Farooq Shaikh
Farooq Shaikh: 80’s की फिल्म चश्मेबद्दूर में का सीधा-साधा सिद्धार्थ हो, शंतरज के खिलाड़ा का लंपट शकील हो, फिल्म कथा का शातिर बासू हो, या फिर उमराव जान का नवाब सुल्तान हो। इन सभी किरदारों को बखुबी निभाने वाले अभिनेता फारुख शेख , उन कलाकारों की श्रेणी में सबसे अव्वल आते हैं जिन्होंने अपनी अभिनय क्षमता से पर अपने किरदारों को आज भी लोगों के दिलों में जिंदा रखा हुआ है।
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Farooq Shaikh फारुख शेख हमेशा ही कॉमर्शियल फिल्मों से दूर रहते थे। अपनी करियर में उन्होंने हमेशा उन फिल्मों में ही अभिनय करना पसंद किया जिसमें उन्हें उनकी मर्जी के मुताबिक काम मिलता था। उस दौर में क्षबॉलीवुड फारुख शेख एक ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने लाइमलाइट से हमेशा दूर रहेना ही पसंद किया। 25 मार्च 1948 को गुजरात के अमरौली जिले में मुस्तफा और फरीदा शेख के घर में जन्मे फारुख शेख 5 भाइयों में सबसे बड़े थे।
Farooq Shaikh को बॉलीवुड का राहुल द्रविड़ कहा जाता था, क्योंकि काम के मामले में वह बहुत भरोसेमंद अभिनेता थे। ये बात वाकई अफसोस के काबिल है कि बॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार्स के बीच उन्हें हमने बहुत कम नोटिस किया है। लेकिन उनका अभिनय बेजोड़ व बेमिसाल रहा है। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने थिएटर से की और आगे सत्यजित रे और केतन मेहता जैसे अपने जमाने के दिग्गज डायरेक्टर्स के साथ काम किया।
Farooq Shaikh साल 1973 में आई फिल्म गरम हवा से फारुख ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। आपको इस फिल्म के बारे में जानकर बड़ी हैरानी होगी क्योंकि फारुख शेख को अपनी इस पहली फिल्म के पैसे 15 साल बाद 750 रुपये मिले थे। उसके बाद उन्होंने सत्यजित रे की फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में भी काम किया। इन सभी के अलावा फारुख शेख को असली पहचान साल 1981 में आई फिल्म चश्मेबद्दूर से ही मिली थी।
फारुख शेख बड़े ही संजीदा कलाकार थे। सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई करते वक्त उनकी मुलाकात रूपा जैन से हुई थी। करीब 9 साल तक दोनों एक-दूसरे को डेट करते रहे और फिर फारुख ने रूपा से शादी कर ली थी। इस कपल के दो बेटियां भी हैं। ऑन स्क्रीन फारुख शेख और दीप्ति नवल की जोड़ी बड़ी ही हिट मानी जाती थी। दोनों ने 7 फिल्मों से भी अधिक फिल्में साथ की हैं।
एक इंटरव्यू में फारुख शेख ने कहा था कि मुझे कभी भी खून से लिखा हुआ प्रपोजल तो नहीं मिला और ना ही मुझे देखकर ट्रैफिक रुक थम जाता था। फारुख शेख ने 90 के दशक में भी फिल्में की है । उन्होंने लाहौर, बीवी हो तो ऐसी, सास बहू और सेंसेक्स, और क्लब 60 जैसी कई फिल्मों में काम किया है। अभिनेता ने रणबीर कपूर की फिल्म ये जवानी है दिवानी और यंगिस्तान जैसी फिल्मों में भी छोटी छोटी भूमिका निभाई है।
उन्होंने अपने करियर में टीवी सीरियल्स श्रीकांत’, ‘जी मंत्रीजी’ ,’चमत्कार’ और फेमस टॉक शो जीना इसी का नाम है (jeena isi ka naam hai) को होस्ट भी किया था। साल 2010 में फिल्म लाहौर के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर की भूमिका निभाने के लिए नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। साल 2013 में दिल का दौरा पड़ने से फारुख शेख का निधन हो गया और एक संजीदा कलाकार अभिनय को अलविदा कह गया।
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फारुख शेख के बारे में कहा जाता है कि वे जितने संजीदा कलाकार थे उससे कही गुना अच्छे क्रिकेटर थे। वह हमेशा ही शूटिंग के बाद क्रिकेट की प्रैक्टिस करने जाया करते थे। भारत के पूर्व क्रिकेटर वीनू मांकड़ से उन्होंने क्रिकेट की कोचिंग ली थी।