Byju’s Update: पिछले महीने जून में Byju’s के तीन डायरेक्टर्स – पीक XV पार्टनर्स (सिकोइया कैपिटल इंडिया) के जीवी रविशंकर, चैन जुकरबर्ग इनिशिएटिव के विवियन वू और प्रोसस के रसेल ड्रेसेनस्टॉक ने बायजू बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने इस फैसले के पीछे फाउंडर रवीन्द्रन के साथ मतभेदों का हवाला दिया था।
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एडटेक कंपनी बायजू की मुश्किलें बढ़ रही है। केंद्र सरकार ने कंपनी मामलों के मंत्रालय को बायजू (Byju’s Update) के खातों के जांच के आदेश देते हुए छह हफ्तों के दरम्यान ही जांच की रिपोर्ट सबमिट करने को कहा है। इससे पहले खबरें आई थी कि एसएफआईओ (Serious Fraud Investigation Office) ने भी बायजू के खिलाफ जांच शुरू की है हालांकि कंपनी ने इस बात का खंडन किया था।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार बायजू में इस्तीफों की होड़ मची हुई थी। पिछले महीने ही कंपनी के ऑडिटर से लेकर अन्य 3 बोर्ड के सदस्यों ने भी कंपनी का त्याग किया था। वहीं कंपनी के इंटरनल एसेसमेंट के निष्कर्ष के सामने आ जाने के बाद कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने भी बाईजूस के खातों की जांच करने का निर्णय लिया है। जांच के बाद ही सरकार फैसला लेगी कि एसएफआईओ (SFIO) द्वारा भी जांच किये जाने की आवश्यकता है या नहीं।
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फिलहाल कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की जांच को लेकर कंपनी की तरफ से कोई भी बयान सामने नहीं आया है। कंपनी मामलों के मंत्रालय ने भी इस मामले पर अपनी राय नहीं दी है। हालांकि यह बात तो साफ है कि इस जांच के कारण Byju’s की मुश्किलें बढ़ भी सकती है क्योंकि कंपनी (Byju’s Update) डेट एग्रीमेंट के कुछ शर्तों का उल्लंघन करने के बाद अब 1.2 बिलियन डॉलर के टर्म लोन की रीस्ट्रक्चरिंग के लिए नए सिरे से बातचीत करने को तैयार है।
पिछले महीने ही डेलॉएट हास्किंस सेल्स (Deloitte Haskins & Sells ) ने बायजू के फाइनैंशियल स्टेटमेंट देरी से जमा करने के कारण ऑडिटर पद से इस्तीफा दिया था । वहीं Peak XV, Prosus NV और Chan-Zuckerberg Initiative के प्रतिनिधियों ने भी बोर्ड से इस्तीफा दिया था। इन तीनों इस्तीफों के कारण बायजू की छवि को गहरा धक्का लगा है।
Byju’s वित्तीय संकट से बाहर आने के लिए एक बिलियन डॉलर जुटाने की योजना पर काम कर रही है। लेकिन हाल के दिनों में सबसे ज्यादा कंपनी छंटनी को लेकर चर्चा मे है। पिछले महीने ही यह खबरें भी आई थी कि Byju’s एक बार छंटनी (Layoffs) की तैयारी में है। इस छंटनी में करीब 500 से 1,000 फुलटाइम कर्मचारियों के प्रभावित होने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। ग्रोथ की रफ्तार की गति धीमी पड़ने और मैक्रोइकोनॉमिक कंडीशन हालात के कठिन होने के कारण कंपनी खर्च को कम करना चाहती है। बीते साल ही अक्टूबर में भी Byju’s ने कहा था कि खर्च कटौती के बाद भी 2500 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है।