Caste Aware Of Toilet: स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत के संकल्पना के तहत भारत सरकार लगातार नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने और अधिक से अधिक सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत है, इसी प्रयास में हर घर शौचालय की सुविधा बहाल करने के लिए सरकार ने जन कल्याणकारी योजना चलाई और हर घर में शौचालय बनवाने का कार्य शुरू किया है। लेकिन अभी भी बहुत सारे परिवार ऐसे हैं।
जहां पर या तो यह सुविधा पहुंची नहीं रही या फिर उन लोगों ने इस सुविधा को लेने से मना कर दिया,सामाजिक श्रेणी के अनुसार किस जाति के कितने परिवारों तक यह सुविधा पहुंची है। इसका पूरा आंकड़ा आज हम आपको देने वाले हैं ,आप भी ध्यान से पड़िएगा। यह आपके लिए काफी उपयोगी होगा।
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आगे बढ़ने से पहले आप लोगों को यह बता देते हैं, कि यह रिपोर्ट किस वर्ष की है..? क्योंकि यह योजना काफी लंबे समय से चल रही है,अतः इस बात को स्पष्ट किए बिना भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अतः हम आपको स्पष्ट कर दें, कि हम जिन आंकड़ों की बात करने जा रहे हैं। यह आंकड़े वर्ष 2019-20 के हैं, इस अवधि में सामाजिक श्रेणी के अनुसार शौचालय की सुविधाओं का लाभ किस जाति के परिवारों ने सर्वाधिक अथवा न्यूनतम लिया है। हम आपको बताने वाले हैं।
जैसे जैसे समय आगे बढ़ रहा है, देश का एक-एक नागरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक हो रहा है,यही कारण है कि सरकार द्वारा स्वच्छता के लिए चलाई जा रही, जन कल्याणकारी योजनाओं में सभी वर्ग समुदाय बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं, लेकिन सभी की सहभागिता में सबसे कम सहभागिता इस योजना के प्रति अनुसूचित जाति की रही है। आंकड़ों की बात करें तो कुल अनुसूचित जाति के परिवारों से मात्र 91.9% परिवारों ने ही इस सुविधा को अंगीकार किया है। या फिर यूं कहें कि मात्र 91.10% अनुसूचित जाति के परिवारों तक ही यह सुविधा पहुंच पाई है।
बात करते हैं, अन्य पिछड़ा वर्ग की तो आपको बता दें, कि इस रिपोर्ट में अनुसूचित जातियों की अपेक्षा अन्य पिछड़ा वर्ग जाति के अधिक परिवारों ने इस सुविधा का लाभ लिया था। यह भी कह सकते हैं, कि अनुसूचित जाति की अपेक्षा ओबीसी जाति के परिवारों तक यह सुविधा अधिक पहुंची है। आंकड़े बताते हैं, कि कुल ओबीसी परिवारों में से 93.6% ओबीसी परिवार ऐसे हैं, जिनके परिवार को सरकार द्वारा चल रहे शौचालय योजना का लाभ मिला है। और उन्होंने इस तरफ रुख किया है। और शौचालय बनवाया है।
सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली वर्तमान सरकार इन आंकड़ों से कुछ हद तक सफल नजर आती है। क्योंकि अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग की अपेक्षा अनुसूचित जनजाति के परिवारों के पास भी शौचालय की सुविधा पर्याप्त मात्रा में नोट की गई है,आपको बता दें, कि रिपोर्ट के मुताबिक कुल अनुसूचित जनजातीय परिवारों में से 95.1% परिवार ऐसे हैं। जिन तक इस सुविधा का लाभ पहुंचा है। और उन्होंने इस सुविधा का लाभ उठाया है।
भारत में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली जाति सामान्य जाति का आंकड़ा है। यहां पर सबसे बड़ा दिखाई देता है। आंकड़े बताते हैं, कि इस जाति के लोगों ने स्वच्छता के प्रति या यूं कहें कि सरकार की योजना के प्रति काफी दिलचस्पी दिखाई है। और जी जान लगाकर शौचालयों का निर्माण करवाया है। आंकड़े बताते हैं, कि कुल सामान्य जाति के परिवारों में से 97% परिवारों ने इस योजना का लाभ लिया है। या यूं कहें कि सामान्य जाति के 97% परिवारों तक सरकार की यह योजना पहुंची है।
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ऊपर के आंकड़ों से यह तो स्पष्ट है, ही कि हर जाति के बहुत से परिवार अभी इस योजना से वंचित है,अनुसूचित जाति के 8.1 प्रतिशत परिवार ओबीसी के 7.4% परिवार अनुसूचित जनजाति के 4.9% परिवार तथा सामान्य जाति के 3% परिवार ऐसे हैं। जिन तक अभी इस योजना का लाभ नहीं पहुंचा है ,अथवा इन परिवारों ने इस योजना का लाभ नहीं उठाया है। इस प्रकार अगर संपूर्ण डाटा दे देखा जाए। तो देश के सभी परिवारों में से कुल 94.4% परिवारों तक यह सुविधा पहुंच चुकी है ,
जबकि 5.6 प्रतिशत परिवार अभी भी इस सुविधा से वंचित है। अथवा यह वह परिवार हैं, जिन्होंने इस सुविधा का लाभ नहीं लेना चाहा है, उम्मीद है, जल्द ही ये परिवार भी इस आंकड़े में जुड़ जाएंगे।