बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के स्टैंड को लेकर काफी बदनामी का सामना किया है लेकिन इस बात में अब कोई शक नहीं कि जिन प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है उनकी काफी सेवा की जा रही है ख्याल रखा जा रहा है |
खाने की बद इंतजाम को लेकर रहने कि उचित व्यवस्था ना होने पर पिछले महीने सैकड़ों वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लेकिन नीतीश कुमार प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने से पहले एक तोहफा दे रही है|
नीतीश नीतीश कुमार की सरकार इन श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन सेंटर से विदाई के दिन एक तोहफा दे रही है. जिसमें श्रमिकों को पैकेट में कंडोम और गर्भनिरोधक गोलिया दिया जा रहा है।
इस कदम के पीछे बिहार राज्य हेल्प सोसाइटी के कार्यकारी निर्देशक मनोज कुमार कहते हैं कि पूरे देश में बिहार का प्रजनन दर एक चिंता का विषय बना हुआ है जो देश भर में सर्वाधिक है।
उन्होंने कहा हम लोगों का अपना विश्लेषण है कि यह श्रमिक जो साल में होली, दीपावली, छठ के समय आते हैं. उसके 9 महीने बाद सरकारी अस्पतालों में प्रसव का दर्द काफी बढ़ जाता है,
उन्होंने आगे कहा लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए इस बार क्वॉरेंटाइन सेंटर को लक्ष्य बनाया गया है सरकार के निर्देश के अनुसार अब वहां कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों का पैकेट देकर मजदूरों को विदा किया जा रहा है. हालांकि इस संबंध में जब फोटो और कुछ वीडियो सामने आए तो अब सरकार की फजीहत शुरू हो गई है जमकर आलोचना की जा रही है,
क्योंकि पत्रकारों के सवाल के जवाब में अधिकांश श्रमिक यही कहते हैं कि उन्हें इन सबसे ज्यादा पेट भरने के लिए और सिर पर छत की जरूरत है। इस पर ध्यान देते तो ज्यादा अच्छा होता है।