Synthetic Human Embryo: अब क्या सिंथेटिक बच्चे पैदा होने वाले हैं, आखिरकार सिंथेटिक भ्रूण बनाने की जरुरत किसी बायोटेक फर्म को पड़ी ही क्यों? एक बायोटेक कंपनी ने बताया है । कि अब वह इंसानों का भ्रूण सिंथेटिक तौर पर विकसित करने वाले हैं। भ्रूण बनाने का मतलब सिंथेटिक जीवन को जन्म देना होता है। यानी इंसानों का भविष्य नकली होने वाला है।
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अगस्त महीने के शुरुआत में कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया कि उन्होंने चूहे का सिंथेटिक भ्रूण अभी तक बना पाया है। लेकिन अब न नर के स्पर्म की जरुरत होगी न मादा के न ही किसी गर्भ की जरूरत पड़ेगी अब यही बात बेहद हैरान करती है। कि क्या भविष्य में बच्चे ऐसे ही पैदा होंगे। क्या किसी भी जीव या इंसान के नर और मादा एक दूसरे से बिना संबंध बनाए सिंथेटिक बच्चे पैदा करेंगे? क्या उन बच्चों के साथ आपका लगाव हो पाएगा? आखिर इस ऐसा करने के पीछे मकसद क्या है?
Synthetic Human Embryo, सिंथेटिक भ्रूण से कोशिकाओं को विकसित करके अंगों का निर्माण किया जा सकता है।
वैज्ञानिक इन सिंथेटिक भ्रूण को विकसित करके बेहद खुश हो गए हैं। क्योंकि वो मेडिकल साइंस की दुनिया में बड़ा चमत्कार करना करने वाले हैं।अगर ये सिंथेटिक भ्रूणों की खेती होने लगी तो भविष्य में लोगों को कई तरह की बीमारियों और दिक्कतों से फुरसत भी मिल जाएगी। क्योंकि इनकी खेती एक बात तो तय है कि भ्रूण के अंदर शरीर के अलग-अलग हिस्सों की कोशिकाओं को विकसित करके अंग विकसित किए जा सकेंगे। इन अंगों का उपयोग उन लोगों के लिए भी हो सकता है, जिन्हें जरुरत है. जैसे किसी को किडनी, लिवर, दिल या आंतों की भी जरुरत होती है ।
असल में चूहे के सिंथेटिक भ्रूण विकसित करने के पीछे जो मकसद है- वो है अंगों की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगा।इस प्रोजेक्ट को पूरा करने वाले वैज्ञानिकों का यह मानना है कि वो सिंथेटिक भ्रूण से बच्चा नहीं पैदा करना चाहते हैं बल्कि जरूरी अंगों को विकसित किया जाएगा वो सिर्फ भ्रूण से खास तरह की कोशिकाओं को निकालकर जरुरत के मुताबिक अंगों को विकसित किया जाएगा ताकि दुनिया भर में चल रहे अंगों की कमी को पूरा किया जा सके क्योंकि इससे अंग प्रत्यारोपण के लिए ऑर्गन्स की कमी पूरी हो सकती है।
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सिंथेटिक भ्रूण बनाकर उसके जरिए अंगों को विकसित करना किसी तरह की नैतिक बाध्यता से मुक्त मिल सकेगी । क्योंकि यह स्टैंडर्ड भ्रूण विकसित करना नहीं है। वैज्ञानिक अब सिंथेटिक भ्रूण बनाकर इंसानी कोशिकाओं को विकसित करने वाले हैं। ताकि डोनर ऑर्गन (Donor Organs) की कमी न हो और बीमारियां दूर हो इस काम से दुनियाभर में हो रही अंगों की कमी को पूरा भी कर सकते हैं। MIT टेक्नोलॉजी रिव्यू के साथ दिए गए इंटरव्यू में बायोटेक कंपनी रीन्यूअल बायो (Renewal Bio) के संस्थापक जैकब हना का कहना कि हम सिंथेटिक भ्रूण सिर्फ इंसानी कोशिकाओं को विकसित करने के लिए ही तैयार कर रहे हैं।
Synthetic Human Embryo, बहुत से ऐसे देश है किसे अंगों की जरूरत है बीमारियों के कारण वह अपने अंग हो चुके हैं अब उनको जरूरत है उनको की वैज्ञानिकों का यह कदम लोगों को अंग देने में सहायता करेगा और वह कम पैसों में ठीक भी हो सकेंगे और लोग बीमार ही कम होगे।