health tips: टीनएज बच्चों की केयर करने के कुछ जरूरी टिप्स, बनें दोस्त, लेक्चरर नहीं

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health tips टीनएज की उम्र बच्चों के जिवन का ऐसा पड़ाव है जिसमें उन्हें प्यार , मोहब्बत और नर्म रवैया अपनाकर हर बात को समझाना चाहिए। बच्चों की लाइफ का यही वो वक्त जब उन पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ अपने रिलेशन फ्रेंडली रखें। आप अपने टीनएज बच्चों को हर बात समझाने के लिए बडा सा लेक्चर देने की गलती न करें। अगर आप अपने बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार को अपनाकर उनसे बिहेव करेंगे तो वे बिला झिझक आपसे अपनी हर बात शेयर करेंगे। इससे उनके कदम लड़खड़ाने से पहले ही आप उन्हें थाम लेंगे। तो चलिए हम यहां जानते हैं टीनएज बच्चों की केयर करने के असरकारक टीप्स,
जवानी दहलीज पर खड़े बच्चों की health tips करना और उन्हें समझना पेरेंट्स के लिए वाकई बहुत बड़ी चुनौती है। बच्चे अपने लड़कपन के पड़ाव से गुजर कर जैसे ही यंग एज की तरफ बढ़ते तो उनके स्वभाव में काफी बदलाव आता है, जिसे समझने के लिए हमें बेसिक बातों का ध्यान रखना चाहिए।

दोस्त बनकर उनका भरोसा जीतें

पेरेंट्स को चाहिए कि वे भले ही लाख गुना व्यस्त रहते हैं लेकिन सबसे पहली प्राथमिकता अपने परिवार को दे। उन्हें चाहिए कि वे अपनी मसरूफियत को परे कर बच्चों के लिए वक्त निकालें। माता पिता को चाहिए कि वे बच्चों की बातें सुनें क्योंकि इस उम्र में बच्चों को ऐसा कोई चाहिए होता है, जो उनकी प्रॉब्लम्स को ध्यान से सुनें। इसके लिए सबसे जरूरी यह है कि बच्चों का दोस्त बनकर उनका भरोसा हासिल करें।

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हर बात पर न दें लेक्चर

health tips पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चों को हर बात पर लेक्चर न दें। इसके अलावा इस बात का खास ख्याल रहे कि इस उम्र में बच्चों को बात-बात पर डांटना सही नहीं है। इसके अलावा अगर उनसे कोई गलती हो भी जाए तो उनसे गलती होने पर उन्हें फ्यूचर के लिए उम्मीद दें। उन्हें हर गलती पर लेक्चर न दें। इससे बच्चे और आपका अटेचमेंट दूर हो जाएंगा।

अट्रैक्शन और लव के बीच डिफरेंस को समझाए

बच्चों के अट्रैक्शन और लव के बीच डिफरेंस को समझें और उन्हें भी इस बात को बड़ा ही नर्म रवैया अपनाकर समझाएं। health tips अगर आपका बच्चा किसी फ्रेंड में इंट्रेंस भी रखता है, तो इस बात को जानने के बाद आप इसे इश्यू बना कर गुस्से से डील न करें बल्कि इस बात को समझें कि उम्र के साथ ही उन्हें अट्रैक्शन और लव के बीच अंतर समझ आ जाएगा। इस तरह की कंडीशन में अपने बच्चों पर निगाह रखें और अगर कुछ गरबडी महसूस हो तो बड़े ही प्यार से उन्हें समझाने की कोशिश करें।

न करें बच्चों जैसा व्यवहार

टीनएज के पड़ाव में बच्चे अपने आपको उम्र से पहले बड़ा समझने लगता है और ऐसे में अगर आप उनसे बच्चों जैसा बिहेव करेंगे, तो इससे वह गुस्सा हो सकते हैं।

फेलियर का स्वीकार करें

आज के हर पेरेंट्स अपने बच्चों सफलता का मंत्र और गुर तो बता देते हैं, लेकिन उन्हें अपने फेलियर को डील करना बिल्कुल ही नहीं सिखाते। ऐसे में बच्चे अपनी हार को एक्सेप्ट नहीं करते और इसे बहुत बड़ी प्रॉब्लम समझकर हताश हो जाते हैं। कई बार तो बच्चे अपनी हार से इतना मायूस हो जाते हैं कि ये हार उन्हें सुसाइड करने पर मजबूर करती है।

बच्चों पर रखें कड़ी निगाह

पेरेंट्स को चाहिए कि भले ही वे अपनी जोब या अन्य किसी भी रूटिन को लेकर व्यस्त रहते हो लेकिन यह बेहद ही जरूरी है कि health tips उनके लिए सबसे पहली प्राथमिकता अपने परिवार और बच्चे ही होने चाहिए। पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने काम को मेनेज करते हुए अपने टीनएज बच्चों पर कड़ी निगाह रखें। किंतु, इस बात का भी ख्याल रखें कि बच्चों को इसकी भनक न लगने पाएं। इन टिप्स को फोलो कर आप अपने बच्चों का मनोबल मजबूत करने के अलावा आप उनके कदम लड़खड़ाने से भी बचा सकते हैं।

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