Corona Third Wave : आमतौर पर शायद ही ऐसा कोई फील्ड रहा हो जिस पर कोविड की मार न पड़ी हो परंतु इन सबके बीच Corona Third Wave ने खास तौर पर ब्लड बैंकों को प्रभावित किया है, Corona Third Wave की वहज से ब्लड बैंकों में ब्लड की भारी कमी हो गई है जिससे ब्लड की आवश्यक पूर्ति नहीं कि जा पा रही है और मरीजों को इससे काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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Corona Third Wave शायद ही ऐसा कोई दिन होता हो जिस दिन किसी को खून चढ़ाने की जरूरत न पड़ती हो पर आमतौर ओर हर दिन ऐसा करने की जरूरत पड़ती ही है लेकिन स्थिति यह आ चुकी है कि मरीजों के लिये स्टॉक में खून बचा ही नहीं है,उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आई एक रिपोर्ट के मुताबिक़ प्रयागराज के एस आर एन ,कॉल्विन और बेली अस्पताल में सिर्फ 190 यूनिट खून ही बचा हुआ है।
आज स्थिति यह है कि एक एक यूनिट के लिये लोग इधर उधर भागते फिर रहे हैं परंतु जब स्थिति सामान्य थी तब इन्ही बैंकों के स्टॉक में कम से कम 800 यूनिट खून रिजर्व रहता था परंतु अब यह आँकड़ा 190 पर है जो कि बहुत चिंता जनक है।
Corona Third Wave आगे बढ़ने से पहले एक नजर और गहराई से डालते हैं तो आपको बता दें कि एस आर एन अस्पताल मे महज 40 यूनिट ब्लड,कॉल्विन अस्पताल में 50 यूनिट ब्लड तो वहीं बेली अस्पताल में सिर्फ 100 यूनिट खून ही शेष बचा है जिनमे सभी ग्रुप का खून है भी नहीं,मेडिकल की दृष्टि से यह बहुत ही गम्भीर स्थिति है जिसका निदान आवश्यक है।
आप सभी को पता है कि ब्लड ले अलग अलग कई ग्रुप होते हैं और किसी व्यक्ति को किसी भी ग्रुप का ब्लड नही दिया जा सकता,बैंकों में आयी ब्लड की भारी किल्लत के बीच कई ऐसे ब्लड ग्रुप हैं जिनका ब्लड बिल्कुल भी नहीं है,एस आर एन में ग्रुप ए, ग्रुप बी और ग्रुप एबी निगेटिव का ब्लड बिल्कुल नहीं है तो वहीं कॉल्विन में भी एबी नेगेटिव ब्लड स्टॉक में नही है जबकि बेली में एबी पॉजिटिव व निगेटिव दोनों ग्रुप का ब्लड नहीं है।
स्टॉक में खून कम होने की वजह यह है कि कोरोना की वजह से लोग शिविर में हिस्सा लेने से डरते हैं,और यही वजह है कि पिछले दो वर्षों से आयोजित हो रहे शिविरों में बहुत कम संख्या में लोग पहुँच रहे हैं और इसी वजह से लगातार ब्लड स्टॉक कम होता जा रहा है।
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ब्लड बैंक में ब्लड का स्टॉक बढाने में सबसे अहम रोल ब्लड के क्षेत्र में कार्य करने वाली समाजसेवी संस्थायें निभाती हैं अतः अब पूरी आशा इन्ही संस्थाओं पर है,आपको बता दें कि पिछले महीने कुल 2 शिविर लगे जिसमे से एक शिविर पुलिस मित्र की तरफ से लगाया गया था परंतु इन दोनों शिविरों से पर्याप्त मात्रा में ब्लड इकट्ठा नहीं हो सका। इस प्रकार ब्लड की कमी लगातर बड़ी समस्या बनती जा रही है।