Gorakhnath Mandir: योगी सरकार ने देश के कई राज्यों में Loudspeaker को लेकर मचे बवाल के बीच यूपी में सांप्रदायिक सौहार्द की एक मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री योगी की अपील पर सबसे पहले श्री कृष्ण जन्मभूमि से Loudspeaker हटाया गया। उसके बाद से अब Gorakhnath Mandir परिसर के Loudspeaker की आवाज को धीमा कर दिया गया है।
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आपको बता दें कि ये पहल सीएम योगी आदित्यनाथ के उस निर्देश के बाद से लिया गया है। जिसमें उन्होंने सारे धार्मिक आयोजनों तथा धार्मिक स्थलों में शांति बनाए रखने के लिए बिना अनुमानित कोई भी धार्मिक जुलूस नहीं निकाला जाना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने यह बताया था कि ऐसे आयोजन से बचना चाहिए। जिससे प्रमुख स्थलों में लाउडस्पीकर के उपयोग से दूसरों को असुविधा हो।
Gorakhnath Mandir में नाथ संप्रदाय के सिद्ध पीठ गोरक्षनाथ मंदिर परिसर, मानसरोवर मंदिर परिषद तथा मंगला देवी मंदिर परिषद में Loudspeaker की आवाज को बहुत ही कम कर दी गई है। चूंकि अब मंदिर परिषद के बाहर आवाज नहीं जाएगी। यह व्यवस्था गुरुवार से ही लागू कर दी गई है। मंदिर के मैनेजर द्वारिका तिवारी ने यह बताया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ही गोरक्ष पीठ के महंत हैं। मुख्य मंदिर परिसर में Loudspeaker की आवाज़ धीमी करने के साथ ही उन्हें सड़क, सार्वजनिक स्थलों तथा बाजार की ओर से भी हटा लिया गया है।
द्वारिका तिवारी ने कहा कि मंदिर के सारे प्रमुख द्वारों पर लगे हुए Loudspeaker की आवाज अब इतनी ज्यादा धीमी है कि लोगों को भजन सुनने के लिए Loudspeaker के सामने खड़ा होना पड़ता है। वहीं पर मंदिर में बरसों से अपनी दुकानें चला रहे मुस्लिम परिवारों का यह कहना है कि मंदिर में शुरू से ही लाउडस्पीकर की आवाज काफी ज्यादा धीमी रहती है। इसका कारण से उनको कभी भी कोई समस्या नहीं आती है।
मुस्लिम दुकानदार मुस्तकीम तथा इस्तियाक ने यह बताया कि योगी आदित्यनाथ प्रदेश में जो फैसला लेते हैं उसको पहले वह खुद ही अमल में लाते हैं। Loudspeaker की आवाज कम करने का फैसला भी इसी का एक हिस्सा है।
आपको बता दें कि गोरक्ष पीठ मंदिर में प्रत्येक रोज सुबह 4 से 6 बजे तक तथा शाम को 4 से 6 बजे तक Loudspeaker के जरिए भजनों तथा आरती का प्रसारण होता है। अब गोरक्ष पीठ Loudspeaker की आवाज कम करने के साथ ही साथ प्रसारण समय को भी कम करने की कोशिश कर रहा है। गोरक्ष पीट दो हमेशा से ही अपने फैसलों के जरिए ही लोगों को सुविधा देने की कोशिश करता है। Loudspeaker की आवाज सबसे पहले कम करके एक नजीर स्थापित कर रहा है।
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह कहा था कि सारे लोगों को अपनी धार्मिक विचारधारा के मुताबिक अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है। मुख्यमंत्री योगी में ट्वीट कर यह स्पष्ट कहा था कि कोई शोभायात्रा या फिर धार्मिक जुलूस बिना पूर्व अनुमति के नहीं निकाला जाए। इसके साथ ही साथ उन्हें जुल्फों को अनुमति दी जाए जो पारंपरिक हो। शांति सौहार्द्र कायम रखने की लिए इस संबंध में भी शपथ पत्र लिया जाए।