मूवी रिव्‍यू, अंतिमः द फाइनल ट्रुथ : पहले दिन ही से मिला खास प्रतिभाव, फैंस ने चमका दी ” अंतिम” की किस्मत

Published by

 

 

फिल्म क्रिटिक्स और ऑडियंस से फिल्म को मिलाजुला रिस्पांस मिल रहा है। अंतिमः द फाइनल ट्रुथ पूरी तरह से एक नेपोटिज्म-फिल्म है। बॉलीवुड में यह ऐसी पहली या आखरी  फिल्म भी नहीं है। इसे देखते ही हम पांच मिनट में अंदाजा लगा सकते हैं कि खान परिवार अपने जमाई राजा को बॉलीवुड में जमा देने के लिए बडा ही बेताब है। लेकिन इस कुनबा-परस्ती में आयुष शर्मा का फायदा कम हुआ और नुकसान ज्यादा हुआ है। फायदा यह है कि सलमान की वजह से दर्शक तो फिल्म को मिल ही जाएंगे और नुकसान यह कि इस सुपर सितारे की मौजूदगी में आयुष की मेहनत हाशिये पर सरक जाती है। इसमें यह संदेह नहीं कि डेब्यू फिल्म लव यात्री (2018) के मुकाबले आयुष यहां कुछ मंजे हुए हैं। उनका लुक निखरा है और व्यक्तित्व भी बदल गया है। वह एक्टिंग करने की  भी बहुत ही अच्छी कोशिश भी कर रहे हैं।

अंतिमः द फाइनल ट्रुथ की स्टोरी

 

 

 

 

 

 

सलमान खान और आयुश शर्मा की फिल्म अंतिमः द फाइनल ट्रुथ’ हिट मराठी फिल्म ‘मुल्शी पैटर्न’ का ऑफिशल रीमेक है। ये पिक्चर छोटे शहर के उभरते नवजवान राहुल (आयुष शर्मा) की कहानी है, जो पुणे के सबसे खतरनाक भू-माफियाओं की गेंग में शामिल होकर अपने बहुत से दुश्मन बना लेता है , कानूनों को तोड़ता रहता है। इस पिक्चर की स्टोरी में यह बताया गया है कि जब राहुल अपने पिता सत्या (सचिन खेडेकर) को बचाने के लिए दौड़ता है, जिन्हें भू-माफियाओं द्वारा मारा जा रहा है। भू-माफियाओं ने उनकी पुश्तैनी जमीन को भी हाथिया ली थी। धीरे धीरे राहुल एक बेरोजगार नौजवान से एक खतरनाक गैंगस्टर बन जाता है। उसे पुणे के सबसे प्रभावशाली गुंडे नान्या भाई (उपेंद्र लिमये) अपने साथ शामिल कर लेते हैं। लेकिन इन सभी के लिए पुलिस इंस्पेक्टर राजवीर सिंह (सलमान खान) एक सर का दर्द है, जो यह बहुत ही अच्छे तरीके से जानते है कि शहर के तमाम क्राइम को किस तरह से जड से मिटाना है।

‘अंतिमः द फाइनल ट्रुथ’ का रिव्यू

इस पिक्चर का डायरेक्शन महेश मांजरेकर ने किया है और उन्होंने गैंगस्टर की कहानी के लिए प्लेटफॉर्म बनाया है। सलमान की इस पिक्चर को बड़े पैमाने पर मनोरंजन के लिए बनाया किया गया है। किंतू, इस फिल्म में सलमान की मौजूदगी होने के बावजूद ऐक्शन की कमी देखी गई है। साथ ही इस फिल्म ऐक्शन से ज्यादा डायलॉगबाजी की भरमार ही है और ये ही इस पिक्चर की कहानी में रुकावट डालता है। पिक्चर के पहले हाफ में इन्टरवल से पहले बड़े प्लॉट ट्विस्ट है जो दूसरे हाफ में सभी केरेक्टर के लिए गति बनाए रखने में बहुत ही मदद कर रहा है। महेश मांजरेकर ने बड़ी ही होशियारी और कुशलता से ग्रामीण और शहरी महाराष्ट्र को पेश किया है। साथ ही इस फिल्म में करण रावत की सिनेमेटोग्राफी ने शहर के विकास को बड़ी अच्छी तरह से दिखाया है। फिल्म में मांजरेकर ने पॉप्युलर मराठी ऐक्टर्स को कास्ट पिक्चर को मजबूत बना दिया है। फिर भी फिल्म में कुछ सीश दर्शक को बोर करते है क्योंकि एक ही जैसे संघर्षों को बार-बार दिखाने से टाइमिंग बढ़ जाता हैं। लेकिन ही इस फिल्म के सभी गाने बहुत ही जबरदस्त हैं।

सलमान खान एक निडर अधिकारी की भूमिका में

इस पिक्चर से सलमान खान अपने पुलिस अवतार में लौट आए हैं । फिल्म में वह निडर सरदार की भूमिका में है। सलमान खान के लिए पुलिसकर्मी का रोल निभाना बहुत आसान होता है क्योंकि वह अपनी शर्ट फाड़कर बदमाशों को पीटते हैं। सलमान के बहनोई आयुष शर्मा भी फिल्म में अपनी मजबूत बॉडी के साथ नजर आ रहे है और सलमान खान के साथ लाजवाब बॉन्डिंग बनाने की कोशिश करते हैं। आयुष शर्मा ने अपनी पहली फिल्म के बाद काफी ही लंबा समय लिया है। इस फिल्म में आयुष शर्मा की मांडा (महिमा मकवाना) के साथ लव केमिस्ट्री को दिखाई गई है, जो बेहद ही नीरस है और कई बार फिल्म की गति को रोकती है। इस फिल्म से महिमा मकवाना ने डेब्यू किया है।
महेश मांजरेकर की यह पिक्चर मनोरंजन के साथ ही माफिया डॉन द्वारा भूमि हथियाने के मुद्दे को भी बता रही है। ये माफिया डॉन बिला झिझक ही कानून तोड़ने में भी कामयाब होते हैं क्योंकि वे राजनेताओं के साथ मिले हुए होते हैं। इसलिए अगर आप पुराने जमाने की बॉलिवुड फिल्मों को पसंद करते हैं तो ये फिल्म आपके काम की है। दरअसल, पुराने जमाने की बॉलिवुड फिल्मों में हर चीज को बड़े स्तर पर फिल्माया जाता है। वहीं, अगर आप सलमान खान के फैन हैं और उनको पुलिस की वर्दी में अपराधियों से लडते हुए देखना चाहते हैं तो ये फिल्म आपको बहुत ही पसंद आएगी।

Share
Published by

Recent Posts