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Harshad Mehta: कहानी करोड़ों का घोटाला करने वाले हर्षद मेहता की, जिसे Stock Market का अमिताभ बच्चन कहा जाता था

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Harshad Mehta 2021 में चर्चा में आए थे। हर्षद मेहता ऐसे शख्स थे। जिन्होंने 1990 के दशक में देश का वित्तीय बाजार बुरी तरह से हिला कर रख दिया था। हालांकि इसके बाद उनके जीवन पर किताब भी लिखी गई और वेब सीरीज भी बनी। अब अभिनेता अभिषेक बच्चन की फिल्म “द बिग बुल” आ चुकी है। जिसके बाद से लोगों में इस कहानी का क्रेज और भी ज्यादा बढ़ गया है।

Harshad Mehta

लोगों के जहन में आज भी है 1992 के स्कैम की यादें

बता दें कि देश में इकोनॉमिक्स रिफॉर्म्स की शुरुआत वर्ष 1991 में हुई थी। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वर्ष 1990 से 1992 का समय बड़े बदलाव का समय था। लेकिन इसी बीच एक ऐसा घोटाला सामने आया। जिसने शेयरों की खरीद बिक्री की प्रक्रिया में ऐतिहासिक परिवर्तन किए। इस घोटाले के जिम्मेदार हर्षद मेहता थे। ये घोटाला लगभग 4000 करोड़ रुपए का था एवं इसके बाद से ही सेबी को शेयर मार्केट में गड़बड़ी को रोकने की ताकत दी गई। घोटाला के मुख्य आरोपी हर्षद मेहता का वर्ष 2002 में निधन हो गया। लेकिन 1992 के बहुचर्चित स्टॉक मार्केट स्कैन की यादें अभी भी बहुत कम लोगों के जहन में है।

Harshad Mehta

Harshad Mehta कौन है??

आपको बता दें हर्षद मेहता का जन्म 29 जुलाई 1954 को पटेल मोटी, राजकोट गुजरात में हुआ था। हालांकि उनका बचपन मुंबई की कांदिवली में गुजरा। उन्होंने होली क्रॉस बेरोन बाजार सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की। लाजपत राय कॉलेज से मेहता ने बीकॉम की पढ़ाई की। 8 वर्षों तक उन्होंने छोटी नौकरी की। पहली नौकरी न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में बतौर सेल्स पर्सन की थी। फिर उन्होंने हरिजीवनदास नेमीदास सिक्योरिटीज नाम के ब्रोक्रेज फार्म में नौकरी की।

1984 में खुद की ग्रो मोर रिसर्च एंड ऐसेट मैनेजमेंट नाम की कंपनी शुरू की एवं बीएससी में बतौर ब्रोकर मेंबरशिप ली। मेहता ने मार्केट के हर पैतरे प्रसन्न परिजीवनदास से सीखे। मेहता को “बिग बुल” कहा जाता था क्योंकि उसने स्टॉक मार्केट में बुल रन शुरू किया था।

काला चिट्ठा हर्षद मेहता का

Harshad Mehta ने वर्ष 1984 से शुरुआत कर 1992 तक पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्ष 1992 में हर्षद मेहता के पाप का घड़ा भर गया। 1990 में हर्षद मेहता इंडियन स्टॉक मार्केट का बड़ा नाम बन चुका था। यह कहा जाता है कि 1990 के दशक में हर्षद मेहता ने शेयर बाजार को मैनिपुलेट कर एसीसी के शेयर का भाव आसमान पर चढ़ा दिया था। हर्षद मेहता ने एसीसी के शेयर को ₹200 से ₹9000 के स्तर तक पहुंचा दिया था।

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गलत रास्ता चुना ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में

इसके अलावा बैंकिंग सिस्टम की कमियों का फायदा उठाकर हर्षद ने बैंकिंग लेनदेन में फर्जीवाड़ा किया। पत्रकार सुचेता दलाल ने उस समय अपने लेख में यह बताया था कि हर्षद मेहता कैसे फर्जीवाड़े को अंजाम देता था। हर्षद मेहता शेयर बाजार में अधिक पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाना चाहते थे। लिहाजा उन्होंने जाली बैंकिंग रसीद जारी करवाई। हालांकि इसके लिए उन्होंने दो छोटे बैंकों को झांसे में लेकर अपने नापाक इरादे को भी अंजाम दिया।

Harshad Mehta

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1992 में भंडाफोड़ हुआ

बता दें कि अंधाधुन शेयर बाजार से कमाई के दौरान हर्षद मेहता की सी फेसिंग बंग्लो एवं लग्जरी कारें अखबारों की सुर्खियां बनने लगी थी। इनके बीच 1992 में हर्षद मेहता का सच देश के सामने आ चुका था। जिसके बाद से हर्षद मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया। हर्षद मेहता के खिलाफ दर्जनों शिविर एवं क्रिमिनल केस फाइनल हुए। एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार देते हुए हर्षद मेहता को 5 वर्ष की सजा एवं ₹25000 का जुर्माना लगाया गया था।

सीने में दर्द की शिकायत की वजह से मौत हो गई

आपको बता दें कि हर्षद मेहता ठाणे जिले में बंद थे। उनको अचानक से सीने में दर्द की शिकायत के बाद से ठाणे में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर उनकी मौत हो गई। हर्षद मेहता की वेब सीरीज के अलावा भी एक फिल्म आई। जिसमें अभिषेक बच्चन हर्षद मेहता का किरदार निभा रहे हैं।

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