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G-7 विकसित देशों का एक अंतर सरकारी संगठन है इसकी स्थापना 1975 में हुई थी। वैश्विक आर्थिक शासन, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, ऊर्जा नीति, सतत विकास और समृद्धि जैसे मुद्दों पर फोकस करना इसका उद्देश्य है । G-7 अंतर सरकारी संगठन 7 सबसे विकसित देशों का समूह है। g7 शिखर सम्मेलन इसमें संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ,फ्रांस यूनाइटेड किंगडम , कनाडा , इटली , जर्मनी , जापान शामिल है शुरुआत में इसमें 6 देश शामिल थे। 1973 में इसमें कनाडा जोड़ दिया गया तो इसके बाद से ये G-7 कहा जाने लगा।
g7 शिखर सम्मेलन 1997 में G7 के इस समूह में रूस के जुड़ जाने पर G-8 कहा जाने लगा लेकिन रूस को 2014 में कीनिया विवाद के बाद इस समूह से निष्कासित करने पर G-8 को G-7 पुनः कहा जाने लगा। प्रतिवर्ष आपसी हितों के मामलों पर चर्चा करने के लिए प्रतिवर्ष समूह की बैठक आयोजित की जाती है। प्रत्येक सदस्य देश बारी-बारी से इस समूह की अध्यक्षता करते हैं और दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी पढ़ते हैं। वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए निर्णय सदस्य देशों में गैर बाध्यकारी होते हैं सम्मेलन के दौरान यूरोपीय संघ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाता है बहरहाल इस साल सम्मेलन का 47 वां संस्करण था।
g7 शिखर सम्मेलन यह सम्मेलन कॉनवाल ( बिट्रेन ) में G – 7 देशों के 3 दिवसीय शिखर सम्मेलन का समापन हुआ है। कोरोना वायरस से निपटने की वैश्विक रणनीतियां और प्रतिबद्धताओं पर आधारित सम्मेलन था इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल शिरकत की। कोरोना वायरस से निपटने के लिए मोदी जी ने ” वन अर्थ , वन हेल्थ ” का मंत्र दिया । g7 शिखर सम्मेलन इस बैठक में भारत , ऑस्ट्रेलिया ,दक्षिण अफ्रीका ,दक्षिण कोरिया को बतौर मेहमान शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।
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( g7 शिखर सम्मेलन ) सम्मेलन के आखिरी दिन में G7 नेताओं के फोकस में जलवायु परिवर्तन का मुद्दा रहा। G-7 सदस्य देशों ने पर्यावरण संकट से निपटने के लिए संयुक्त सहयोग को समर्थन दिया । साझा बयान में कहा गया कि हम 2080 तक दो दशकों में सामूहिक उत्सर्जन को आधा करने और 2025 तक जलवायु वित्त को बढ़ाने व सुधारने और 2030 तक भूमि और महासागरों के कम से कम 30% के संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता है । इसके अलावा गरीब देशों को उत्सर्जन कम करने में मदद के लिए $ 100 अरब देने पर सहमति बनी। G-7 के देशों ने 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य तक पहुंचाने का इरादा जताया है जी 7 देशों ने लड़कियों की शिक्षा ,भविष्य की महामारी को रोकने के लिए और वैश्विक स्तर पर हरित ढाचा को लेकर मदद के लिए के संबंध में महत्वाकांक्षी घोषणाएं की।
g7 शिखर सम्मेलन जी 7 देशों की सम्मेलन में डब्ल्यूएचओ expert से कोरोना की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए पारदर्शी जांच को पुनः करवाने की बात कही चीन पर लग रहे मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों पर भी बयान जारी किया गया चीन पर आरोप है कि शिनजियांग में अल्पसंख्यक मुस्लिम के अधिकारों का हनन कर रहा है जिसे 1 सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति वाइडन ने कड़ा रुख अपनाया वाइट सीधे तौर पर निपटेगा ।
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g7 शिखर सम्मेलन एक अहम बात सामने निकल कर आई है कि अमेरिका भी चीन की राह चलेगा चीन के वन बेल्ट वन रोड यानी चीन के OBOR प्रोजेक्ट के खिलाफ अमेरिका ने ” बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड ” (B3W) प्रस्ताव G7 में दिया है। दूसरी तरफ यह माना जा रहा है कि अमेरिका को समझ आ गया है कि वैश्विक स्तर पर अपनी साख वापस पाने के लिए गरीब देशों में बड़े निवेश करने होंगे ।
( g7 शिखर सम्मेलन ) G7 शिखर सम्मेलन में ऐलान किया गया कि अगले साल तक कोरोना वैक्सीन की 1 बिलीयन डोज दान करेंगे । विट्रेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जी 7 देशों के नेता महामारी के द्वारा में राष्ट्रवादी और शुरुआत के स्वार्थी रुख से आगे बढ़ना चाहते हैं अमेरिका 50 करोड़ तथा बिट्रेन ने 100000000 पूरा करें देने का संकल्प जताया है कनाडा ने 10 करोड़ फराह को और फ्रांस ने 60000000 खुराक आपूर्ति होगी इन सभी टीको की आपूर्ति 2022 तक की जाएगी एक अहम घोषणा टैक्स से जुड़ी है। G7 के देशों ने कर से बचने की कोशिश कर रहे बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर कम से कम 15% ग्लोबल मिनिमम टैक्स लगाने की सहमति जताई साथ ही चीन के बाजार विरोधी आर्थिक नीतियों से मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करने के लिए सहमति जताई।
g7 शिखर सम्मेलन भारत के लिए वैश्विक राजनीति में अपनी दावेदारी मजबूत करने का यह बेहतरीन मौका हो सकता है। भारत और पश्चिमी देशों के हितों के बीच अभूतपूर्व तालमेल हो रहा है G7 विस्तार होने पर भारत की भूमिका बढ़ने की संभावना है। और चीन की आक्रामकता पर रोक लगेगी जिससे भारत को भी फायदा है।