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Inspiring Story: थाने में जमीन पर बैठे थे पिता तभी आया फोन, “पापा मैं DSP बन गया”… बहराइच के लाल ने किया कमाल

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Inspiring Story: कहते हैं मंजिल पाने के लिए हौसलों में उड़ान होनी चाहिए फिर आपकी स्थिति कितनी भी कमजोर क्यों न हो एक न एक दिन मंजिल पैरों के नीचे होती है। कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रहने वाले नीतीश तिवारी ने । नीतीश ने यूपीपीसीएस–2022 की परीक्षा में न सिर्फ टॉप –50 में रैंक पाई बल्कि अपने सपने और मेहनत के बूते वह आज एक साधारण परिवार से निकल कर डीएसपी बनने जा रहे हैं । आज इस आर्टिकल में हम आपको उन्ही से जुड़ा एक प्रेरणादायक किस्सा बताने जा रहे हैं।

UPPCS–2022 में पाई 47 वीं रैंक

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रतिवर्ष परीक्षा आयोजित की जाती है जिसमें सफल होने वाले अभ्यर्थी उच्च प्रशासनिक पदों पर चयनित होते हैं । आयोग द्वारा साल 2022 में आयोजित की गई परीक्षा का परिणाम इसी माह 7 अप्रैल को जारी किया गया था। आयोग द्वारा जारी किए गए परीक्षा परिणाम में बहराइच के एक साधारण किसान परिवार में रहने वाले नीतीश कुमार तिवारी ने 47 वीं रैंक लाकर न सिर्फ परिवार का बल्कि जिले का भी नाम रोशन कर दिया है । नीतीश का चयन डीएसपी पद पर हुआ है । वहीं डीएसपी पद पर चयनित होने के बाद नीतीश के परिवार में खुशी का माहौल है ।

सरकारी स्कूल से की पढ़ाई, मेहनत के बूते क्रैक की परीक्षा

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बहराइच के पयागपुर कस्बा निवासी नीतीश की कहानी ना सिर्फ प्रेरणादायक है बल्कि हौसलों से भी भरी हुई है । नीतीश ने प्राथमिक शिक्षा सेमरियावा के श्याम सुंदर प्राथमिक विद्यालय से पूर्ण की वहीं कक्षा आठवीं तक की पढ़ाई न्यू रॉयल मॉडर्न पब्लिक स्कूल जबकि 12 वीं उन्होंने कस्बे के ही केवी इंटर कॉलेज पयागपुर से की जबकि स्नातक की पढ़ाई उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से की । इसके बाद नीतीश सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गए । नीतीश के पिता अरविंद तिवारी सहारा इंडिया बैंक में मैनेजर पद पर कार्यरत हैं ।

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आर्थिक स्थिति थी कमजोर पर पिता ने नहीं रुकने दी पढ़ाई

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नीतीश अपनी इस सफलता का श्रेय सबसे पहले अपने माता पिता को ही देते हैं । अरविंद बताते हैं कि नीतीश की पढ़ाई के वक्त कई तरह की बाधाएं आईं। जहां आर्थिक स्थिति एक बड़ा मुद्दा था वहीं एक वक्त ऐसा भी आया जब नीतीश को तैयारी के साथ ही प्राइवेट नौकरी करने का सुझाव देना पड़ा । हालांकि अरविंद बताते हैं कि बेटे ने इसकी नौबत नही आने दी ।

वहीं डीएसपी पद पर चयनित होने वाले नीतीश बताते हैं कि उन्हें माता पिता और परिवार का हमेशा सपोर्ट मिला । नीतीश अपने दोस्त सचिन को भी नहीं भूलते जिन्होंने मुश्किल वक्त में भी उनका हाथ नहीं छोड़ा और सपोर्ट करते रहे । बता दें कि नीतीश के छोटे भाई शिरीष भी पढ़ाई करते हैं और बड़े भाई की तरह पढ़कर अच्छा मुकाम हासिल करना चाहते हैं ।

थाने में पिता को नहीं मिली कुर्सी तभी आ गया बेटे का फोन

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Inspiring Story, यूपीपीसीएस –2022 में डीएसपी पद पर चयनित होने वाले नीतीश से जुड़ा एक मजेदार किस्सा भी है । जिस दिन यूपीपीसीएस का फाइनल रिजल्ट आने वाला था उसी दिन उनके पिता अरविंद तिवारी किसी काम से थाने गए हुए थे । थाने में पिता को खाली पड़ी कुर्सियों के बावजूद भी बाहर पत्थर पर बैठने को कहा गया । पिता अरविंद बताते हैं कि एक सिपाही ने मुझसे कहा –” जब तक साहब नहीं आते तब तक बाहर पत्थर पर जाकर बैठो।

“अरविंद आगे कहते हैं कि उसी वक्त उन्हें बेटे नीतीश का फोन आया। फोन में नीतीश ने उनसे कहा –” पापा! मैं डीएसपी बन गया । ” इतना सुनते ही पिता अरविंद तिवारी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया । बता दें कि साधारण किसान परिवार से निकलकर डीएसपी बनने वाले नीतीश अपने परिवार में इकलौते अफसर हैं । डीएसपी बनने की सूचना पाकर जिले के डीएम Dr दिनेश चंद्र और एसपी प्रशांत वर्मा ने उनसे मिलकर बधाई दी ।

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