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Commonwealth Games Trial: इस समय कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games Trial 2022) के लिए दिल्ली में ट्रायल (Trial) चल रहे हैं। इसी बीच इस दौरान एक बहुत बड़ा विवाद हो गया है। रेसलर (Wrestler) सतेंदर मलिक 125 किलोग्राम वर्ग के लिए मंगलवार को अपनी दावेदारी पेश कर ही रहे थे, तभी वो मैच हार गए और फैसला उनके खिलाफ आया। इस घटना के बाद उन्होंने एक सीनियर रेफरी (Referee) जगबीर सिंह के साथ जमकर मारपीट कर दी,
इसके बाद कुश्ती फेडरेशन (Wrestling Federation) ने तुरंत एक्शन लेते हुए उनके उपर आजीवन (Lifetime) प्रतिबंध लगा दिया। जगबीर सिंह को सतेंदर मलिक ने गाली दी और इसके साथ ही थप्पड़ भी जड़ दिया और वो वहीं जमीन पर गिर गए।
सतेंदर पहलवान सुशील कुमार के बहुत ज्यादा करीबी माने जाते हैं। सतेंदर के इस व्यवहार की क्या थी वजह सेना के पहलवान सतेंदर का मुकाबला वायुसेना के पहलवान से होना था। पूरा मुकाबला खत्म होने से 18 सेकंड पहले सतेंदर 3-0 से आगे चल रहे थे लेकिन वायुसेना के मोहित ने उन्हें टेक-डाउन (Take Down) किया और मैट से बाहर धकेल दिया।
इस मैच के रेफरी विरेन्द्र मलिक ने मोहित को टेक डाउन के दो अंक नहीं दिया और तभी इस पहलवान ने फैसले को चुनौती दे दी। इस बाउट के जूरी सत्यदेव मलिक थे, और उन्होंने निष्पक्षता का हवाला देते हुए अपने आप को इस निर्णय से अलग कर दिया, क्योंकि सत्यदेव और सतेंदर दोनो एक हीं गांव से आते हैं। इसके बाद ये फैसला जगबीर सिंह के पास गया।
उन्होंने टीवी रिप्ले (Replay) की मदद से मोहित को 3 अंक देने का फैसला सुना दिया। इसके बाद का स्कोर 3-3 हो गया और आखिर राउंड तक बरकरार रहा। मैच का अंतिम अंक हासिल करने पर मोहित को विजेता (Winner) घोषित किया गया। और इसी फैसले के कारण सतेंदर ने जगबीर पर हमला कर थप्पड़ जड़ दिया।
सतेंदर 57 किग्रा के मुकाबले के मैट गए वहा रवि दहिया और अमन के बीच फाइनल (final) मैच हो रहा था। वहीं जगबीर भी थे और वह उनके साथ मारपीट करने लगे।
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सतेंदर मलिक को लेकर WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि, “हमने सतेंद्र मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है और यह फैसला WFI अध्यक्ष ने लिया है। उस मुकाबले के रेफरी को भी स्पष्टीकरण के लिए बुलाया जाएगा कि मोहित को वो अंक क्यों नहीं दिए गए, जबकि उसने साफ तौर पर ‘टेक डाउन’ भी किया था। उन्होंने वहा की स्थिति को हाथ से निकलने क्यों दिया।”
जगबीर सिंह ने बताया कि मुझे नहीं पता था कि वह ऐसा कुछ करेगा। उस मुकाबले से मेरा कोई लेना-देना ही नहीं था। मैंने 97 किग्रा और 65 किग्रा के फाइनल में भी अंपायरिंग (Umpiring) की थी। मैंने उसमें फैसला तभी दिया जब मुझे ऐसा करने के लिए बोला गया।