Keshav Prasad Maurya: उत्तर प्रदेश पुलिस की एक और शर्मनाक करतूत सामने आई है । प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में विकास कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिलने एक दिव्यांग आया था । वह अपने लिए एक अदद ट्रायसाइकिल की गुहार लगाने कार्यक्रम स्थल तक आया लेकिन अधिकारियों ने उसकी एक नहीं सुनी और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने दिव्यांग को उठाकर कार्यक्रम स्थल से बाहर सड़क पर लाकर बैठा दिया । हाथ मे तिरंगा लिए दिव्यांग की ये फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिससे पुलिस और अफसरों की संवेदनहीनता का अंदाजा लगाया जा सकता है ।
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मामला उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का है । यहां कलेक्ट्रेट में डिप्टी सीएम Keshav Prasad Maurya को आना था । जब दिव्यांग बैसराज को इस बात का पता चला तो वह अपने लिए एक ट्रायसाइकिल की गुहार लगाने के लिए आ पहुंचा । बता दें कि उसे ट्रायसाइकिल कहीं मिल नहीं रही थी ऐसे में उसने सोचा कि मंत्री जी जिले में आ रहे हैं तो उनसे और जिलाधिकारी से ट्रायसाइकिल की मांग करेगा लेकिन उसके सारे अरमान धरे के धरे रह गए ।
डिप्टी सीएम Keshav Prasad Maurya के कार्यक्रम में आने में उसे देर हो गयी और जब तक वह जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा तब तक डिप्टी सीएम जिलाधिकारी और अन्य अफसरों सँग मीटिंग करने लगे थे ऐसे में वह कलेक्ट्रेट के गेट के बाहर जाकर बैठ गया ।
कलेक्ट्रेट के बाहर गेट पर बैठे दिव्यांग बैसराज को पुलिस वालों ने न सिर्फ गेट से हटाया बल्कि उसकी गुहार को अनसुना करते हुए दो जवान उसे गोदी में उठाकर सड़क के दूसरी ओर लाकर बैठा दिया । जहां दिव्यांग एक बार मंत्रीजी(डिप्टी सीएम) से मिलने की गुहार लगाता रहा वहीं उसकी किसी ने नहीं सुनी । हाथ मे तिरंगा लिए दिव्यांग से पुलिसकर्मियों ने बुरा बर्ताव करते हुए उसका झंडा भी छीन लिया और जबरन गोदी में उठाकर उसे कार्यक्रम स्थल से बाहर लाकर बैठा दिया ।
बता दें कि जिस वक्त दिव्यांग के साथ इस तरह की हरकत की जा रही थी उस वक्त वहां पर एसडीएम बल्दीराय मौजूद थीं । वहीं डिप्टी सीएम से घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है । हम दिव्यांग लोगों का बहुत सम्मान करते हैं । उसने कोई गलती की होगी । हम पता करते हैं ।
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दिव्यांग जैसराज सुल्तानपुर जिले के दुबेपुर ब्लाक के कटावा का रहने वाला है । बता दें कि दिव्यांग को ट्रायसाइकिल नहीं मिल रही थी जिससे उसे आने जाने में दिक्कत होती थी । जब उसे पता चला कि कोई बड़े मंत्री जिले में आने वाले हैं तो उसने सोचा कि उन्ही से गुहार लगाई जाएगी । दिव्यांग जैसराज ने बताया कि उसे न तो ट्रायसाइकिल मिल रही न ही कोई सरकारी योजना का लाभ मिल रहा था । उसने कई बार शिकायत भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ । इन्ही सब समस्याओं को लेकर वह मंत्री जी से मिलने आया था ।
बता दें कि दिव्यांग एक दिन पहले 15 सितंबर को भी डीएम ऑफिस आया था । कलेक्ट्रेट में लगे बैरियर के पास वह बैठ गया था जब अपर जिलाधिकारी(ADM) मनोज कुमार पांडेय की गाड़ी डीएम ऑफिस पहुंची तो उसने वाहन के आगे बैरियर लगाकर रोक दिया था । यहां ड्यूटी पर लगे होमगार्डों ने जब दिव्यांग को हटाना चाहा तो उसने उनका हाथ झटक दिया था । वहीं उसका बैरियर गिराने में कुछ लोगों ने मदद भी की थी । बाद में ADM के साथ चल रहे सुरक्षाकर्मियों ने दिव्यांग के हाथ से बैरियर की रस्सी छुड़ाकर गाड़ी को गेट के अंदर के गए थे ।