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दुनिया के सामने परमाणु हमले का खतरा अब और बढ़ता जा रहा है. अगर देशों के बीच एटमी हमले हुए तो अरबों लोग भूख और बीमारी से ही मारे जाएंगे. सिर्फ आधे घंटे में ही 10 करोड़ लोग मारे जाएंगे. जमीन सारी बंजर हो जाएगी और आसमान बिल्कुल स्याह हो जाएगा.
एक तरफ रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) को बर्बाद करने में जुटा है तो वहीं दूसरी तरफ चीन-ताइवान (China-Taiwan) को तबाह करना चाहता है. महायुद्ध के इस संकट के बीच एक बार फिर परमाणु युद्ध का खतरा मंडराने लगा है.
किसी भी देश के बीच अगर एटमी वार छिड़ा तो दुनिया की 5 अरब आबादी बेमौत ही मारी जाएगी. दुनिया में परमाणु हमले के बीच कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां पर परमाणु हमले का कोई असर दिखाई नहीं पड़ेगा. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये देश एटमी वॉर के बीच सलामत कैसे रहेंगे?
दुनिया के सामने परमाणु हमले का खतरा अब और भी बढ़ता जा रहा है. दुनिया के बीच अगर एटमी हमले हुए तो अरबों लोग भूख और बीमारी से भी मारे जाएंगे. आधे घंटे में ही 10 करोड़ लोग तक मारे जाएंगे. सारी जमीन बंजर हो जाएगी और आसमान स्याह हो जाएगा. कुछ लोग अगर बच भी गए तो वो अकाल से मारे जाएंगे, क्योंकि न ही खाना बचेगा, न ही पीने लायक पानी, खेतों से सारी फसलें, गोदामों से अनाज, पेड़-पौधे सब कुछ ही खत्म हो जाएंगे,
ये दुनिया कई हजार साल पीछे भी चली जाएगी. इस इंसानी तबाही के इतिहास का किस्सा बताने वाला भी शायद ही कोई बचेगा. और ये सब तब होगा जब दुनिया में परमाणु युद्ध हुआ तो, परमाणु युद्ध अगर हुई तो कयामत आ जाएगी.
हालांकि नई रिसर्च में बहुत ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसमें दावा किया जा रहा है कि एटमी वॉर छिड़ी तो भी कुछ देशों पर इसका जरा भी असर देखने को नहीं मिलेगा. परमाणु हमले से यह देश खुद को बचाने में कामयाब भी हो सकते है.
अमेरिका की रटबर्ग यूनिवर्सिटी ने डिटेल में एक रिसर्च की है, यूनिवर्सिटी की रिसर्च से यह पता चला है कि परमाणु हमले से दुनिया में एक बार फिर से आईस एज लौट आएगा. हर तरफ ही बर्फ के पहाड़ बन जाएंगे. ऐसी सर्दी आएगी, जिसकी वजह से धरती 40 वर्षो तक ठंडी रहेगी. यह बिल्कुल वैसा ही होगा जैसा एस्टेरॉयड की टक्कर के बाद डायनासोरों के खात्मे के बाद हो गया था. जैसा दावा है अगर वैसा ही हुआ तो अमेरिका, चीन, फ्रांस और जर्मनी समेत कई देशों में भारी विनाश भी होगा.
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वैज्ञानिकों का यह दावा है कि ज्यादातर लोग परमाणु हमले से नहीं बल्कि जमीन के बंजर होने से ही भूख से मारे जाएंगे. क्योंकि ज्यादातर देशों में 90 प्रतिशत खाद्य उत्पादन गिर जाएगा, मगर इस बीच कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां खाने-पीने का कोई भी संकट नहीं होगा. इसमें ऑस्ट्रेलिया, पनामा, अर्जेंटीना, और पराग्वे शामिल हैं. इन मुल्कों में खाने की किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी,
क्योंकि यह सभी देश पहले से ही अपनी जनसंख्या के हिसाब से बहुत अधिक गेंहू पैदा करते हैं, इन देशों के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजना बचा होगा, भले ही दुनिया से इन मुल्कों का व्यापार पूरी तरह से बंद हो जाएगा, मगर फिर भी वो बचे रहेंगे. हालांकि इनके सामने एशिया से आने वाले भूखे शरणार्थी भी एक बड़ा संकट खड़ा कर सकते हैं.