Smriti Irani: गोवा के सिली सोल्स कैफ़े एंड बार से जुड़ा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी को इस बार से जुड़े होने का आरोप कांग्रेस नेताओं ने लगाया था वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आरोपों को सिरे से इनकार करते हुए आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और अन्य के खिलाफ मान हानि का नोटिस देकर मुकदमा दर्ज करवाया था जिसके बाद से यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है ।
बता दें कि जहां हाई कोर्ट ने 29 जुलाई को अपने पिछले आदेश में Smriti Irani की बेटी और सिली सोल कैफ़े के बीच किसी तरह के सम्बंध नहीं होने का आदेश देते हुए कांग्रेस नेताओं द्वारा इस मामले में शेयर की गई सभी तरह की पोस्ट हटाने का आदेश दिया था वहीं अब इस मामले में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है । वहीं ट्विटर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्मृति ईरानी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है ।
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ट्विटर ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए उसके पिछले आदेश में संशोधन की मांग की है । बता दें कि हाई कोर्ट ने स्मृति ईरानी की मानहानि याचिका पर 29 जुलाई को सुनवाई करते हुए सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब आदि से स्मृति ईरानी और उनकी बेटी से जुड़ी खबरों को हटाने का निर्देश दिया था साथ ही कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, जयराम रमेश और नेट्टा डिसूजा को समन जारी किया था।
अब हाई कोर्ट के इसी आदेश का स्पष्टीकरण मांगते हुए ट्विटर ने याचिका दाखिल की है । याचिका में ट्विटर के वकील ने हाई कोर्ट से कहा है कि उनका प्लेटफार्म सिर्फ उन्ही सामग्री को हटाने के लिए बाध्य है जिसका उल्लेख वादी(स्मृति ईरानी) ने किया है और वह लिंक मानहानिकारक पाए गए हैं । वहीं हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्ण ने ट्विटर द्वारा दायर की गई याचिका पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से जवाब मांगा है ।
मंगलवार को ट्विटर द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने स्मृति ईरानी के वकील से जवाब मांगा जिसपर उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दे दिया । बता दें कि ट्विटर ने हाई कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा है कि उन्होंने मानहानि मामले में पिछला आदेश कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दिया था न कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ ।
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इससे पहले सर्च इंजन गूगल ने हाई कोर्ट को बताया था कि उसने केंद्रीय मंत्री Smriti Irani और उनकी बेटी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के उनके आदेश का पालन किया है । गूगल के वकील ने ये भी कहा कि वादी अन्य यूआरएल भी प्रदान कर सकती हैं जिन्हें पटल से हटा दिया जाएगा । इससे पहले गूगल के वकील ने कहा था कि Smriti Irani ने उन्हें सिर्फ एक यूआरएल दिया था जिसे हटा दिया गया है ।
बता दें कि पिछले महीने कांग्रेस के कुछ नेताओं ने दावा किया था कि गोवा के एक महंगे रेस्टोरेंट सिली सोल कैफ़े एंड बार का केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी से सम्बंध है । इस मामले में स्मृति ईरानी ने आरोपो को खारिज करते हुए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ 2 करोड़ रुपये का मानहानि मामला दर्ज करवाया था जिसके बाद सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि सिली सोल कैफ़े स्मृति ईरानी की बेटी का नहीं है ।
इसी के साथ हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि मंत्री पद पर आसीन स्मृति ईरानी की छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से लगाए गए आरोपों से वादी की छवि को ठेस पहुंची है । इसके बाद हाई कोर्ट ने कांग्रेस के पवन खेड़ा, जयराम रमेश और नेट्टा डिसूजा समन जारी किया था ।