Canada PM Justin Trudeau को अब शायद यह समझ में आ रहा होगा कि लोकतंत्र में प्रदर्शन को रोकना कितना मुश्किल होता है। भारत को लोकतंत्र पर इतना ज्ञान देने वाले कनाडा की Canada PM Justin Trudeau के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने यह बड़ा ऐलान कर दिया है तथा कहा है कि जब तक वह जस्टिन ट्रूडो की सत्ता को उखाड़ के नहीं सकेंगे, तब तक यह प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहेगा। आपको बता दें कि कनाडा की राजधानी में 50 हजार से भी अधिक ट्रक ड्राइवर्स प्रदर्शन कर रहे हैं तथा प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
Canada PM Justin Trudeau राजधानी में 9 दिनों से चल रही ट्रक ड्राइवरों के विरोध के चलते ही ओटावा में आपातकाल “स्टेट ऑफ इमरजेंसी” की घोषणा कर दी है। ओटावा के मेयर ने ये घोषणा करते हुए यह कहा कि प्रदर्शन ‘नियंत्रण से बाहर’ हो गया है। सिटी सेंटर को कोविड विरोधी उपायों के विरोधियों ने block कर दिया है। हालाकी प्रदर्शनकारी पहली बार 29 जनवरी को राजधानी पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों ने ही शहर की सड़कों पर अपनी बड़े लिंग खड़े कर दिए, टेंट तथा अस्थाई झोपड़ी लगा लगा कर राजधानी को ब्लॉक भी कर दिया।
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शहर के मेयर जिम वाॅटसन के रविवार को एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए आपातकाल की घोषणा कर दी। उन्होंने यह कहा कि निर्णय ‘चल रहे प्रदर्शन की वजह से’ लिया गया। बयान में यह कहा गया है कि आपातकाल की स्थिति घोषणा करना चल रहे प्रदर्शनों के निवासियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे को देखते हुए की गई है।
Canada PM Justin Trudeau : वाटसन ने स्थिति को पूरी तरह से ही नियंत्रण से बाहर बताया तथा कहा कि प्रदर्शनकारी हमारे पुलिस अधिकारियों की तुलना में बहुत ज्यादा है। वाटसन ने ट्रक ड्राइवरों को असंवेदनशील कहा क्योंकि उन्होंने हार्न सायरन तथा आतिशबाजी बजाकर प्रदर्शन को एक-एक पार्टी ने बदल दिया है।
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ओटावा के अधिकारियों के साथ ही शनिवार को एक आपातकालीन बैठक में पुलिस प्रमुख पीटर स्लोली ने यह शिकायत की कि उनके पास घेराबंदी को समाप्त करने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी है। हालांकि शनिवार को नगर परिषद के सदस्य डायने डीन ने प्रदर्शनकारियों के बारे में यह कहा कि ये समूह हमारे लोकतंत्र के लिए एक खतरा है, हम जो देख रहे हैं वह सिर्फ इटावा शहर की समस्या से भी बड़ा है।ये एक राष्ट्रव्यापी विद्रोह है या फिर एक पागलपन है।
जबकि यूएस-कनाडाई सीमा पार करते समय ही टीके की अनिवार्यता से नाराज ट्रक ड्राइवरों ने जो विरोध शुरू किया था। वो गोविंद 19 स्वास्थ्य प्रतिबंधों तथा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन में बदल गया।