Father-Son Duo in Cricket: क्रिकेट में हमने एक ही परिवार के कई खिलाड़ियों को कई बार अपने देश का प्रतिनिधित्व करते देखा है और यह अब कोई आम बात नहीं है। यह किसी भी परिवार के लिए बहुत ही ज्यादा गर्व की बात भी है।
क्रिकेट में हम दो भाईयों की जोड़ी को आमतौर पर देखते रहते हैं मगर एक ही देश के लिए पिता और फिर बेटे का क्रिकेट खेलना किसी भी परिवार के लिए काफी बड़ी सौभाग्य की बात है। ऐसे में इस आर्टिकल में हम उन 5 पिता और बेटे की जोड़ी के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपने अपने समय में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है।
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रोजर बिन्नी भारत के वर्ष 1983 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे। रोजर के पास गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की क्षमता भी थी। इसके अलावा वह एक बढ़िया बल्लेबाज भी थे जो भारतीय टीम के मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते थे। रोजर ने भारत के लिए वर्ष 1979 से लेकर 1987 तक अपना योगदान दिया था। भारत के लिए उन्होंने 27 टेस्ट और 72 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। रोजर के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी ने भी अपने पिता की तरह ही भारत के लिए क्रिकेट खेला।
स्टुअर्ट ने भारत के लिए क्रिकेट के हर प्रारूप यानी फॉर्मेट में अपना योगदान दिया। उन्होंने 6 टेस्ट, 14 वनडे और तीन T20 मैचों में भारतीय टीम के लिए अपना योगदान दिया।
ज्याफ मार्श ने ऑस्ट्रेलिया टीम के लिए एक सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाई थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए वर्ष 1985 से 1992 तक अपना योगदान दिया था। उन्होंने इस दौरान 50 टेस्ट और 117 वनडे मैच खेले थे। ऑस्ट्रेलिया के लिए उनके नाम 13 अंतरराष्ट्रीय शतक और 37 अर्धशतक भी है। ज्योफ के दो बेटे, शॉन और मिचेल भी ऑस्ट्रेलिया के लिए खेले।
दोनों भाईयों में से शॉन बड़े हैं और वह वर्ष 2008 से 2019 तक ऑस्ट्रेलियाई टीम में रहे इस दौरान उन्होंने 38 टेस्ट, 73 वनडे और 15 T20 मुकाबले खेले। मिचेल मार्श अभी भी ऑस्ट्रेलिया के लिए खेल रहे हैं और वह ऑस्ट्रेलियाई टीम का बेहद अहम हिस्सा है। उन्होंने अभी तक 32 टेस्ट, 66 वनडे और 38 T20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं।
क्रिस ब्रॉड एक सलामी बल्लेबाज थे और उन्होंने इंग्लैंड के लिए वर्ष 1984 से लेकर 1989 तक खेला था। इस दौरान अपने देश के लिए उन्होंने 25 टेस्ट और 34 वनडे मैच में अपनी दावेदारी पेश की थी। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद बीबीसी के साथ एक टीवी ब्रॉडकास्टर के रूप में काम किया था। वहीं उनके बेटे स्टुअर्ट इंग्लैंड के सबसे सफल तेज गेंदबाजों में से भी एक हैं। ब्रॉड ने वर्ष 2006 में इंग्लैंड के लिए अपना डेब्यू किया था। उन्होंने अभी तक 156 टेस्ट, 121 वनडे और 56 T20 मुकाबले खेले हैं। ब्रॉड के नाम टेस्ट में कुल 552 विकेट दर्ज है।
डेविड बेयरस्टो एक विकेटकीपर बल्लेबाज थे। उन्होंने इंग्लैंड के लिए वर्ष 1979 से लेकर 1984 तक अपना योगदान दिया था। उन्होंने इस दौरान चार टेस्ट और 21 वनडे मैचों में टीम का प्रतिनिधित्व किया था। उनके नाम एक अर्धशतक भी शामिल है। डेविड एक दाएं हाथ (राइट हैंडेड) के बल्लेबाज थे। डेविड के बेटे जॉनी बेयरस्टो इंग्लैंड के लिए क्रिकेट के हर प्रारूप (फॉर्मेट) में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने अभी तक 87 टेस्ट, 95 वनडे और 63 T20 मैच खेला है। वह एक शानदार बल्लेबाज के अलावा बढ़िया विकेटकीपर की भी भूमिका निभाते हैं।
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Father-Son Duo in Cricket, लाला अमरनाथ भारत के लिए सबसे पहला टेस्ट शतक लगाने वाले खिलाड़ी भी थे। उन्होंने वर्ष 1933 से 1952 तक भारत के लिए अपना योगदान दिया था। इस दौरान उन्होंने 24 टेस्ट खेलते हुए 24.38 की औसत से कुल 878 रन बनाए थे। लाला के बेटे मोहिंदर अमरनाथ भारत की वर्ष 1983 विश्व कप टीम का हिस्सा थे। उन्होंने भारत के लिए लगातार दो मैच जिताऊ पारी भी खेली थी। मोहिंदर ने वर्ष 1969 में टीम इंडिया के लिए अपना डेब्यू किया था और वर्ष 1989 तक भारतीय टीम के लिए खेलते रहे। मोहिंदर ने अपने करियर के दौरान 78 विकेट लिए और 13 शतक भी लगाए थे।