DC Vs RR: क्रिकेट के बारे में हमेशा से ही कहा जाता रहा है कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है । यहां कब, किस टीम की ओर पलड़ा झुक जाए यह कोई नहीं जानता। 1 गेंद या शॉट पूरे मैच की दिशा बदल देती है । हार रही टीम जीत जाती है जबकि लगभग जीत चुकी टीम मात्र 1 ओवर या 1 बाल में मैच गंवा बैठती है । कल कुछ ऐसे ही लम्हों का गवाह बना मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम,वहां बैठे दर्शक और अपने घरों पर TV, मोबाइल से चिपके क्रिकेट प्रेमी।
शुक्रवार की रात वैसे भी हर कामकाजी व्यक्ति के लिए राहत भरी होती है जिसके बाद वीकेंड शुरू हो जाता है । कल वानखेड़े स्टेडियम इसीलिए खचाखच भरा हुआ था और दर्शक इस उम्मीद में आये थे कि 4 घण्टे में उनका पूरा मनोरंजन होगा। हुआ भी । बल्कि इतनी शानदार तरीके से कि पूरा पैसा वसूल हो गया। टॉप पर चल रही राजस्थान रॉयल्स को टक्कर देने दिल्ली कैपिटल्स मैदान पर उतरी थी। दर्शकों को एक हाई प्रोफाइल मैच की उम्मीद थी
जिसकी जंग अंतिम ओवर तक चले। DC के कप्तान ऋषभ पंत ने टॉस जीता तो टूर्नामेंट में अब तक चले आ रहे ट्रेंड के अनुसार पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लेने में जरा भी देर नहीं की लेकिन तब उन्हें क्या मालूम था कि उनके इस निर्णय को RR के ओपनर ही गलत साबित कर देंगे।
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इंग्लैंड के खिलाड़ी और आईपीएल में प्रचंड फार्म में चल रहे ऑरेंज कैप धारी जोश बटलर पर सबकी निगाहें थीं । वजह थी उनका प्रचंड फार्म में होना। क्रिकेट प्रेमियों को उनसे आज फिर एक बड़ी पारी की उम्मीद थी जिसे बटलर ने बखूबी पूरा किया। जब राजस्थान का पहला विकेट गिरा तब स्कोरबोर्ड में 150 से ज्यादा रन बटलर-पडिक्कल ने जोड़ दिए थे। जाहिर था राजस्थान बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रही थी और एक छोर पर बटलर अब भी थे जो मैदान में चारों ओर शॉट मार रहे थे ।
दिल्ली के गेंदबाज बेबस नजर आ रहे थे और पिटने के सिवा उनके पास कोई चारा नहीं रह गया था । खैर बटलर ने इस सीजन का अपना तीसरा शतक पूरा किया। वह 65 गेंदों पर 9 चौके और इतने ही सिक्स लगाकर 116 रन बनाकर पारी के 19 वें ओवर में जब आउट हुए तब तक राजस्थान 200 के पार जा चुका था।
बहरहाल दिल्ली ने 223 रनों के पहाड़ से स्कोर का पीछा करना शुरू किया तब उनके सामने करीब 11.50 का रन रेट बड़ी चुनौती था जिसे उन्हें लेकर चलना था। वार्नर- पृथ्वी ने पारी की शुरुआत की और 4 ओवरों में 40 रन जब जोड़ लिए तो लगा कि दिल्ली पॉजिटिव अप्रोच से खेल रही है और मैच को अंत तक ले के जाएगी । लेकिन इसके बाद दिल्ली के ओपनर बटलर- पडिक्कल का कारनामा दोहरा नहीं सके और नियमित अंतराल में विकेट्स गिरते रहे । दिल्ली के लिए अच्छी चीज ये थी कि रन रेट अब भी उनकी पकड़ से दूर नहीं था ।
वेस्टइंडीज के रोमन पॉवेल को स्लॉग ऑवर्स में बल्लेबाजी के लिए भेजने का निर्णय DC टीम का सफल होता दिख रहा था जब पावेल ने छक्कों की बरसात कर दी हालांकि तब तक देर हो चुकी थी । अंतिम ओवर में 36 रन बनाने थे यानी हर बाल पे सिक्स मारना था। बैटिंग क्रीज़ पर पावेल थे जबकि गेंदबाजी उन्ही के हमवतन और पिछले मैच में अंतिम ओवर फेंककर स्कोर डिफेंड करने वाले तेज गेंदबाज डेवन मकाई थे ।
पहली 2 गेंदों पर जब पावेल ने 2 छक्के लगा दिए तो एकदम से पूरे स्टेडियम का माहौल गरम हो उठा। जहां दिल्ली टीम के ड्रेसिंग रूम में उत्साह दौड़ गया वहीं राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ियों और कप्तान संजू सैमसन की हवा टाइट हो गयी ।
लगभग जीता हुआ मैच हाथ से फिसलता जा रहा था। तीसरी गेंद कयामत की गेंद रही जिसने माहौल में आग तो लगाई ही नये विवादों को भी जन्म दिया। मकाई द्वारा लगभग कमर के ऊपर फेंकी गई गेंद को पावेल ने जब मिड विकेट के ऊपर से लम्बा सिक्स मारा तो मानो वक्त वहीं थम सा गया । जहां RR के खेमे में बेचैनी बढ़ गयी वहीं दिल्ली के ड्रेसिंग रूम में कमर से ऊपर की गेंद को अंपायर द्वारा नो बॉल नहीं दिए जाने को लेकर नाराजगी दिखने लगी ।
दिल्ली के कोच पोंटिंग, शेन वाटसन और कप्तान ऋषभ पंत ने अंपायर नितिन मेनन द्वारा गेंद को नो बॉल नहीं दिए जाने पर भारी नाराजगी जताई और खिलाड़ियों को वापस बुलाने लगे । मैच कुछ देर को बाधित तो हुआ ही आईपीएल के नियमों की भी अवहेलना हुई। जहां अंपायर का निर्णय मानने को मैदान में उतरी टीमें बाध्य होती हैं वहीं पंत से इस तरह के व्यवहार की किसी ने आशा नहीं की थी।
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20 वें ओवर की तीसरी गेंद पावेल ने खेली जो कि उनकी कमर से ऊपर जाती प्रतीत हो रही थी । मैच में विवाद की वजह यही गेंद थी। अंपायरिंग कर रहे नितिन मेनन ने इस गेंद को “नॉर्मल” कहा और इसी के बाद विवाद शुरू हो गया । उस वक्त दिल्ली को अंतिम 3 गेंदों में 18 रन बनाने थे और यदि यह नो बॉल हो जाती तो असम्भव से दिख रहे इस लक्ष्य को दिल्ली हासिल कर सकती थी। यही वजह थी कि अंपायर द्वारा गेंद को नो बॉल नहीं दिए जाने पर दिल्ली कैम्प भड़क उठा और मैदान में काफी देर तक अराजकता का माहौल रहा।
DC Vs RR, बता दें कि इस वाकये के बाद ही नितिन मेनन ट्विटर पर ट्रेंड होने लगे और यूजर उन्हें ट्रोल करते हुए आईपीएल से बर्खास्त करने की मांग करने लगे । गौरतलब है कि आईपीएल में यह पहला वाकया नहीं है जब किसी गेंद को लेकर विवाद हुआ हो इससे पहले भी कई बार अंपायर के फैसले विवादों का विषय बने हैं ।