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Heart Attack Causes: भारत में हर 12 सेकंड में हार्ट अटैक से एक व्यक्ति की मौत हो जाती है और ज्यादातर लोगों का यही सोचना है कि हार्टअटैक तो पुरुषों को ज्यादा आते हैं जबकि आंकड़े कुछ और ही बताते हैं आंकड़ों का कहना है कि भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में औरतें पुरुषों के मुकाबले हार्टअटैक से ज्यादा मरती है यह ऐसा सच है जो हम सभी लोगों को जानना बहुत ही जरूरी है
ताकि लोगों तक यह जानकारी पहुंचे और लोग जागरूक रहे जिससे इसका बचाव के उपाय पर भी ध्यान दिया जा सके महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादातर हार्टअटैक आते हैं इसके बहुत सारे कारण हैं जिसमें से एक कारण यह है कि महिलाओं में अवेयरनेस की कमी है आप और हम सभी लोग ज्यादातर यही मानते हैं कि महिलाओं की ज्यादा मौतें कैंसर से होती हैं जबकि किसी महिला में हार्ट अटैक से मरने की संभावना कैंसर से मरने की संभावना से 7 से 8 गुना अधिक होती है
ज्यादातर लोगों को लगता है कि छाती में दर्द होना पसीना आना सांस लेने में दिक्कत होना हार्ट अटैक के यही लक्षण होते हैं जबकि कई बार इसके लक्षण अलग तरीके से भी सामने आ सकते हैं हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं
इसीलिए यह बेहद जरूरी है कि आप को किस प्रकार से अपना ख्याल रखना है इसे समझे अगर गैस बने छाती में दर्द हो या बैक पेन हो तो बहुत जरूरी है कि आप इसका चेकअप कराएं आप इसको नॉर्मल तरीके से ट्रीट ना करें ऐसे ही धड़कन तेज होना चक्कर आना बेहोश हो जाना कमजोरी महसूस होना इन सब के कारण आपको एक बार चेकअप जरूर करा लेना चाहिए
Heart Attack Causes कई बार इन छोटी दिक्कतों को लोग इग्नोर कर देते हैं और घर में बताना नहीं चाहते हैं जबकि हमें ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए अगर ऐसी दिक्कतें आ रही हैं तो फौरन अपने घर वालों को बताएं और ट्रीटमेंट के लिए उचित उपचार करें अगर आप लोगों को इस प्रकार की दिक्कतें अक्सर हो जाती हैं तो कोशिश कीजिए कि मेडिकल हेल्प या ट्रीटमेंट ले।
हार्ट पर हाथों के द्वारा पंप करना या मसाज करने की कोई जरूरत नहीं है कई बार कहा जाता है कि इससे क्लॉट हट जाता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है ऐसा करने से आप खुद को इंजर्ड भी कर सकते हैं इससे इंजरी होने के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं तो आराम करें और आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल हेल्प ले और ऐसा कोई भी अपने ऊपर एक्सपेरिमेंट ना करें जो फायदे के बजाय आपको और उल्टा नुकसान पहुंचाए।
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एक तो यह है कि वे डॉक्टरी हेल्प देर से लेती हैं दूसरा कारण यह है कि बहुत सारे डॉक्टर भी इससे अनअवेयर हैं महिलाओं में जर्नली ब्लॉकेड छोटी नशों में होती है अर्थात महिलाओं में छोटी नसों की ब्लॉकेज होती है जिसको हम माइक्रो वैस्कुलर डिजीज कहते हैं इस से पता चलता है महिलाओं का इलाज मुश्किल है और देर से होता है और वे अपनी केयर भी कम करती हैं अपने लिए समय कम देती हैं यही सब वजह है कि हार्ट अटैक से होने वाली मौत महिलाओं में पुरुषों के अपेक्षाकृत ज्यादा होता है
बहुत जरूरी है कि हम सब अवेयर रहे पता होना चाहिए कि हमें क्या इग्नोर नहीं करना है समय से डॉक्टरी हेल्प ले और अपना इलाज कराएं ताकि इससे होने वाली डेथ्स को प्रीवेंट किया जा सके।