

indo china war
पूर्वी लद्दाख में मुद्दे को सुलझाने की दिशा में एक कदम के तहत भारत और चीन जल्द ही सैन्य कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता करेंगे। इस बार लाइफ ऑफ कंट्रोल के पास हॉट स्प्रिंग के नजदीकी विवाद को खत्म करने पर भी चर्चा होगी। एक अधिकारी ने बताया कि 13वें दौर की सैन्य वार्ता के लिए चीन मिलिट्री को निमंत्रण जल्द ही भेजा जाएगा।ताकि हार्ट स्प्रिग के इलाकों में मौजूदा विवाद को खत्म करने की दिशा में चर्चा की जा सकता है। हमें आशा है कि हम जल्द ही इस मामले को सुलझा देंगे। चीन के साथ मौजूदा विवादों का अंतिम क्षेत्र हॉट स्प्रिंग है। जिस पर अभी भी दोनों देशों के बीच सहमत बनानी अभी बाकी है। इसके अलावा भी देपसांग प्लेंस एक कानूनी मुद्दा जो वर्षों से बना हुआ है। चूंकि भारत ने नए तथा पुराने दोनों मुद्दों को एक साथ ही हल करने व समाधान खोजने और चर्चा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। भारत और चीन के बीच अब तक 12 दौर की वार्ता हो चुकी है। चीन के साथ हो रही बातचीत में देश की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल, आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत तथा प्रधानमंत्री कार्यालय की गाइडलाइंस की अहम भूमिका रहेगी। सन् 2020 चीन ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कई क्षेत्रों में घुसपैठ की थी। लेकिन भारतीय पक्ष ने भी उनके मूवमेंट का दृढ़ता से जवाब दिया था।
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चीन पिछले साल लद्दाख के कई हिस्सों में घुसपैठ करने की पुरजोर कोशिश की थी। लेकिन भारत के तरफ से मजबूत प्रतिक्रिया मिलने के बाद ही चीन अपने कदमों को पीछे खिचने पर मजबूर हो गया था। भारत व चीन अपने-अपने 50 हजार सैनिकों को पिछले साल ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर तैनात किया था। इसके बाद भी काफी दिनों तक वहां पर तनाव की स्थिति बनी रही। हालांकि भारत ने साफ कह दिया था कि उसे चीनी मिलिट्री पर विश्वास नहीं है।इसीलिए वह इन क्षेत्रों में चीनी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहा है। भारत और चीन के बीच पिछली बार 9 घंटे तक बातचीत चली थी। भारत चीन सैन्य वार्ता के 2 दिन बाद जारी बयान में कहा था। कि दोनों पक्षों के बीच वास्तविकता नियंत्रण रेखा के पास भारत चीन सीमा क्षेत्र के पश्चिमी सेक्टर से सैनिकों की वापसी के संबंध में स्पष्ट एवं विचार साझा किए गए हैं। और दोनों पक्षों में तनाव बिंदुओं पर शांति लाने, सैनिकों की वापसी की प्रतिक्रिया पर आगे बढ़ने तथा संयुक्त रूप से जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने की चर्चा की थी। इसकी वजह यह है कि भारतीय सेना को चीनी सेना के इरादे थोड़ा भी भरोसा नहीं है।भारत चीनी सेना की हर गतिविधि पर करीब से नजर रख रहा है। हालांकि पिछले दौर की वार्ता के फलस्वरुप गोगरा हाइट्स इलाके से सैनिकों को पीछे हटाया गया था। हालांकि इससे पहले भी फरवरी में दोनों देशों ने पैगोंग झील के किनारों सेअपनी सेनाओं को पीछे हटाया था और विवादित इलाकों में गश्त रोक दी थी।
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लंबित विवादों के समाधान के लिए वार्ता के समय चीन और पुराने मामलों को अलग रखने की कोशिश कर रहा है। लेकिन भारत नए और पुराने दोनों विवादों पर एक साथ वार्ता करने और समाधान पर जोर दे रहा है।