DRDO बना रहा है एयर डिफेंस नेवी के लिए, 15 किलोमीटर दायरे के टारगेट में तबाह होंगे

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डीआरडीओ ने ओडिशा तट की कम रेंज की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल ‘VL-SRSAM’ का सफल परीक्षण किया है। जमीन से इस मिसाइल को 90 डिग्री के एंगल पर भी फायर किया जा सकता है।

डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) के अधिकारियों ने यह बताया कि नौसैनिक युद्धपोत के लिए डिवेलप किए जा रहे इस एयर डिफेंस सिस्टम से 15 किलोमीटर की दूरी तक के टारगेट को आसानी से तबाह किया जा सकता है। यह परीक्षण नेवी के सीनियर अफसर्स की मौजूदगी में किया गया।

डीआरडीओ एंट्री ड्रोन टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है.

रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह बताया था कि बॉर्डर पर बढ़ते ड्रोन हमले से निपटने के लिए डीआरडीओ स्वदेशी एंट्री ड्रोन टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। ये टेक्नोलॉजी बहुत जल्द ही सुरक्षाबलों को मुहैया कराई जाएगी। बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) के 57 वें स्थापना दिवस के इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि सरकार के लिए सीमा सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।

अग्नि-5 मिसाइल का हुआ सफल परीक्षण

अभी पिछले महीने ओड़िशा के अब्दुल कलाम दीप से अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। ये मिसाइल 5 हजार किमी दूरी तक लक्ष्य साधने की क्षमता रखती है। इसकी जद में चीन तथा पाकिस्तान समेत पूरा एशिया आएगा। यह अग्नि-5 का आठवां टेस्ट था। भारत की पहली तथा एक मात्र कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 है। जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया है।

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