के दूध को सेफ रखा जाता है । उन्होंने आगे लिखा कि 25-30 किग्रा के दूध से भरे बड़े पतीले को चूल्हे पे रख दिया जाता है और धीमी आंच में दूध को पकने दिया जाता है ।

बगैर फ्रिज ऐसे सुरक्षित रखा जाता है दूध

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Parveen Kaswan IFS अधिकारी परवीन कस्वां ने ट्विटर पर बताया कि उनके गांव वाले घर में आज भी बिना फ्रिज के दूध को खराब होने से सुरक्षित रखा जाता है । जैसा कि हमें पता ही है कि दूध ऐसा पदार्थ है जो बहुत जल्दी खराब होने लगता है । यदि उसे फ्रिज या अन्य माध्यम से सुरक्षित न रखा जाए तो 24 घण्टे भी दूध को सेफ नहीं रखा जा सकता । गांवों में जिन घरों में फ्रिज नहीं है वहां आज भी दूध को चूल्हे पे रख के हल्की आंच में पकाया जाता है जिससे दूध में मौजूद तमाम बैक्टीरिया मर जाते हैं और दूध पाश्चुरीकृत हो जाता है ।

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गांवों में आज भी उपयोगी है पुरानी तकनीक

आईएफएस अधिकारी ने कहा कि हमारे यहां 20 -25 किग्रा दूध को इकट्ठे एक पतीले में रख दिया जाता है और उस पतीले को धीमी आंच में गर्म किया जाता है जिससे दूध बिना फ्रिज के दिनभर सुरक्षित बना रहता है । वहीं भारतीय वन सेना में कार्यरत परवीन कस्वां ने एक दूसरा ट्वीट भी किया जो कि गांवों की संस्कृति से रिलेटेड है । उन्होंने दूसरे ट्वीट में भी बताया कि कैसे गांवों में आज भी बिना फ्रिज के दूध को रखा जाता है।

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उन्होंने एक फोटो शेयर करते हुए लिखा कि घर की तकनीक बिल्कुल सीधी सादी है । रात में बिजली रहे या न रहे कोई दिक्कत नहीं ,दूध सुरक्षित रहेगा । उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा कि गांवों में आज भी दूध को एक बड़े बर्तन में खुले में रख दिया जाता है । न बिजली की झंझट न फ्रिज की । उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ये तकनीक अब विलुप्त होती जा रही है ।

बता दें कि आईएफएस अफसर ने एक फोटो भी शेयर करी है जो उनके गांव की है । इसमें एक पिंजरेनुमा जाल के भीतर एक बर्तन खुले में रखा हुआ है जिसमें दूध भरा है ।

यूज़र्स ने किए ऐसे कमेंट

परवीन कस्वां द्वारा किये गए ट्वीट पर अब तक हजारों लोगों ने प्रतिक्रिया दी है । कई यूज़र्स ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ऐसी चीजें अब विलुप्त होती जा रही हैं । वहॉं कुछ यूज़र्स ने ये भी कहा कि उनके यहां भी ऐसी ही तकनीक दूध को सुरक्षित रखने के लिए प्रयोग की जा रही है ।

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