Gujarat Riots Case 2002: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अंतरिम जमानत मिलने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड (Teesta Setalvad) को शनिवार 3 सितंबर को जेल से रिहा कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को तीस्ता सीतलवाड (Teesta Setalvad) की जमानत याचिका को सूचीबद्ध करने में देरी को लेकर गुजरात हाईकोर्ट के खिलाफ सख्त टिप्पणियां भी की थी। जमानत के साथ ही मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस एस. रवीन्द्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने तीस्ता सीतलवाड को गुजरात हाईकोर्ट में नियमित जमानत याचिका पर फैसला आने तक अपना पासपोर्ट निचली अदालत के पास जमा कराने का आदेश दिया है।
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SC ने सीतलवाड से गुजरात दंगे में लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोपों की जांच में संबंधित एजेंसी के साथ सहयोग करने को कहा है। वहीं न्यायाधीश की पीठ ने सीतलवाड की अंतरिम जमानत मंजूर करते हुए यह भी कहा कि एक महिला पिछले 25 जून से हिरासत में है। हिरासत के दौरान सबरी जरूरी पूछताछ हो जाने के बाद अंतरिम जमानत पर सुनवाई अब तक हो जानी चाहिए थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि तीस्ता सीतलवाड (Teesta Setalvad) 7 दिनों के लिए पुलिस की हिरासत में थी। न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि फिलहाल हाईकोर्ट के पास यह मामला लंबित है इसलिए वह जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस बात पर विचार कर रहे हैं कि ऐसी अर्जी लंबित होने के दौरान क्या अपीलकर्ता को हिरासत में रखा जाना सही है या फिर उन्हें अंतरिम जमानत पर छोड़ना चाहिए। अब हम उनकी अंतरिम जमानत को मंजूर कर रहे हैं।
गुरुवार को SC अदालत ने गुजरात हाईकोर्ट में सीतलवाड (Teesta Setalvad) की जमानत याचिका को सूचीबद्ध करने में इतनी देरी होने का कारण जानना चाहा और पूछा कि क्या ‘इस महिला को अपवाद समझ लिया गया है?’
इस सवाल के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी अचरज का इजहार किया कि आखिरकार गुजरात हाईकोर्ट ने तीस्ता की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के छह हफ्ते बाद 19 सितंबर को याचिका सूचीबद्ध क्यों की थी।
जकिया जाफरी (Gujarat Riots Case 2002) वाले मामले में भी शीर्ष अदालत के 24 अगस्त के फैसले के बाद सीतलवाड के खिलाफ दर्ज मामले का उल्लेख करते हुए न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि आज यह मामला जहां पहुंचा है, वह सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में जो कुछ हुआ उसकी वजह से ही है।
Gujarat Riots Case 2002, सीतलवाड (Teesta Setalvad) को फैसला सुनाये जाने के एक दिन बाद 25 जून को अरेस्ट कर लिया गया गया था। वहीं गुजरात हाईकोर्ट ने सीतलवाड की जमानत याचिका पर तीन अगस्त को ही राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले की सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तारीख मुकर्रर की थी।