Millions of Trees Cut: विकास के नाम पर साल भर में काट डाले लाखों पेड़, देखिए क्या कहती है रिपोर्ट

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Millions of Trees Cut: आमतौर पर कहा जाता है, कि विकास और विनाश एक साथ साथ चलते हैं। अगर किसी एक सेक्टर का विकास होता है। तो कहीं ना कहीं किसी दूसरे सेक्टर का विनाश भी साथ-साथ होता रहता है। यही बात भारत के संदर्भ में भी है। आपको बता दें, कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण और विकास के दृष्टिगत भारत में वर्ष 2020-21 में हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई है। जिसके बारे में आज हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं।

लोकसभा में उठा सवाल, दिया गया लिखित जवाब

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हरे पेड़ों की कटाई के संदर्भ में सवाल भारत की संसद में उठाया गया। सवाल का उत्तर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिया। भूपेंद्र यादव द्वारा दिए गए जवाब से यह स्पष्ट हुआ कि भारत देश में विगत वर्ष 2020-21 में विकास के नाम पर असीमित पेड़ काटे गए हैं। हालांकि यह भी कहा गया। कि संतुलन हेतु अन्य तमाम पेड़ लगाए भी गए हैं। तथा वनीकरण पर पर्याप्त प्रयास किया गया है। हालांकि यह कितना कारगर होगा यह आने वाले समय में ही पता चलेगा।

देखिए कितने पेड़ कट

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अब आपको यह बताते हैं, कि वर्ष 2020-21 में भारत में विकास के नाम पर कुल कितने पेड़ काटे गए। तो आपको बता दें, कि लोकसभा में अपनी बात रखते हुए पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि 2020-21 मई वन संरक्षण अधिनियम के तहत कुल 3097721 पेड़ कटे। आप देख सकते हैं, कि यह अपने आप में एक बहुत बड़ी संख्या है। और इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों का कटना पर्यावरण के लिए बहुत ही चिंता का विषय है।

सुखद बात यह है, कि इसी के एवज में वनीकरण पर सरकार ने पर्याप्त खर्च किया तथा बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण भी कराया। लेकिन फिर भी इस बात को नकारा नहीं जा सकता, कि विकास के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई है।

वनीकरण पर कितना खर्च किया सरकार ने

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लोकसभा में प्रश्न का उत्तर देते हुए सरकार की तरफ से बार-बार यह बात कही गई। कि भले ही विकास के दौरान पेड़ काटे गए लेकिन संतुलन स्थापित करने के लिए सरकार की तरफ से वनीकरण पर एक बड़ा बजट भी खर्च किया गया। लेकिन क्या आपको पता है, कि वह बजट क्या है? तो हम आपको बता देते हैं। कि सरकार की तरफ से कहा गया है। कि उसने वनीकरण पर इस सत्र में कुल 359 करोड रुपए खर्च किए हैं, अब यह 359 करोड रुपए कहां खर्च हुए हैं। इसका पता तो परिणाम सामने आने पर ही चलेगा।

बड़े स्तर पर हुआ वृक्षारोपण कार्यक्रम

सरकार का यह भी दावा है, कि सरकार ने बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम भी चलाया है। लोकसभा में पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि वर्ष 2020-21 में एक और जहां 3097721 पेड़ काटे गए वहीं दूसरी तरफ बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया गया। और साल भर के अंदर देश में कुल 3.6 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए।


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अगर ऐसा है, और यह सभी पौधे सुरक्षित रखते हैं। तो कहीं ना कहीं कुछ समय बाद यह सभी पौधे पर्यावरण को एक मजबूत आधार प्रदान करेंगे लेकिन अभी की स्थिति यही है। कि विकास के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई है, जो घातक है।

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दिल्ली में नहीं काटा गया एक भी पेड़

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Millions of Trees Cut एक तरफ जब पूरे देश में विकास के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही थी। तो वहीं पर दिल्ली एक अलग इतिहास लिख रहा था। आपको बता दें, वर्ष 2020-21 में विकास परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक भी पेड़ नहीं काटा गया। यह अपने आप में एक बड़ा विषय है। जब एक तरफ दिल्ली लगातार प्रदूषण की गिरफ्त में आ रहा है। ऐसे समय में दिल्ली द्वारा यह सतर्कता बरतना अपने आप में एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी वाला कदम है। देश के अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए।

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